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युद्ध का फतवा जारी: हजारों मौतों के बाद आज होगा लागू, सेना की सख्त निगरानी

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने मध्यस्थता करते हुए दोनों देशों को युद्ध विराम के लिए सहमत किया है। बता दें, ये युद्ध विराम आज रात 12 बजे से लागू हो जाएगा।

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Published on: 10 Nov 2020 12:20 PM IST
युद्ध का फतवा जारी: हजारों मौतों के बाद आज होगा लागू, सेना की सख्त निगरानी
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रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने मध्यस्थता करते हुए दोनों देशों को युद्ध विराम के लिए सहमत किया है। युद्ध विराम आज रात 12 बजे से लागू हो जाएगा।

नई दिल्ली: बीते डेढ़ माह से नागोर्नो-काराबाख के विवादित इलाके को लेकर जारी जंग के चलते आर्मेनिया और अजरबैजान में युद्ध विराम हो गया है। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने मध्यस्थता करते हुए दोनों देशों को युद्ध विराम के लिए सहमत किया है। बता दें, ये युद्ध विराम आज रात 12 बजे से लागू हो जाएगा। इस बारे में व्लादीमिर पुतिन ने मंगलवार को बयान जारी करके कहा कि रूस की सेनाएं इस युद्ध विराम समझौते की निगरानी करेंगी।

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युद्ध विराम 10 नवंबर की रात 12 बजे से लागू

मौजूदा हालातों को देखते हुए नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में रूसी शांति सैनिकों की तैनाती की जा रही है। ऐसे में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यह युद्ध विराम 10 नवंबर की रात 12 बजे से लागू हो जाएगा। साथ ही पुतिन ने उम्मीद जताई कि इस समझौते से नागोर्नो-काराबाख में हालात को शांत करने में मदद मिलेगी।

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Armenia and Azerbaijan battle फोटो-सोशल मीडिया

ऐसे में आर्मेनिया के प्रधानमंत्री Nikol Pashinyan ने कहा कि उन्होंने युद्ध विराम समझौते को लागू करने के लिए अपने सैनिकों को आदेश जारी कर दिया है। प्रधानमंत्री Nikol Pashinyan ने फेसबुक पर लिखा कि उन्होंने रूस और अजरबैजान के साथ युद्ध विराम के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौता करना उनके लिए दुखदाई है। हालाकिं लोगों की जान बचाने के लिए यह जरूरी था।

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नागोर्नो पर कब्जे की दिशा में और आगे

फिलहाल युद्ध विराम समझौता लागू होने से पहले अजरबैजान की सेना ने नागोर्नो-काराबाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर Shushi को अपने कब्जे में ले लिया है। साथ ही अजरबैजान की सेना नागोर्नो पर कब्जे की दिशा में और आगे बढ़ गई।

अजरबैजान के राष्ट्रपति Ilham Aliyev ने कहा कि हमारी जमीन का एक और हिस्सा वापस आ गया है। लेकिन मिली जानकारी के अनुसार, हालात अभी सामान्य नहीं हुए हैं।

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