यूपी में विमुक्ति जनजाति आयोग का गठन होगा

योगी सरकार जनहित में प्रदेश में एक और काम करने जा रही है। इसके लिए राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने विमुक्ति जनजाति आयोग के गठन का सुझाव राज्य सरकार को भेजा है जिस पर विचार किया जा रहा है। ताते चलें कि विमुक्त जाति ने आजादी के पहले अंग्रेजो से जोरदार टक्कर ली थी।

Dharmendra kumar
Published on: 14 Jan 2020 4:00 PM GMT
यूपी में विमुक्ति जनजाति आयोग का गठन होगा
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लखनऊः योगी सरकार जनहित में प्रदेश में एक और काम करने जा रही है। इसके लिए राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने विमुक्ति जनजाति आयोग के गठन का सुझाव राज्य सरकार को भेजा है जिस पर विचार किया जा रहा है। ताते चलें कि विमुक्त जाति ने आजादी के पहले अंग्रेजो से जोरदार टक्कर ली थी। केन्द्र की मोदी सरकार इसके लिए आयोग का गठन पहले ही किया हुआ है। और अब उसी तर्ज पर योगी सरकार में इसके गठन की सिफारिस राजभवन से की गयी है।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने केन्द्र सरकार की भांति ही प्रदेश में विमुक्ति जनजाति आयोग के गठन का सुझाव आज राजभवन में आयोजित प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं के प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इससे विमुक्ति घुमन्तू जनजातियों को राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों के लिए आवंटित धनराशि को नियमित रूप से जारी करने को कहा है।

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उन्होंने कहा कि बजट आवंटन 605.90 लाख रूपये के सापेक्ष अभी तक 143.32 लाख रूपये की स्वीकृति यह दर्शाता है कि धन की स्वीकृति समय से नहीं हो रही है। उन्होंने विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों को भी यथाशीघ्र भरने की कार्रवाई करने को कहा, जिससे बच्चों की शिक्षा बाधित न हो। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण करायें, जिसमें छात्राओं में रक्त की कमी की जांच अवश्य हो।

अनुसूचित जनजाति के बालक एवं बालिकाओं के शैक्षिक विकास एवं उत्थान हेतु राज्य सरकार की निधि से 9 अनुसूचित जनजाति राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जो पूर्णतया आवासीय हैं। इनमें विद्यार्थियों को निःशुल्क भोजन, डेªस, पाठ्य पुस्तकें आदि उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही प्रदेश में 2 एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय शत-प्रतिशत केन्द्रांश द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।

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इसके अलावा जनजाति उपयोजना के अन्तर्गत विशेष केन्द्रीय सहायता से कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन, अत्याचार से उत्पीड़ित परिवारों को 227.12 लाख रूपये की सहायता का वितरण, छात्राओं के लिए यूनीफार्म एवं बाइसिकिल योजना, बालक-बालिकाओं के लिए छात्रावास का संचालन, पूर्व दशम् छात्रवृत्ति तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शादी अनुदान आदि योजनाओं के बारे में राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया गया।

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वर्ष 2011 के सर्वे के सभी लाभार्थियों को आवास उपलब्ध कराये जा चुके हैं, जिसमें 13,125 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तथा 254 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिया गया है।

उत्तर प्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य है जहां विमुक्त जातियों को सीमित जनपदों में जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं. यह एक घोर अन्याय है. ऐसी स्थिति में जो समुदाय अपनी मूलभूत पहचान से ही वंचित है उसे सामाजिक न्याय मिलना बहुत कठिन है।

Dharmendra kumar

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