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तड़पती रही महिला पुलिस: सरेआम निकाल दी आंखें, फिर दे दी ऐसी मौत

तालिबान ने कहा था कि वे शरिया कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेंगे। लेकिन, कई शिक्षित महिलाओं का कहना है कि उन्हें तालिबान के वादे पर संदेह है।

Newstrack
Published on: 11 Nov 2020 4:25 PM IST
तड़पती रही महिला पुलिस: सरेआम निकाल दी आंखें, फिर दे दी ऐसी मौत
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तड़पती रही महिला पुलिस: सरेआम निकाल दी आंखें, फिर दे दी ऐसी मौत

काबुल: तालिबानी आतंकियों ने 33 साल की एक महिला को पुलिस स्टेशन में काम करने के जुर्म में न केवल चाकू से आंखें फोड़कर अंधा कर दिया, बल्कि उसके बाद गोली भी मार दी। मौके पर मौजूद लोगों की वजह से उस महिला की जान बच गई। बता दें कि अफगानिस्तान में सरकार के साथ शांति समझौते के बावजूद तालिबान का आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

महीला पुलिस अधिकारी के साथ हुआ ऐसा

बताया गया है कि 33 साल की खटेरा गजनी प्रांत की एक पुलिस स्टेशन में नौकरी करती थीं। वह तीन महीने पहले ही गजनी पुलिस की अपराध शाखा में एक अधिकारी के रूप में नियुक्त हुईं थीं। उन्होंने हमले के बाद रॉयटर्स को बताया कि अगर मेरे ऊपर कम से कम एक साल पुलिस की नौकरी करने के बाद हमला हुआ होता तो भी मुझे इतनी तकलीफ नहीं होती। यह सब बहुत जल्द हो गया। मुझे मेरे सपने को जीने और पुलिस के लिए केवल तीन महीने काम करने का ही समय मिला।

तालिबान का महिला अधिकारों का सम्मान करने का दावा निकला झूठा

हाल ही में तालिबान ने कहा था कि वे शरिया कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेंगे। लेकिन, कई शिक्षित महिलाओं का कहना है कि उन्हें तालिबान के वादे पर संदेह है। विद्रोही समूह ने पहचान पत्रों में मां के नाम जोड़ने के लिए सुधार का विरोध किया है। इससे साबित होता है कि वे महिलाओं के अधिकारों के लिए किए गए अपने वादे के खिलाफ काम कर रहे हैं।

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पिता ने करवाया हमला-महिला

महिला ने आरोप लगाया कि उसके पिता इस नौकरी के खिलाफ थे। उसने कहा कि कई बार जब मैं ड्यूटी पर जाती थी तो मेरे पिता पीछे-पीछे आते थे। उन्होंने पास के इलाके में तालिबान से संपर्क कर मुझे नौकरी पर जाने से रोकने को कहा था। पिता ने तालिबान को अपनी बेटी के पुलिस की नौकरी वाले आईडी कार्ड की फोटोकॉपी भी सौंपी थी।

तालिबान ने किया हमले से इनकार

गजनी पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि इस हमले के पीछे तालिबान का हाथ था। खटेरा के पिता को भी साजिश रचने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया है। वहीं तालिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह इस मामले से अवगत थे, लेकिन यह एक पारिवारिक मामला था और वे इसमें शामिल नहीं थे।

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