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UN का बड़ा खुलासा, अफगानिस्तान में 6500 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय
रिपोर्ट के अनुसार, खबरें हैं कि एक्यूआईएस अपने पूर्व सरगना की मौत का बदला लेने के लिए क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई की साजिश रच रहा है।
एक ओर जहां पूरी दूनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अपने पड़ोसी देश अफगानिस्तान के खिलाफ लगातार नापाक कोशिश कर रहा है। इस बोत को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि पाकिस्तान के करीब 6,000-6,500 आतंकवादी पड़ोसी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं। इनमें से अधिकतर आतंकियों के संबंध तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान से है।
UN ने किया रिपोर्ट में खुलासा
संयुक्त राष्ट्र की आईएसआईएस, अल-कायदा और संबंद्ध व्यक्तियों एवं संस्थाओं की विश्लेषणात्मक सहायता एवं प्रतिबंध निगरानी टीम की 26वीं रिपोर्ट में कहा गया कि अल-कायदा (एक्यूआईएस) तालिबान के तहत अफगानिस्तान के निमरूज, हेलमंद और कंधार प्रांतों से काम करता है। इसमें कहा गया है कि इस संगठन में बांग्लादेश, भारत, म्यामांर और पाकिस्तान से 150 से 200 के बीच सदस्य हैं। एक्यूआईएस का मौजूदा सरगना ओसामा महमूद है। जिसने मारे गए आसिम उमर की जगह ली है।
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रिपोर्ट के अनुसार, खबरें हैं कि एक्यूआईएस अपने पूर्व सरगना की मौत का बदला लेने के लिए क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई की साजिश रच रहा है। अफगानिस्तान में मौजूद सबसे बड़े आतंकवादी संगठन, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पाकिस्तान में कई हाई प्रोफाइल हमलों की जिम्मेदारी ली है। इसके अलावा इस आतंकी संगठन ने जमात-उल-अहरार और लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा किए गए अन्य हमलों में मदद भी की है।
अफगानिस्तान में 6500 आतंकी सक्रिय
इसमें कहा गया कि टीटीपी के कई पूर्व आतंकवादी इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लैवेंट खुरासान (आईएसआईएल-के) में शामिल हो गए हैं। यूएन के सदस्य राष्ट्रों को आशंका है कि संगठन और इसके विभिन्न छोटे-मोटे समूह आईएसआईएल-के के साथ खुद को संबद्ध कर लेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में कुल पाकिस्तानी विदेशी आतंकवादी लड़ाकों की संख्या करीब 6,000 से 6,500 के बीच है, जिनमें से ज्यादातर का संबंध टीटीपी के साथ है और यह दोनों देशों के लिए खतरा पैदा करता है।
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यूएन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में कई अन्य आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं जिनमें से ज्यादातर तालिबान के तहत काम करते हैं। लेकिन कुछ आईएसआईएल-के के साथ संबद्ध हैं। जिसमें अल-कायदा 12 अफगान प्रांतों में गुप्त रूप से सक्रिय है और इसका सरगना आयमान अल-जवाहिरी देश में अड्डा डाले हुए है। निगरानी टीम का अनुमान है कि अफगानिस्तान में अल-कायदा लड़ाकों की कुल संख्या 400 से 600 के बीच है।
2200 आईएस आतंकी मौजूद
निगरानी टीम का यह भी अनुमान है कि अफगानिस्तान में आईएसआईएल-के के मौजूदा सदस्यों की संख्या 2,200 है। इसका सरगना शेख मतिउल्ला कमाहवाल है जो पूर्व में कुनार में आईएसआईएल-के का सरगना था। इसके अलावा सीरियाई नागरिक अबु सईद मोहम्मद अल खुरासानी और शेख अब्दुल ताहिर भी शीर्ष पदों पर काबिज हैं। टीम को सूचित किया गया कि आईएसआईएल के दो वरिष्ठ कमांडर, अबु कुतैबह, और अबु हजर अल-इराकी पश्चिम एशिया से अफगानिस्तान पहुंचे। रिपोर्ट में कहा गया कि आईएसआईएल- के को कुनार में लगातार नुकसान हो रहा है जहां वह 2019 के अंत में नांगरहार प्रांत छोड़कर पहुंचा था।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि क्षेत्र से पीछे हटने के बावजूद आईएसआईएल-के काबुल समेत देश के कई हिस्सों में हाई प्रोफाइल हमले करने में सक्षम है। इस संगठन का मकसद उन तालिबान लड़ाकों को भी अपनी तरफ खींचना है जो अमेरिका के साथ हुए समझौते का विरोध करते हैं। निगरानी टीम को यह भी सूचित किया गया कि आईएसआईएल-के मालदीव में भी समर्थकों के नेटवर्कों के साथ काम करता है। संगठन ने 15 अप्रैल, 2020 को मालदीव में अपने पहले हमले का दावा किया था जिसमें पांच सरकारी नौकाओं को निशाना बनाया गया था।