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विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को चेताया, कहा- हंगामा न करे, जनता सब देखती है

उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने मंगलवार से प्रारम्भ हो रहे विधान सभा के चतुर्थ सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी दलीय नेताओं से सहयोग का आग्रह किया।

Aditya Mishra
Published on: 16 Dec 2019 1:38 PM GMT
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को चेताया, कहा- हंगामा न करे, जनता सब देखती है
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने मंगलवार से प्रारम्भ हो रहे विधान सभा के चतुर्थ सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी दलीय नेताओं से सहयोग का आग्रह किया।

विधान भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना, नेता बसपा विधान मण्डल दल लालजी वर्मा, समाजवादी पार्टी के नेता उज्जवल रमण सिंह, कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा मोना एवं अन्य सभी दलीय नेताओं ने अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया।

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सदन में संसदीय मर्यादाओं के साथ रखे अपना पक्ष : हदयनारायण दीक्षित

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सभी दल के नेताओं से अनुरोध किया कि वे अपना-अपना पक्ष सदन में शालीनता एवं संसदीय मर्यादाओं के तहत रखें।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सामान्य जनता तमाम अपेक्षाओं के साथ विधान सभा की कार्यवाही देखा करती है। विधान सभा की कार्यवाही का जीवन्त प्रसारण करने का निश्चय किया गया था।

जनता इस जीवन्त प्रसारण को बड़ी अपेक्षाभरी दृष्टि से देखती हैं। इसके प्रति जिज्ञासा भी बढ़ी है। यदि सुन्दर बहस विपक्ष की तरफ से हो रही होती है, विपक्ष की तरफ से वाद-विवाद, संवाद के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जाता है, तो आम जनता को बहुत संतोष होता है।

लोकतंत्र के प्रति इनकी आस्था, निष्ठा और मजबूत होती है। अध्यक्ष ने आरोप-प्रत्यारोप व व्यक्तिगत आक्षेप से बचने की अपील की तथा सत्र को बिना अवरोध के चलाये जाने का दलीय नेताओं से आग्रह किया।

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सरकार सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार: सुरेश कुमार खन्ना

बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि हम सार्थक, रचनात्मक बहस, विचार-विमर्श को बढ़ावा के साथ अधिकतम चर्चा, अधिक से अधिक दिनों तक सदन की कार्यवाही चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है। सदन के प्रारम्भ के पहले दिन ही हंगामे की परम्परा टूटनी चाहिए। विधान सभा चर्चा के लिए है, चर्चा होनी चाहिए। हम भी चाहेंगे कि सत्ता पक्ष के लोग सभी बातों का जवाब दे।

इसके पहले संविधान दिवस, सस्टेनेवल डेवलपमेंट गोल्स पर सदन में चर्चा हो चुकी है। सार्थक परिणाम निकले है। संविधान दिवस पर सदन में विशेष सत्र की नई परम्परा डाली गयी।

हम चाहते हैं कि सदन में हर एक मिनट का सदुपयोग हो। उन्होंने दलीय नेताओं से अपील की मुद्दो एवं तथ्यों पर, सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करें। सरकार प्रत्येक प्रकार से सदन संचालन में सहयोग प्रदान करेगी।

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यूपी विधानसभा सत्र तीन दिन चलेगा, विपक्ष ने असहमति जताई

यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों की साझा बैठक में सदन के तीन दिवसीय कार्यक्रमों पर मुहर लगाई गई। वहीं विपक्षी दलों ने सदन के इतने कम कार्यदिवस पर अपनी असहमति जताते हुए इसे बढ़ाए जाने की बात कही।

विपक्ष का कहना था कि सदन की कार्यवाही कम चलने से विपक्षी सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिल पाता है।

बैठक में सत्ताधारी दल भाजपा के अलावा बहुजन समाज पाटी के नेता लाल जी वर्मा, समाजवादी पार्टी के नेता उज्जवल रमण सिंह, कांग्रेस पार्टी के नेता आराधना मिश्रा मोना, अपना दल (सोनेलाल) के नेता नील रतन पटेल एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता कैलाश नाथ सोनकर ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किए।

साथ ही सदन की कार्यवाही को व्यवस्थित ढंग से चलाने में प्रत्येक प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन देते हुए एक स्वर से सदन की कार्यवाही के सत्र के दिनों की संख्या बढ़ाये जाने पर बल दिया।

उनका कहना था कि सदन कम दिन चलने से सभी सदस्य अपनी-अपनी बात सदन में नहीं कह पाते है। इस कारण भी अवरोध की स्थिति उत्पन्न होती है।

17 से 20 दिसम्बर, तक घोषित कार्यक्रमों पर हुई चर्चा

इसके पूर्व कार्य-मंत्रणा की बैठक में 17 दिसम्बर से 20 दिसम्बर, तक घोषित कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। सदन के पहले दिन 17 दिसम्बर को वित्तीय वर्ष 2019-20 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों का प्रस्तुतीकरण एवं इसी दिन नियम-103 के तहत सदन में प्रस्तुत चर्चाधीन प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी।

इसके अगले दिन 18 दिसम्बर को निधन के निदेश लिए जाएंगे। गुरूवार 19 दिसम्बर, को द्वितीय अनुपूरक अनुदानो पर चर्चा, विचार एवं मतदान एवं विनियोग विधेयक का पुरःस्थापन, विचार एवं पारण होगा।

दिनांक 20 दिसम्बर, 2019 को अन्य मदों के साथ विधेयकों के प्रस्तुतीकरण व पारण का कार्य सम्पन्न होगा। इसके बाद कार्यमंत्रणा समिति फिर से बैठक कर सदन को चलाने न चलाने पर बैठक करेगी।

Aditya Mishra

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