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घोटाले ही घोटाले: चिदंबरम के बाप हैं कांग्रेस के ये दिग्गज नेता
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा भी भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हुए हैं। उनके खिलाफ गुरुग्राम में जमीन सौदे के मामले में केस दर्ज है और इस मामले में जांच भी जारी है।
नई दिल्ली: पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई भ्रष्टाचार के आरोप में बुधवार रात गिरफ्तार कर चुकी है। वैसे कांग्रेस के चिदंबरम पहले नेता नहीं हैं, जो भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हुए हों। चिदंबरम के अलावा कांग्रेस के और भी कई दिग्गज नेता हैं जोकि भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हुए हैं।
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इस लिस्ट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के भांजे रतुल पुरी, अहमद पटेल, अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर ही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के जमानत पर बाहर होने पर चुटकी अपने भाषणों के दौरान लेते रहते हैं।
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अगर कांग्रेस नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के मामलों की बात करें तो इस लिस्ट में दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र तक के बड़े कांग्रेस नेता सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी जैसी एजेंसियों के निशाने पर हैं। सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी जैसी एजेंसियां अब चिदंबरम के अलावा इन नेताओं पर कभी भी शिकंजा कस सकती हैं। आइए, जानते हैं कि कांग्रेस के किस नेता पर भ्रष्टाचार कौन से आरोप लगे हैं।
2011 का नेशनल हेराल्ड केस
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता इस मामले में फंसे हुए हैं। आरोप है कि गांधी परिवार हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध ढंग से उपयोग कर रहा है जिसमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस और अन्य संपत्तियां शामिल हैं।
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इस आरोप को लेकर सुब्रह्मण्यम स्वामी 2012 में कोर्ट गए। कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 26 जून 2014 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को समन जारी कर पेश होने के आदेश जारी किए थे। तब से इस आदेश की तामील लंबित है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दाखिल की थी अर्जी
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी से लोन देने के नाम पर नेशनल हेराल्ड की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। कांग्रेस ने पहले नेशनल हेराल्ड की कंपनी एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को 26 फरवरी, 2011 को 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया।
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इसके बाद पांच लाख रुपये से यंग इंडिया कंपनी बनाई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास है। इसके बाद के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडिया को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडिया को कांग्रेस का ऋण चुकाना था।
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नौ करोड़ शेयर के साथ यंग इंडिया को एसोसिएट जर्नल लिमिटेड के 99 प्रतिशत शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का ऋण भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडिया को मुफ्त में एजेएल का स्वामित्व मिल गया।
अगस्ता वेस्टलैंड वीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाला
अगस्ता वेस्टलैंड वीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाला यह 2013-14 में सामने आया। इसमें कई भारतीय राजनेताओं एवं सैन्य अधिकारियों पर अगस्ता वेस्टलैंड से मोटी घूस लेने का आरोप है। इस मामले में अहमद पटेल और कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी फंसे हैं। अहमद पटेल कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव हैं।
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यूपीए-1 सरकार के समय अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद का सौदा हुआ था। यह सौदा 3,600 करोड़ रुपए का था। इसमें 360 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी की बात सामने आई जिसके बाद यूपीए सरकार ने सौदा रद्द कर दिया। एसपी त्यागी सहित 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था। जिस बैठक में हेलीकॉप्टर की कीमत तय की गई थी, उसमें यूपीए सरकार के कुछ मंत्री भी मौजूद थे। इस कारण कांग्रेस पर भी सवाल उठे थे। इस फैसले में कांग्रेस के कई नेताओं के नाम भी लिए हैं।
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अप्रैल 2014 में इटली के एक कोर्ट के फैसले के अनुसार अगस्ता सौदे में घोटाला हुआ था। अदातल ने कंपनी फिनमेक्कनिका को दोषी पाया है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, कोर्ट ने अपने आदेश में फिनमैकेनिका की अधीनस्थ कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पैगनोलिनि को भी साढे़ चार साल जेल की सजा सुनाई है।
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कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में ओरसी को कोर्ट से राहत देने वाले आदेश को बदल भी दिया। भारतीय रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, ओरसी को मिली सजा से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कंपनी के खिलाफ भारत का केस मजबूत होगा। इस फैसले में भारत के तत्कालीन एयर चीफ का नाम भी लिया गया है।
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इसके पूर्व इटली की एक अदालत ने मई 2014 में इटली के बैंकों में जमा 1818 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भारत को लेने की अनुमति दे दी थी। इस पर अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की शरण में चली गई और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण को मध्यस्थ के तौर पर नामित किया। इस पर भारत ने न्यायमूर्ति बी पी जीवन रेड्डी को दूसरा मध्यस्थ नियुक्त किया। सितंबर 2014 में जब दोनों पक्ष तीसरे मध्यस्थ पर सहमत नहीं हुए तो अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने प्रोफेसर विलियम पार्क को मामले के निपटारे के लिए नियुक्त किया।
एंबुलेस घोटाला
एंबुलेस घोटाला में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी मुख्यमंत्री सचिन पायलट फंसे हुए हैं। इस मामले को 2010 से 2013 के बीच में अंजाम दिया गया गया है। इस दौरान एंबुलेंस खरीदने के लिए जो टेंडर जारी किया गया, उसमें गड़बड़ी की गई थी।
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इस मामले में 31 जुलाई 2014 को जयपुर के अशोक नगर थाना पुलिस ने जयपुर नगर निगम के पूर्व मेयर पंकज जोशी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। राजे सरकार के अनुरोध पर मामला सीआईडी को सौंप दिया गया था।
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करोड़ों की एंबुलेंस खरीद में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एए खान, श्वेता मंगल, शफी माथेर और निदेशक एन आर एच एम के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471, और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। ईडी अब तक 12 करोड़ की संपत्तियां आरोपियों से जब्त कर चुकी है।
दिग्गज कांग्रेस नेता हरीश रावत का नाम भी शामिल
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता हरीश रावत भी सीबीआई जांच के घेरे के अंदर हैं। उनके खिलाफ अप्रैल 2016 में सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले बागी विधायकों को समर्थन के लिए घूस की पेशकश करने का आरोप है।
डीके शिवकुमार पर भी चल रहा केस
कर्नाटक में कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज है। डीके शिवकुमार के 64 ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साल 2017 में जबर्दस्त छापेमारी की थी। दरअसल, तब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को लगातार टैक्स चोरी की शिकायतें आ रही थीं। ऐसे में डिपार्टमेंट ने बड़ी कार्रवाई की थी।
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर भी लटकी तलवार
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह पर भी केंद्रीय एजेंसियों की तलवार लटकी हुई हैं। उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की जांच अभी भी चल रही है। इनपर भी आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज है। सीबीआई ने सितंबर 2015 में सिंह की बेटी की शादी के दिन ही घर पर छापेमारी की थी।
जमीन सौदे के मामले में केस दर्ज
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा भी भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हुए हैं। उनके खिलाफ गुरुग्राम में जमीन सौदे के मामले में केस दर्ज है और इस मामले में जांच भी जारी है।