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सैनिकों में खूनी संघर्ष: सीमा पर भिड़ी दोनों देश की सेना, तिलमिलाया अमेरिका

उत्तरी सीरिया में अमेरिकी और रूसी सैनिकों में भिडंत हुई है। दोनों सेनाओं की बख़्तरबंद गाड़ियों में हुई टक्कर के लिए दोनों देश एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इस टक्कर में कई अमेरिकी घायल हुए हैं।

Newstrack
Published on: 29 Aug 2020 2:45 PM IST
सैनिकों में खूनी संघर्ष: सीमा पर भिड़ी दोनों देश की सेना, तिलमिलाया अमेरिका
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सैनिकों में खूनी संघर्ष: सीमा पर भिड़ी दोनों देश की सेना, तिलमिलाया अमेरिका

नई दिल्ली। उत्तरी सीरिया में अमेरिकी और रूसी सैनिकों में भिडंत हुई है। दोनों सेनाओं की बख़्तरबंद गाड़ियों में हुई टक्कर के लिए दोनों देश एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इस टक्कर में कई अमेरिकी घायल हुए हैं। दोनों देशों की बख़्तरबंद गाड़ियों की टक्कर का वीडियो रूस की वेबसाइट ने प्रसारित किया और वह देखते देखते ट्विटर पर वायरल हो गया। वीडियो में दिखता है कि एक रूसी सैनिक वाहन रेगिस्तानी इलाक़़े में एक अमेरिकी बख़्तरबंद वाहन से टकराता है। वीडियो में एक रूसी हेलिकॉप्टर को भी उड़ते देखा जा सकता है।

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आरोप-प्रत्यारोप

रूस का कहना है कि अमेरिका ने उसके गश्त में रुकावट डाली। लेकिन अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया है कि रूसी सैनिक सुरक्षा ज़ोन में घुस गए थे। जबकि इस इलाक़े में न घुसने पर उन्होंने रज़ामंदी जताई थी।

व्हाइट हाउस का कहना है कि गाड़ी के चालक दल को हल्की चोट आई है। सीरिया में अमेरिकी और रूसी सेना के बीच संवाद तो लगातार होता रहता है, लेकिन इस तरह का टकराव न के बराबर है। 2011 से चल रहे गृह युद्ध में रूस सीरिया में सरकारी सेना का समर्थन करता है, जबकि अमेरिका स्थानीय कुर्द लड़ाकों के साथ है।

American and Russian troops in northern Syria उत्तरी सीरिया में अमेरिकी और रूसी सैनिकों( फोटो- सोशल मीडिया)

रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उसने अमेरिकी सेना को पहले ही चेतावनी दे दी थी कि रूसी सैनिक इस इलाक़े की गश्त कर रहे हैं। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारी चेतावनी के बावजूद मौजूदा समझौतों को नज़रअंदाज़ करते हुए अमेरिकी सैनिकों ने रूसी गश्त को रोकने की कोशिश की। जवाब में रूसी मिलिटरी पुलिस ने अपने मिशन को पूरा करने के लिए और घटना को रोकने के लिए ज़रूरी क़दम उठाए।

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रूस की भूमिका

2016 से रूस की सैन्य पुलिस सीरिया की सरकार की मदद के लिए वहाँ मौजूद है। सीरिया में सरकार के नियंत्रण वाले कुछ इलाक़े में क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने का ज़िम्मा रूसी सैन्य पुलिस के पास है। इसके अलावा वह कम संघर्ष वाले इलाक़ों में युद्धविराम की निगरानी भी करती है। रूस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की सेनाओं को सैन्य उपकरणों और हथियारों की मदद भी की है।

Syrian President Bashar al-Assad सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद (फोटो- सोशल मीडिया)

अमेरिकी सेना पर गोलाबारी

पूर्वोत्तर सीरिया में अमेरिकी सेनाओं को लेकर पहले भी कई घटनाएँ हुई हैं। हफ्ता भर पहले ही अमेरिकी सैनिकों पर रूस के सहयोगी सीरियाई सैनिकों की गोलीबारी हुई थी। इसके पहले रूस समर्थित सैनिकों ने एक प्रमुख तेल क्षेत्र के पास अमेरिकी ठिकाने पर बड़ा हमला किया था, हालाँकि उन्हें पीछे हटना पड़ा और उन्हें भारी नुक़सान भी हुआ।

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ताज़ा घटना में रूसी सेना और अमेरिकी सैनिकों के बीच सीधा टकराव हुआ है। अमेरिका का कहना है कि रूस कई तरह के स्थानीय समझौतों को तोड़ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि वे सीरिया में मौजूद एक हज़ार अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लेंगे, जो कुर्दों की मदद के लिए वहाँ तैनात हैं।

लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि कुछ प्रतिबंधित इलाक़ों में छोटी संख्या में अमेरिकी सैनिक मौजूद रहेंगे। लेकिन रूस को लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप विदेशों में मौजूद अमेरिकी सैनिकों की संख्या घटाना चाहते हैं और इसी वजह से रूस सीरिया से अमरीकी सैनिकों को बाहर जाने का रास्ता दिखाने का इरादा रखता है।

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