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10 हजार को मारने के आदेश, करोड़ों जानवरों की बलि के बाद हुआ ये ऐलान

आस्ट्रेलिया इन दिनों आग की भयंकर विभीषिका से जूझ रहा है। समूचा देश जुलाई 2019 से आग की चपेट में हैं। दो दर्जन से ज्यादा लोग इस आपदा में मारे जा चुके हैं।

Shreya
Published on: 8 Jan 2020 7:00 AM GMT
10 हजार को मारने के आदेश, करोड़ों जानवरों की बलि के बाद हुआ ये ऐलान
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10 हजार को मारने के आदेश, करोड़ों जानवरों की बलि के बाद हुआ ये ऐलान

कैनबरा: आस्ट्रेलिया इन दिनों आग की भयंकर विभीषिका से जूझ रहा है। समूचा देश जुलाई 2019 से आग की चपेट में हैं। दो दर्जन से ज्यादा लोग इस आपदा में मारे जा चुके हैं, हजारों मकान और संपत्तियां राख हो गई हैं, अनगिनत पशु-पक्षी इस आग के शिकार बन चुके हैं। जहां एक ओर जानवरों को बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है तो वहीं अब ऑस्ट्रेलिया में आदिवासी नेताओं के एक ऐसा फैसला लिया है, जिसने सबको हैरान कर दिया है।

10 हजार जंगली ऊंटों को मारने का आदेश

दरअसल, उन्होंने दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में तकरीबन 10 हजार जंगली ऊंटों को मारने का आदेश दिया है। जी हां, उन्होंने सूखाग्रस्त इलाकों में पीने के पानी को बचाने के लिए ऐसा आदेश दिया है। बुधवार से ऊंटों को गोली मारने का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए पेशेवर निशानेबाज हेलीकॉप्टर से ऊंटों का शिकार करेंगे।

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आदिवासी समुदायों की थी शिकायत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया के कुछ आदिवासी समुदायों की ये शिकायत है कि, जंगली ऊंट पानी की तलाश में उनके इलाके में आते हैं और उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। जिसके बाद ऊंटों को मारने का फैसला किया गया है। तकरीबन 10 हजार ऊंटों को मारने में 5 दिनों का समय लग सकता है।

रोकथाम के लिए कोई योजना नहीं की गई तो...

वहीं ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय जंगली ऊंट प्रबंधन योजना की ओर से ये दावा किया गया है कि अगर ऊंटों के रोकथाम के लिए कोई योजना नहीं की गई तो यहां पर जंगली ऊंटों की आबादी हर 9 साल में बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। पशु ग्लोबल वार्मिंग में भी अपना योगदान दे रहे हैं। क्योंकि वे एक साल में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के बराबर मीथेन (CH4) का उत्सर्जन करते हैं।

कार्बन फार्मिंग विशेषज्ञ के मुताबिक, हर साल एक लाख जंगली ऊंट जितनी कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर मीथेन का उत्सर्जन करते हैं, वह सड़क पर चलने वाली अतिरिक्त चार लाख कारों के बराबर है।

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ऊंटों की बढ़ती आबादी भी चिंता का विषय

ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग की वजह से वैसे भी अब तक लाखों जीव-जन्तुओं की आग की चपेट में आने की वजह से मौत हो चुकी है। ऑस्ट्रेलिया अग्निकांड से कई दर्दनाक तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जहां पर जानवरों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं तो ऊंटों की बढ़ती आबादी भी चिंता का विषय बना हुआ है। ़

सूखे और गर्म मौसम के कारण जंगलों में लगी आग

बता दें कि, आस्ट्रेलिया में लगातार सूखे और गर्म मौसम के कारण जंगलों में आग लगी है और बढ़ती ही जा रही है। झाडिय़ों वाले क्षेत्र, जंगल, नेशनल पार्क सब आग की चपेट में हैं। मेलबर्न और सिडनी जैसे बड़े शहर भी अछूते नहीं हैं। आग के कारण पूरे देश की हवा गंभीर रूप से खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। हर जगह आसमान नारंगी रंग का दिख रहा है, न्यूजीलैंड तक धुंआ और रख फैल चुकी है। पहाड़ों पर ग्लेशियर धुंए की वजह से नारंगी रंग के हो गए हैं। वहीं कल बारिश ने लोगों को थोड़ी राहत जरुर पहुंचाई है।

बहुत से लोगों का तर्क है कि ये सब क्लाइमेट चेंज का नतीजा है। वैसे तो देश के सभी प्रांत आग की चपेट में हैं लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित न्यू साउथ वेल्स प्रांत है जहां 146 से ज्यादा जगहों पर आग धधक रही है।

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