×

यूपी : BJP और अन्य दलों के लिए क्या कहते हैं 11 विधानसभा सीटों के नतीजे?

उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दलों को कई संकेत दे गए। जहां चुनाव परिणाम में बीजेपी की सीटें घटने से संगठन और सरकार के लिए नई चुनौती पेश हुई।

Aditya Mishra
Published on: 24 Oct 2019 1:49 PM GMT
यूपी : BJP और अन्य दलों के लिए क्या कहते हैं 11 विधानसभा सीटों के नतीजे?
X

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दलों को कई संकेत दे गए। जहां चुनाव परिणाम में बीजेपी की सीटें घटने से संगठन और सरकार के लिए नई चुनौती पेश हुई। वहीं समाजवादी पार्टी की इलेक्शन स्ट्रेटजी को सही साबित कर दिया।

बता दे कि पिछले बार के विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था तो वहीं लोकसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर लड़ा लेकिन सपा हमेशा घाटे में नजर आई।

ये भी पढ़ें...यूपी: बीजेपी को तगड़ा झटका, उपचुनाव के बीच में मिली बुरी खबर

पहले से और मजबूत हुई सपा

समाजवादी पार्टी ने इस बार के चुनाव में बढ़त बनाई है। रामपुर, जैदपुर और जलालपुर में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की तो वहीं बाकी सीटों पर मजबूती से लड़ाई लड़ती नजर आई।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव रामपुर में आजम खान की पत्नी के अलावा किसी भी उम्मीदवार के लिए कहीं पर भी प्रचार करने नहीं गए।

इस तरह उप चुनाव में समाजवादी पार्टी ने खुद को मजबूत किया और अकेले मैदान में आई। जिसका फायदा उपचुनाव में साफ़ मिलता नजर आ रहा है।

वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ सभी सीटों पर प्रचार करने पहुंचे थे दूसरी तरफ बीजेपी संगठन ने सभी मंत्रियों को उप चुनाव सीटों पर जिम्मेदारी दी थी फिर भी बीजेपी ने अपनी एक सीट गंवा दी।

ये भी पढ़ें...सपा के पास कहां से आए इतने पैसे, सबसे अमीर पार्टी कैसे बनी?

बसपा और कांग्रेस के लिए मंथन का समय

जलालपुर सीट पर बसपा संघर्ष करती नजर आई। यहां से बसपा ने अपने कद्दावर नेता लालजी वर्मा की बेटी को उम्मीदवार घोषित किया था। ये बसपा की सीट थी जिसे समाजवादी पार्टी ने छीन लिया है। उपचुनावों का यह परिणाम बीजेपी के लिए सीख लेने वाला है।

इस बार गंगोह, प्रतापगढ़ और गोविंदनगर में कांग्रेस ने भी ताकत दिखाई. उपचुनाव में बसपा का सबसे बुरा हाल रहा. बसपा सुप्रीमो भी चुनाव प्रचार में नहीं उतरीं। लेकिन उनके प्रत्याशी भी कुछ खास नहीं कर पाए।

वहीं सपा के लिए अपनी रणनीति पर मुहर लगाने वाला है तो वहीं कांग्रेस के लिए अभी विचार करने का वक्त है।

ये भी पढ़ें...मायावती को बड़ा झटका: अब इस पूर्व सांसद ने तोड़ा बसपा से नाता

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story