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8 साल की बूढ़ी बच्ची: इस गंभीर बीमारी से लड़ते-लड़ते हो गई मौत
अगर आपसे कोई बोले कि एक बच्ची महज 8 साल की उम्र में बूढ़ी हो चुकी है तो आप क्या कहेंगे... शायद ये झूठ है। लेकिन ये शत प्रतिशत सच है। यहीं नहीं इस बच्ची के 8 साल की उम्र में बूढ़ी होने के बाद मृत्यु हो गई है।
अगर आपसे कोई बोले कि एक बच्ची महज 8 साल की उम्र में बूढ़ी हो चुकी है तो आप क्या कहेंगे... शायद ये झूठ है। लेकिन ये शत प्रतिशत सच है। यहीं नहीं इस बच्ची के 8 साल की उम्र में बूढ़ी होने के बाद मृत्यु हो गई है। ये पूरा मामला सामने आया है यूक्रेन से।
बीमारी ने कर दिया ये हाल
दरअसल, इस बच्ची को एक ऐसी बीमारी थी, जिसने इसे वक्त से पहले ही बूढ़ा बना दिया और बच्ची की जिंदगी छीन ली। इस प्यारी सी बच्ची का नाम अन्ना साकीडोन है। अपनी बीमारी की वजह से मात्र 8 साल की ही उम्र में उस बच्ची की उम्र पूरी हो गई। इसके अलावा इस बीमारी से मरने वाली अन्ना साकीडोन दुनिया की सबसे युवा बच्ची हैं।
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इस बीमारी की वजह से वक्त से पहले हो जाते हैं बूढ़े
अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसी कौन सी बीमारी है जिसने बच्ची को वक्त से पहले ही बूढ़ा बना दिया। इस बीमारी का नाम है प्रोजेरिया। इस गंभीर जेनेटिक बीमारी की वजह से शरीर के सभी अंग धीरे-धीरे बूढ़े होने लगते हैं। अंत में शरीर के सारे अंग काम करना बंद कर देते हैं और अंत में इंसान की इससे मृत्यु हो जाती है।
बॉलीवुड फिल्म 'पा' इसी बीमारी पर थी आधारित
अगर आपको याद हो तो बॉलीवुड की फिल्म पा भी इसी बीमारी पर आधारित थी। उस मूवी में इस बीमार का चित्रण बखूबी किया गया था। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने अहम भूमिका निभाई थी, जो इस बीमारी से ग्रसित होते हैं। इस फिल्म में बाद में प्रोजेरिया बीमारी से पीड़ित बच्चे का निधन हो जाता है।
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पूरी दुनिया में इस वक्त हैं 160 मरीज
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस वकत पूरी दुनिया में कुल 160 मरीज ऐसे हैं जो प्रोजेरिया बीमारी से पीड़ित हैं। अन्ना साकीडोन की मौत भले ही 8 साल की उम्र में हुई हो, लेकिन इस बीमारी के चलते उसकी बीमारी लगभग 80 साल की हो चुकी थी। उसका वजन 7 किलोग्राम हो गया था। लास्ट में उसके सारे शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया, जिस वजह से उसकी मृत्यु हो गई।
नहीं बच पाई बच्ची
अन्ना साकीडोन की मां इवाना ने कहा कि मैं अपनी बच्ची को खो चुकी हूं। मैं उसे बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी, लेकिन मैं उसे नहीं बचा सकी। वहीं अन्ना साकीडोन का इलाज करने वाली डॉक्टर नादेहदा कैटामैन ने अन्ना साकीडोन के बारे में कहा कि वो एक बेहतरीन बच्ची थी। उसका इलाज बचपन से ही वोलीन रीजनल चिल्ड्रन मेडिकल कॉम्प्लेक्स में चल रहा था, लेकिन हम उसे नहीं बचा पाए।
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