Varanasi News: किसानों को गांव-गांव मिलेगी सरकारी योजनाओं की जानकारी, सीडीओ ने प्रचार-प्रसार रथ को किया रवाना

Varanasi News: जागरूकता रथ के माध्यम से जनपद के ग्रामों में योजना की जानकारी के साथ ही कृषकों को फसल बीमा कराने हेतु प्रेरित किया जायेगा: हिमांशु नागपाल

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 25 July 2023 4:52 PM GMT
Varanasi News: किसानों को गांव-गांव मिलेगी सरकारी योजनाओं की जानकारी, सीडीओ ने प्रचार-प्रसार रथ को किया रवाना
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Varanasi News: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार हेतु मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने मंगलवार को किसान जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया। उन्होंने बताया कि प्रचार वाहन (जागरूकता रथ) के माध्यम से जनपद के ग्रामों में योजना की जानकारी प्रदान कराते हुए कृषकों को योजनान्तर्गत बीमा कराने हेतु प्रेरित किया जायेगा।

इन गांव में इस तारीख को पहुंचेगा रथ

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि प्रचार वाहन (जागरूकता रथ) के माध्यम से 25 जुलाई को चिरईगांव, 26 जुलाई को चोलापुर एवं हरहुआ, 27 जुलाई को पिण्डरा, 28 जुलाई को बडागांव, 29 जुलाई को सेवापुरी तथा 30 जुलाई को आराजीलाईन व पिण्डरा विकास खण्ड में एलईडी टीवी एवं योजना से सम्बन्धित पम्पलेट के माध्यम से प्रचार-प्रचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना जनपद में संचालित करने हेतु एसबीआई जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी को नामित किया गया है।

फसलों की क्षति होने पर दिया जाता है बीमा कवर

योजना के अन्तर्गत प्रतिकूल मौसमीय स्थितियों से अधिसूचित फसलों को क्षति होने की स्थिति में बीमित कृषकों को बीमा कवर, क्षतिपूर्ति प्रदान किया जाता है। जनपद में खरीफ मौसम हेतु अधिसूचित फसलें-धान, मक्का, बाजरा, उर्द, अरहर, केला एवम् मिर्च है। फसल की बुवाई न कर पाना, असफल बुवाई, फसल की मध्य अवस्था में क्षति, खड़ी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, रोगों, कीटों से क्षति, ओलावृष्टि, जलभराव, बादल फटना, भूस्खलन, बिजली गिरने से क्षति, फसल कटाई के उपरान्त आगामी 14 दिन की अवधि तक खेत में सुखाई हेतु रखी हुई फसल को ओलावृष्टि, चक्रवात, बेमौसम, चक्रवाती वर्षा से नुकसान की जोखिम को कवर किया गया है। वर्ष 2022 के अन्तर्गत जनपद के 19403 कृषकों द्वारा अपनी फसल का बीमा कराया गया।

क्षतिपूर्ति बीमा कम्पनी द्वारा सीधे कृषकों के खातों में भेजी गयी

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2022 के अन्तर्गत 3671 कृषकों को 221.91 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति बीमा कम्पनी द्वारा सीधे कृषकों के खातों में भेजी गयी है। यह योजना स्वैच्छिक आधार पर लागू किया गया है। बीमा न कराने की स्थिति में ऋणी कृषक को बीमा कराने की अन्तिम तिथि के 7 दिन पहले तक लिखित रूप से बैंक को सूचित करना होगा, अन्यथा बैंक द्वारा प्रीमियम काट लिया जायेगा। गैर ऋणी कृषक अपना पहचान पत्र, आधार कार्ड, फसल बुवाई का घोषणा पत्र, खतौनी की नकल, बैंक खाते का विवरण, आईएफएससी कोड के साथ निकट के कामन सर्विस सेंटर अथवा बैंक शाखा से फसल पर देय प्रीमियम अंश को जमा करते हुए अपनी फसल का बीमा करा सकते है। खरीफ मौसम में योजना में भागीदारी की अन्तिम तिथि 31 जुलाई है। शासन द्वारा योजना हेतु टोल फ्री नम्बर-18008896868/18002091111 जारी किया गया है, जिस पर जिससे कृषक काल करके योजना की विस्तृत जानकारी ले सकते तथा बीमित कृषक आपदा की स्थिति में क्षतिपूर्ति हेतु 72 घण्टे के अंदर टोल फ्री नम्बर पर सूचित कर सकते है। इस दौरान जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह, बीमा कम्पनी के जिला समन्वयक जितेन्द्र यादव एवम् बीमा कम्पनी के तहसील स्तरीय कर्मचारी उपस्थित रहे।

काशी में समान नागरिक संहिता को लेकर मुस्लिम महिलाओं की मोर्चेबन्दी

Varanasi News: तीन तलाक के खिलाफ काशी से पहले आंदोलन का नेतृत्व करने वाली मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने अब समान नागरिक संहिता को लेकर मुस्लिम महिलाओं के साथ बड़ी रणनीति बनाई है। लमही के सुभाष भवन में हिन्दू मुस्लिम सामाजिक महिलाओं ने बैठक कर समान नागरिक कानून के संदर्भ में चर्चा की और यह तय किया कि लॉ कमीशन के सामने मुस्लिम महिला फाउंडेशन की पदाधिकारी अपना पक्ष रखेंगी, इसके लिए लॉ कमीशन से समय मांगा। बनारस में मुस्लिम महिलाओं ने स्वयं मोर्चा संभालने का फैसला किया। मुस्लिम महिलाओं की सर्वोच्च नेता नाजनीन अंसारी ने प्रधानमंत्री को भी चिट्ठी लिखकर मिलने का समय मांगा है। समान नागरिक संहिता के समर्थन में बड़ी तादाद में मुस्लिम महिलाएं सड़क पर उतरेंगी।

इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की जिला अध्यक्ष रजिया सुल्ताना ने कहा कि किसी धार्मिक कानून के नाम पर मुस्लिम महिलाओं का शोषण नहीं किया जा सकता। हमें जमीन जायदाद में हक़ चाहिए। हलाला और तलाक के खौफ से मुक्ति चाहिए। देश में कानून बराबर होना चाहिए। फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं खुद मुख्तार बनें। खुदा और खुद पर भरोसा करें। ये सोचना छोड़ दें कि कोई मौलाना किसी मुस्लिम महिला को विपत्ति में मदद करेगा। एक समान कानून आज देश की जरूरत है। इसकी लड़ाई हम खुद लड़ेंगे। उत्पीड़न और अत्याचार की शिकार महिलाएं अब सड़क पर उतरेगी। बैठक में मुस्लिम नेता नजमा परवीन, शबनम अफरोज, शमा अफरोज, शबाना बेगम, रेशमा कुरैशी, नगीना बेगम, सुनीता, मैना, पार्वती, सरोज, रमता आदि महिलाएं शामिल रहीं।

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