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मनहूस नंबर प्लेट: सरकार के सामने खड़ी हुई मुसीबत, बचने के लिए दे रहे रिश्वत

आमतौर पर लोगों को 13 नंबर से खौफ रहता है लेकिन अफगानिस्तान में लोगों को 39 नंबर से खौफ लगा हुआ है। यहां पर इस नंबर की प्लेट से इतना ज्यादा डर है कि लोग इससे बचने के लिए 300 डॉलर (यानी 20 हजार रुपये) तक की रिश्वत (Paying Bribe) देने के लिए भी तैयार हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 14 Jan 2021 9:12 AM GMT
मनहूस नंबर प्लेट: सरकार के सामने खड़ी हुई मुसीबत, बचने के लिए दे रहे रिश्वत
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अफगानिस्तान के हेरात शहर में 39 नंबर वाली गाड़ी की नंबर प्लेट का खौफ था, लेकिन अब ये धीरे-धीरे अन्य शहरों में भी फैल रहा है।

नई दिल्ली। आज से इस आधुनिक जमाने में लोग अंधविश्वास को बिल्कुल नहीं मानते हैं, इसके किस्से जरूर इधर-उधर से सुने होंगें। ऐसे में आज हम आपको एक कार की मनहूस नंबर प्लेट के बारे में एक कहानी सुनाएंगे। ज्यादातर ऐसा देखा जाता है कि लोगों को 13 नंबर से खौफ रहता है लेकिन अफगानिस्तान में लोगों को 39 नंबर से खौफ लगा हुआ है। यहां पर इस नंबर की प्लेट से इतना ज्यादा डर है कि लोग इससे बचने के लिए 300 डॉलर (यानी 20 हजार रुपये) तक की रिश्वत (Paying Bribe) देने के लिए भी तैयार हैं। गाड़ियों में इस नंबर प्लेट के डर को देखते हुए अफगानिस्तान सरकार को देश की जनता के लिए एक बड़ा फैसला लेना पड़ रहा है।

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39 नंबर वाली गाड़ी की नंबर प्लेट

दरअसल पहले अफगानिस्तान के हेरात शहर में 39 नंबर वाली गाड़ी की नंबर प्लेट का खौफ था, लेकिन अब ये धीरे-धीरे अन्य शहरों में भी फैल रहा है। सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, काबुल, मजार-ए-शरीफ और अन्य शहरों में भी अब लोग इस नंबर की प्लेट लेने से बच रहे हैं।

लेकिन इस बारे में ये साफ नहीं हो पाया है कि आखिर यह अंधविश्वास कहां से शुरू हुआ। अब इस वजह से ट्रैफिक विभाग के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। ऐसे में अगर कोई भी शख्स इस नंबर को लेना नहीं चाहता। वहीं सरकारी अधिकारियों के अनुसार, लोगों के इस डर कई कार समझौते का फायदा उठा रहे हैं और उनसे इस नंबर से बचने के एवज में पैसा ले रहे हैं।

afgan car फोटो-सोशल मीडिया

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नंबर को खरीदना नहीं चाहता

बात ये है कि अफगानिस्तान में लोग 39 नंबर को लकी नहीं मानते हैं। ऐसे में उन्हें लगता है कि ये नंबर दुर्भाग्य लेकर आता है। वहीं कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि यह नंबर असम्मानजनक है। इस वजह से कारों में भी लोग इस नंबर की प्लेट नहीं लेना चाहते। लेकिन कोई भी इस नंबर को खरीदना नहीं चाहता है, जिससे सरकार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस नंबर के बारे में अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने बताया है कि उन्होंने ट्रैफिक विभाग को निर्देश दिए हैं कि 39 नंबर को सिस्टम से ही हटा दे। प्रथम उप राष्ट्रपति ने एक मेमो में लिखा है कि इसे जल्द ही सिस्टम से हटा दिया जाएगा।

आगे उन्होंने लिखा कि यह नंबर कई लोगों के लिए पैसा कमाने का जरिए बन गया है, इसलिए इसे हमेशा के लिए हटाना ही सही रहेगा। वह इस संबंध में राष्ट्रपति को भी जल्द ही सूचित करेंगे। इस नंबर से बचने के लिए किसी को भी मजबूरी में रिश्वत देने की जरूरत नहीं है।

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Vidushi Mishra

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