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एक राष्ट्रपति जिसने हाफ-पैंट वाली लड़कियों की किस्मत में लिख दिया बुर्का

ईरान के पूर्व राष्ट्रपति व हसन रूहानी के सबसे खास मित्र अकबर हाशमी रफसंजानी 82 साल के थे। जब 8 जनवरी 2017 को उनकी मौत हुई। ये वर्तमान वाले कट्टरपंथी ईरान के जबरदस्त मॉडरेट टाइप नेता थे। जनता को लगा कि ये सबकुछ बदल देंगे।

Rishi
Published on: 3 May 2019 3:55 PM IST
एक राष्ट्रपति जिसने हाफ-पैंट वाली लड़कियों की किस्मत में लिख दिया बुर्का
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तेहरान : ईरान के पूर्व राष्ट्रपति व हसन रूहानी के सबसे खास मित्र अकबर हाशमी रफसंजानी 82 साल के थे। जब 8 जनवरी 2017 को उनकी मौत हुई। ये वर्तमान वाले कट्टरपंथी ईरान के जबरदस्त मॉडरेट टाइप नेता थे। जनता को लगा कि ये सबकुछ बदल देंगे। बदला भी लेकिन अपने हिसाब से। जनाब वर्ष 1989 से 1997 तक राष्ट्रपति रहे। इनकी मौत के बाद ईरान के राष्ट्रपति बने उनके सबसे खास दोस्त हसन रुहानी जिन्होंने उनके हिसाब से ही देश चलाया।

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आपके पैदा होने से पहले ही ईरान में क्रांति लिख दी गई थी

वर्ष था 1979 जब ईरान में क्रांति हुई। लेकिन ये क्रांति बहुत अलग थी बाकी की क्रांतियों से। इसने देश को आदिम युग में ढकेल दिया था। जबकि इससे पहले ईरान में लड़कियां और उनकी अम्मी जान दोनों ही हाफ-पैंट पहनती थीं। बेहिचक लांग ड्राइव पर जाती थी। लेकिन क्रांति के बाद सब कुछ बदल गया। लड़कियां कैद हो गई हिजाब और बुरखे में। हाशमी इस क्रांति के बड़े नेता थे और ये कारनामा उनका ही था। इसके बाद उनकी परंपरा को आगे रूहानी जोर शोर से बढ़ा रहे हैं लेकिन अपने ही हिसाब से।

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ये सब था आम

60 से 70 के दशक में महिलाएं लेट नाईट पार्टीज भी करती थीं और स्कर्ट्स में घूमा करती थीं। अपनी मर्जी से कोई भी हेयर कट ले सकती थीं।

महिलाओं का पहनावा पुरुषों से मिलता-जुलता था।

मर्दों के साथ जा सकती थी वेकेशन पर।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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