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उत्तराखंड समाचारः आ गई पलायन आयोग की रिपोर्ट, CM रावत ने की जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की गतिविधयों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकाष्ठ का गठन किया गया है।

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Published on: 14 Aug 2020 2:26 PM GMT
उत्तराखंड समाचारः आ गई पलायन आयोग की रिपोर्ट, CM रावत ने की जारी
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देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में जनपद चमोली के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायान को कम करने हेतु ग्राम्य विकास एवं पलायान आयोग द्वारा तैयार रिपोर्ट का विमोचन किया।

प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना हमारा प्रयास- सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि पलायन अयोग द्वारा विभिन्न जनपदों की सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों के अध्ययन के साथ ही सम्बन्धित जनपदों से हुए पलायन, जनसंख्या, शैक्षिक स्थिति, स्वरोजगार एवं रोजगार की स्थितियों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट तैयार की गई है। जनपदों में इस प्रकार के अध्ययन से आधार भूत सुविधाओं के विकास एवं पलायन रोकने एवं स्वरोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की गतिविधयों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकाष्ठ का गठन किया गया है।

CM Rawat CM Rawat

प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो यह हमारा प्रयास है। ग्राम्य विकास एवं पलायान आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी ने यह रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के अनुसार जनपद चमोली की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 3,91,605 है। जनपद में 9 विकासखण्ड, 12 तहसील तथा 1244 राजस्व ग्राम है। कुल जनसंख्या की 81.78 प्रतिशत आबादी गांवों में तथा 18.22 प्रतिशत आबादी नगर क्षेत्र में निवास करती है। जनपद के ग्रामों में रहने वाले लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है, तत्पश्चात् मजदूरी और सरकारी सेवा है।

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जनपद में पिछले 10 वर्षों में 556 ग्राम पंचायतों से कुल 32020 व्यक्तियों द्वारा अस्थायी रूप से पलायान किया गया है। हालांकि वे समय-समय पर अपने घरों में आना-जाना करते हैं। क्योंकि उनके द्वारा स्थायी रूप से पलायन नहीं किया गया है। पिछले 10 वर्षों में 373 ग्राम पंचायतों से 14289 व्यक्तियों द्वारा पूर्णरूप से स्थायी पलायान किया गया है, जनपद के सभी विकासखण्डों में स्थायी पलायान की तुलना में अस्थायी पलायन अधिक हुआ है। आकड़ों से स्पष्ट हुआ है कि लगभग 42 प्रतिशत पलायन 26 से 35 वर्ष के आयु वर्ग द्वारा किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार चमोली की 80% जनसंख्या ग्रामीण

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ग्राम्य विकास एवं पलायान आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जनपद चमोली की 80 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। वर्ष 2001 एवं वर्ष 2011 के मध्य जनसंख्या वृद्धि की प्रतिशत 5.74 प्रतिशत था, जो कि राज्य औसत से कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि की दर और भी कम है तथा कुछ विकासखण्डों दशोली, पोखरी, कर्णप्रयाग और थराली में यह घटी है।

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आयोग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2011 के बाद जनपद में 41 और गांव/तोक गैर आबाद हो गये हैं। वर्ष 2011-12 के अनुसार जनपद चमोली की आर्थिक विकास दर 6.23 प्रतिशत है। राज्य निवल घरेलू उत्पाद के आधार पर वर्ष 2016-17(अनन्तिम) अनुमानों में जनपद चमोली की प्रति व्यक्ति आय रू0 118448 अनुमानित है।

राजधानी क्षेत्र के तीव्र विकास का तैयार किया जाए मास्टर प्लान

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आयोग द्वारा सिफारिशें की गई है कि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के तीव्र विकास के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाए। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत एंव सुदृ़ढ़ करना, योजना को upscale करके विकासखण्ड स्तर पर आर्थिक विकास का एक ढ़ांचा तैयार किया जाये। प्राथमिक एवं तृतीयक क्षेत्र पर बराबर ध्यान केन्द्रित करना आवश्यक है। पानी के पारम्परिक स्रोतों के सूखने से जल उपलब्धता एक चुनौती के रूप में आई है। अतः भूजल पुनर्भरण की योजनाओं को प्राथमिकता देनी होगी। जलवायु परिवर्तन पर राज्य सरकार द्वारा तैयार की गयी योजना तथा इसमें प्रस्तावित कार्यों का पालन किया जाए।

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सभी योजनाओं और उनके कार्यान्वयन को सामाजिक-आर्थिक उत्थान और ग्रामीण विकास के लिए एक महिला केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने, मनरेगा के तहत समान अवसर और भागीदारी सुनिश्चित करके सभी जनपदों के लिए महिलाओं का प्रतिनिधित्व एवं कौशल विकास को प्राथमिकता दिया जाने, दीन दयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सामुदायिक जागरूकता और बैंक लिंकेज को सुदृढ़ बनाने, उत्पादों के विपणन और खुदरा के लिए गतिशील ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित करने के साथ सोशल मीडिया से रणनीति विकसित किये जाने की भी रिपोर्ट में जरूरत बतायी है।

सूक्ष्म उद्योगों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता

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आयोग के अनुसार सूक्ष्म उद्योगों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। ताकि स्थानीय भूमि पर रोजगार की सुविधा उपलब्ध हो सके। पर्यटन विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जाय। इको टूरिज्म मास्टर प्लान बनाया जाय। पर्यटन से जुड़े कौशल विकास कार्यक्रमों पर बल देकर इस क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा। वन्यजीव पर्यटन, ट्रेकिंग और हाइकिंग, गृह आवास, राफ्टिंग जैसी गतिविधियों को जनपद में प्रोत्साहन दिया जाना जरूरी है।

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जनपदों में कृषि उत्पादन के लिए विशेष क्षेत्र या विकासखण्ड स्तर पर किसान उत्पादक संगठन का गठन किया जाना। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन तथा चारधाम सड़क परियोजना से जनपद चमोली के विकास में तेजी आयेगी तथा इसका लाभ उठाने के लिए जनपद प्रशासन को विशेष योजना बनानी होगी। इस अवसर पर हॉर्क के श्री महेन्द्र सिंह कुंवर, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार श्री आलोक भट्ट, तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।

रिपोर्ट- अवनीश जैन

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