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उईगरों पर चीन को झटका: बैन हुए चीनी अधिकारी, मानवाधिकारों पर छिड़ी जंग

ब्रिटने सरकार ने सोमवार को चीन के शिनजियांग प्रांत में उईगर और कई अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में चीन सरकार के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में इस बारे में चीन ने बिल्कुल भी देरी न करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है।

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Published on: 23 March 2021 9:15 AM GMT
उईगरों पर चीन को झटका: बैन हुए चीनी अधिकारी, मानवाधिकारों पर छिड़ी जंग
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ब्रिटने सरकार ने सोमवार को चीन के शिनजियांग प्रांत में उईगर और कई अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में चीन सरकार के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

बीजिंग। ऐसे में इस बारे में चीन ने बिल्कुल भी देरी न करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है। इस सिलसिले में चीन के विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ के राजदूत निकोलस शपूई को तलब कर विरोध जाहिर किया है। ब्रिटेन सरकार से पहले यूरोपीय संघ, कनाडा और अमेरिका भी इस पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।

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चीन के साथ संबंध खराब न हो

ऐसे में चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि उप विदेश मंत्री किन गैंग ने शपूई को यह स्पष्ट कर दिया है कि ईयू को अपनी गलती की गंभीरता समझनी चाहिए और भविष्य में चीन के साथ संबंध खराब न हो इसके लिए उसे यह गलती तुरंत सुधार लेनी चाहिए।

दरअसल ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने घोषणा की थी कि उनका देश पहली बार चीन के चार सरकारी अधिकारियों और शिनजियांग के एक सुरक्षा निकाय पर यात्रा एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाएगा। आगे राब ने कहा, 'हम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ समन्वय करते हुए मानवाधिकार उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।'

Uygars in Xinjiang फोटो-सोशल मीडिया

बता दें, इससे पहले सोमवार देर रात बीजिंग ने भी ईयू के 10 सांसदों और 4 निकायों प्रतिबंध की घोषणा की। जबकि चीन ने कहा कि इन सांसदों ने भ्रामक और झूठी जानकारियां फैलाई हैं जिससे चीन की संप्रभुता को नुकसान पहुंचा है।

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प्रतिबंधों की घोषणा

इस पर चीन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'मानवाधिकारों के मुद्दे पर ईयू को दूसरों को भाषण देने से बचना चाहिए और न ही किसी के अंदरूनी मामलों में घुसना चाहिए। उसे इस दोयम दर्जे के पाखंड को खत्म कर के गलत रास्ते पर जाने से बचना चाहिए वरना चीन भी पूरी तरह से प्रतिक्रिया देगा।'

आपको बता दें कि कई पश्चिमी यूरोपीय देशों ने चीन के अधिकारियों पर उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार उत्पीड़न को लेकर प्रतिबंधों का ऐलान किया है। वहीं अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के साझा कोशिशों के बाद इन प्रतिबंधों की घोषणा की गई है।

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