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नरसंहार कांड: 300 लोगों की मौत से मचा हाहाकार, खौफ में पूरा देश
अमेरिका में काले लोगों पर बीते कई सालों से जुल्म ढाए जा रहे हैं। यहां काले लोगों के खिलाफ कुछ ऐसे नरसंहार हुए हैं जो काफी भयावह थे। लेकिन हुए इन सबसे बुरे नरसंहारों के बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे।
नई दिल्ली। अमेरिका में काले लोगों पर बीते कई सालों से जुल्म ढाए जा रहे हैं। यहां काले लोगों के खिलाफ कुछ ऐसे नरसंहार हुए हैं जो काफी भयावह थे। लेकिन हुए इन सबसे बुरे नरसंहारों के बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे। अमेरिका में पुलिस की बर्बरता के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के चलते ओक्लाहामा के टुल्सा में इन दिनों शहर के इतिहास के सबसे बुरे दौर को याद किया जा रहा है।
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तबाही का भयावह मंजर
ऐसे में ये बात 1921 की है। इस समय के दौरान शहर में ब्लैक वॉल स्ट्रीट के नाम से मशहूर एक फल-फूल रही काले लोगों की आबादी में मौत और तबाही का भयावह मंजर सामने आया।
अमेरिका में नरसंहार सिर्फ अफवाह के चलते शुरू हुआ। जिसमें कहा गया था कि एक काले युवा ने डाउनटाउन टुल्सा होटल में एक गोरी लड़की पर हमला कर दिया है। यह घटना 30 मई 1921 की है।
इतिहास में दर्ज हुए उस भयानक दिन डिक रोलैंड की मुलाकात सारा पेज नामक महिला से एक एलीवेटर पर हुई थी। इसके बाद क्या हुआ, इस बारे में एक शख्स में बताया।
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रोलैंड को अगले दिन अरेस्ट कर लिया
इस यादगार घटना के बारे में खबरें गोरे समुदाय के बीच पहुंचने लगीं। ये सूचनाएं काफी बढ़ा-चढ़ाकर बताई जा रही थीं। टुल्सा पुलिस ने रोलैंड को अगले दिन अरेस्ट कर लिया था और जांच शुरू कर दी थी।
इसके बाद 31 मई को टुल्सा ट्रिब्यून के समाचार पत्र में छपी एक भड़काने वाली खबर में कालों और गोरों को अदालत के पास आपस में झड़प के लिए उकसाया गया था। यहां पर शेरिफ और उनके लोगों ने टॉप फ्लोर को बंद कर दिया था ताकि रोलैंड को संभावित लिंचिंग से बचाया जा सके।
इस घटना में गोलियां चलीं और अल्पसंख्यक अफ्रीकी अमेरिकी ग्रीनवुड जिले की ओर जाने लगे। यह जगह ब्लैक वॉल स्ट्रीट के तौर पर जानी जाती है जो कि कारोबारी और आर्थिक समृद्धि के लिए फेमस थी।
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मार्शल लॉ का एलान
31 मई के बाद 1 जून की सुबह गोरे दंगाइयों ने ग्रीनवुड को लूटा और जलाया। फिर इसके बाद ओक्लाहामा के तत्कालीन गवर्नर जेम्स रॉबर्ट्सन ने मार्शल लॉ का एलान कर दिया। दंगों के दौरान 35 ब्लॉक खाक कर दिए गए।
इसका ये अर्थ हुआ कि 1,200 से ज्यादा घरों को तबाह कर दिया गया था। 800 से ज्यादा लोगों का चोटों के लिए इलाज किया गया। शुरुआत में कहा गया था कि 39 लोग मारे गए हैं।
लेकिन इस बारे में कुछ इतिहासकार बताते हैं कि कम से कम 300 लोग मारे गए थे। 6,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था। इनमें से ज्यादातर अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय के लोग थे।
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