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हांगकांग होगा खत्म: चीन का ये फैसला पड़ा भारी, ताइवान को भी झटका

चीनी सरकार के इशारे पर हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का प्रमुख चेहरा माने जाने वाले जोशुआ वोंग को गिरफ्तार कर लिया गया है।

Shivani
Published on: 24 Sept 2020 10:16 PM IST
हांगकांग होगा खत्म: चीन का ये फैसला पड़ा भारी, ताइवान को भी झटका
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अंशुमान तिवारी

हांगकांग। चीन ने हांगकांग में दमनकारी नीतियों पर अमल शुरू कर दिया है। चीनी सरकार के इशारे पर हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का प्रमुख चेहरा माने जाने वाले जोशुआ वोंग को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी पिछले साल अक्टूबर में हुए प्रदर्शनों के सिलसिले में की गई है। ‌

वोंग के अलावा 74 वर्षीय एक सामाजिक कार्यकर्ता को भी इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। हांगकांग के अलावा ताइवान में भी चीन लगातार शरारत कर रहा है। चीन की ओर से लगातार तीसरे दिन ताइवान में टोही विमान भेजे गए मगर ताइवान के गश्ती विमानों ने उन्हें खदेड़ दिया।

इस तरह हुई वोंग की गिरफ्तारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वोंग की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वे एक पुराने मुकदमे के सिलसिले में पुलिस स्टेशन गए थे। पिछले साल 5 अक्टूबर को सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के कारण वोंग को वहीं गिरफ्तार कर लिया गया।

China arrested hongkong protestors action against Taiwan

बाद में वोंग ने ट्विटर पर बताया कि मुझ पर दमनकारी मास्क विरोधी कानून के उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया है।

पांच साल की हो सकती है सजा

पिछले साल लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों ने चेहरे पर मास्क लगाकर सरकार के प्रति गुस्सा जताया था। इसके बाद हांगकांग प्रशासन की ओर से मास्क पहनकर प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी गई थी। इसके उल्लंघन पर एक साल की सजा का प्रावधान किया गया है। वोंग की गिरफ्तारी जिस मामले में हुई है, उसमें उन्हें 5 साल की सजा हो सकती है।

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सामाजिक कार्यकर्ता को भी किया गिरफ्तार

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 5 अक्टूबर को हुए प्रदर्शन के सिलसिले में 74 साल के सामाजिक कार्यकर्ता कू से ईयू को भी गिरफ्तार किया गया है। हांगकांग पुलिस ने भी इन दोनों गिरफ्तारियां की पुष्टि की है।

China arrested hongkong protestors action against Taiwan

विरोध के बावजूद लागू किया कानून

चीन की सरकार ने हांगकांग में दमनकारी नीतियां लागू करते हुए विरोध की आवाज को दबाने के लिए विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है। जुलाई में इस कानून को लागू किए जाने के बाद कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं की गिरफ्तारी की जा चुकी है। अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों के विरोध के बावजूद अभी तक इस कानून को वापस नहीं लिया गया है।

तेज हुईं चीन की दमनकारी नीतियां

हाल के दिनों में हांगकांग में चीन की दमनकारी नीतियां काफी तेज हो गई हैं। हाल में 12 लोकतंत्र कार्यकर्ताओं को अलगाववादी करार दिया गया था। इससे पहले देश में चुनाव टाले जाने का विरोध करने वाले 289 लोगों को जेल के भीतर डाल दिया गया था। हांगकांग में चुनाव 6 सितंबर को होने थे मगर अब इसे एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

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ताइवान में तीसरे दिन भी भेजे टोही विमान

इस बीच चीन ताइवान को भयभीत करने की हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने ताइवान पर नजर रखने के लिए लगातार तीसरे दिन अपने टोही विमान भेजे मगर ताइवान के गश्ती विमानों की सतर्कता की वजह से चीन के टोहई विमानों को वापस लौटना पड़ा।

ताइवान ने दिया चीन को तगड़ा जवाब

ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने सोमवार और मंगलवार के बाद बुधवार को भी टोही विमान भेजे थे। उनका जवाब देने के लिए ताइवान ने अपने विमानों को लगाया तो चीन के टोही विमान निकल भागे। इस बीच ताइवान की राष्ट्रपति साईं इंग वेन चीन के खिलाफ अपने सैनिकों का हौसला बढ़ाने में जुटी हुई हैं।

अमेरिकी मंत्री की यात्रा से चीन नाराज

पिछले हफ्ते अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री कीथ क्रेच की तीन दिवसीय ताइवान यात्रा से चीन काफी नाराज बताया जा रहा है। उनकी यात्रा के दौरान भी चीन के 19 लड़ाकू विमान ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुस गए थे। इसके पहले भी चीन की ओर से 18 लड़ाकू विमानों को ताइवान में भेजा गया था।

ताइवान को चीन की कड़ी चेतावनी

हालांकि ताइवान की ओर से चीन के लड़ाकू विमानों को वापस भेजने में तनिक भी देरी नहीं की गई। चीन की ओर से ताइवान की राष्ट्रपति को चेतावनी दी गई है कि अमेरिका से दोस्ती करके वे आग से खेल रही हैं। दूसरी ओर ताइवान की राष्ट्रपति ने भी चीन के खिलाफ अपना रुख कड़ा कर लिया है।



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