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जानिये कैसे योगी के इस दांव से अर्दब में आईं अनुप्रिया पटेल

योगी सरकार के हुए पहले मंत्रिमंडल विस्तार में सहयोगी दल अपना दल (एस) को तवज्जों न दिए जाने के बाद इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी।

Dharmendra kumar
Published on: 22 Aug 2019 4:54 PM GMT
जानिये कैसे योगी के इस दांव से अर्दब में आईं अनुप्रिया पटेल
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: योगी सरकार के हुए पहले मंत्रिमंडल विस्तार में सहयोगी दल अपना दल (एस) को तवज्जों न दिए जाने के बाद इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी। पहले मोदी सरकार में अनुप्रिया पटेल को दोबारा जगह न दिए जाने और अब उनके पति आशीष पटेल को यूपी में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल न किए जाने के बाद इस बात की चर्चा शुरू हो गयी है।

दरअसल, इस साल हुए लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के सहयोगी दल अपना (एस) की संयोजक अनुप्रिया पटेल ने गठबन्धन जारी रहने को लेकर भाजपा को धमकी दी थी कि अगर उनके दल को मनचाही सीटें न मिली तो फिर वह गठबन्धन तोड सकती है। इसके लिए उन्होंने भाजपा पर खूब दबाव भी बनाया। यहां तक कि अनुप्रिया पटेल ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी से भी की मुलाकात हुई। इसे लेकर भाजपा हाईकमान की दिक्कते काफी बढ़ गयी थी।

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अपना दल काफी मानमनौव्वल के बाद गठबन्धन चलाने को तैयार हुआ था। यही नहीं लोकसभा चुनाव के पहले अनुप्रिया पटेल ने भाजपा पर दबाव बनाकर अपने पति आशीष पटेल को एमएलसी भी बनवाया। इसके अलावा लखनऊ में राज्य सम्पत्ति विभाग के एक बडे़ बंगले को भी पार्टी कार्यालय के नाम पर आवंटित करा लिया।

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इसके बाद जब मंत्रिमंडल विस्तार का समय आया तो अपना दल (एस) एक बार फिर योगी सरकार को अपने 8 विधायकों को समर्थन देने का दबाव बनाया। अपना दल (एस) ने मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी कोटे से अनुप्रिया पटेल के पति और विधानपरिषद सदस्य आशीष पटेल को मंत्री पद से नवाजे जाने की बात कही।

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परन्तु भाजपा इस पर तैयार नहीं हुई। भाजपा रणनीतिकारों को लगा कि जिस तरह से मोदी इफेक्ट के चलते हाल ही के लोकसभा चुनाव में उसे 64 सीटे हासिल हुई है और उसका वोट बैंक भी 50 प्रतिशत के आसपास हो गया है। तो अब उसे सहयोगी दलों पर निर्भर रहने की उतनी जरूरत नही हैं। जितनी 2014 के लोकसभा चुनाव में थी। पार्टी नेताओं ने यह भी तय किया कि यदि कुर्मी नेता को मंत्री ही बनाना है तो क्यों न भाजपा के किसी कुर्मी नेता को मंत्री बनाया जाए इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा की पुरानी नेत्री प्रेमलता कटियार की पुत्री नीलिमा कटियार और उमाशंकर पटेल को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गयी।

Dharmendra kumar

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