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अमेरिका: मुंबई हमले की साजिश रचने वाले तहव्वुर राणा की जमानत याचिका खारिज

मुंबई आतंकवादी हमले में भूमिका को लेकर डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त 59 वर्षीय राणा के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध के बाद फिर से 10 जून को लॉस एंजिलिस में अरेस्ट किया गया था।

Newstrack
Published on: 14 Dec 2020 1:20 PM GMT
अमेरिका: मुंबई हमले की साजिश रचने वाले तहव्वुर राणा की जमानत याचिका खारिज
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मुंबई में 2008 में जब ये हमला हुआ था तब उस हमले 166 लोगों की जान गई थी। गौर करने वाली बात ये है कि जिन 166 लोगों की मौतें हुई थी। उनमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।

वॉशिंगटन: इस वक्त की बड़ी खबर अमेरिका से आ रही है। अमेरिका की एक अदालत ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी और 2008 में मुंबई हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

राणा ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और जेल में रहने के दौरान ही दो बार दिल के दौरे पड़ चुके हैं।

उसने ये भी कहा था कि वह समुदाय के लिए खतरा नहीं है, जिसका अमेरिका सरकार ने विरोध किया। उसकी जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि उसके देश छोड़कर भागने से उसके लिए खतरा खत्म नहीं हुआ है। उसे भारत ने पहले ही भगोड़ा करार दे रखा है।

Hemant Karkare मुंबई हमला( फोटो:सोशल मीडिया)

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10 जून को लॉस एंजिलिस में अरेस्ट किया गया था राणा

बता दें कि मुंबई आतंकवादी हमले में भूमिका को लेकर डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त 59 वर्षीय राणा के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध के बाद फिर से 10 जून को लॉस एंजिलिस में अरेस्ट किया गया था।

2008 में जब ये हमला हुआ था तब उस हमले में मुंबई में 166 लोगों की जान गई थी। गौर करने वाली बात ये है कि जिन 166 लोगों की मौतें हुई थी उनमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।

डेविड कोलमैन हेडली पर आरोप है कि वह 2008 के मुंबई आंतकवादी हमले की साजिश रचने में शामिल था। वह सरकारी गवाह बन गया तथा हमले में अपनी भूमिका की वजह से अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है।

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MUMBAI HAMLA मुंबई हमला (फोटो:सोशल मीडिया)

भारत की तरफ से राणा के खिलाफ कोर्ट में सौंपे गये सबूत

लॉस एंजिलिस की जिला अदालत की मजिस्ट्रेट जज जैकलिन चूलिजियान ने 10 दिसंबर को अपने आदेश में कहा कि राणा ने ‘अच्छा जमानत पैकेज’ पेश किया और देश से भागने के खतरे को उल्लेखनीय रूप से कम करने वाली शर्तों को गिनवाया।

उधर, अदालत का यह मानना है कि उसने भागने के खतरे की शंका को दूर नहीं किया है। अदालत ने राणा को जेल में रखने के अमेरिका सरकार के आग्रह को मंजूरी दे दी।

इसी बीच राणा के प्रत्यर्पण के लिए भारत की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों को सार्वजनिक नहीं करने के भारतीय आग्रह का अदालत में अमेरिका सरकार ने समर्थन किया है।

भारत ने प्रत्यर्पण के लिए जो दस्तावेज पेश किए हैं, उनमें प्रत्यक्ष तौर पर मुंबई में आतंकवादी हमले में राणा की भूमिका का जिक्र है और यह जानकारी उसके साथ साझा की जाएगी।

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