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चीन से कांपे लोग: करवा रहा इस दीवार का निर्माण, सेना ने किया विरोध

चीन ने म्यांमार की सीमा पर कंटीले तारों की मदद से करीब दो हजार किलोमीटर लंबी 'महान दीवार' का निर्माण शुरू किया है। इससे म्यांमार के लोगों में दहशत है।

Shreya
Published on: 16 Dec 2020 8:50 AM GMT
चीन से कांपे लोग: करवा रहा इस दीवार का निर्माण, सेना ने किया विरोध
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चीन से कांपे लोग: करवा रहा इस दीवार का निर्माण, सेना ने किया विरोध

नई दिल्ली: द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना, दुनिया भर में एक आकर्षण का केंद्र है। पूरी दुनिया से पर्यटक चीन की प्राचीन महान दीवार को देखने के लिए आते हैं। लेकिन अब चीन ने म्यांमार की सीमा पर एक दूसरे ग्रेट वॉल का निर्माण शुरू कर दिया है। जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। चीन द्वारा म्यांमार सीमा के बहुत नजदीक ही इस दीवार का निर्माण किया जा रहा है, जिसका म्यांमार सेना द्वारा विरोध भी किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन यहां 2000 किलोमीटर लंबी दीवार बना रहा है।

चीन इसलिए 'दीवार' का करवा रहा निर्माण

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो म्‍यांमार से लगती चीन के बॉर्डर पर कंटीले तारों की मदद से करीब दो हजार किलोमीटर लंबी इस 'महान दीवार' का निर्माण शुरू कर दिया गया है। चीनी मीडिया ने दावा किया है कि देश के अंदर म्‍यांमार से अवैध घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए इस दीवार को बनाया जा रहा है। चीन के दक्षिणी-पश्चिमी यून्‍नान प्रांत में छह से नौ मीटर ऊंची कंटीले तारों से इस दीवार का निर्माण शुरू हो चुका है। रेडियो फ्री एशिया का कहना है कि इस दीवार का निर्माण करने का असली मकसद ये है कि असंतुष्‍टों को चीन से फरार होने से रोका जा सके।

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china great wall (सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

म्यांमार की सेना ने निर्माण का किया विरोध

बता दें कि चीन द्वारा शुरू किए गए इस दीवार के निर्माण का म्यांमार की सेना ने विरोध किया था। जब ड्रैगन ने म्यांमार के शान राज्य से सटे बॉर्डर पर कंटीले तार लगाना शुरू किया था तो सेना ने चीनी अधिकारियों को एक पत्र लिखकर कंटीले तार लगाने का जोरदार विरोध किया। म्यांमार के एक अखबार के मुताबिक, देश की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने कहा कि स्थानीय बटैलियन द्वारा चीन को आपत्ति पत्र भेजा गया है। हमने 1961 में हुई सीमा संधि के आधार पर यह आपत्ति जताई है।

2022 तक प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य

वहीं चीन का दावा था कि वह म्‍यांमार से अवैध घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए इस बाड़ का निर्माण कर रहा है। उसने म्यांमार की सेना के विरोध को अनसुना कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट को 'दक्षिणी महान दीवार' के कोड नेम से चलाया जा रहा है। इस परियोजना का पहला चरण पूरा भी हो चुकै है। कहा जा रहा है कि साल 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का चीन का लक्ष्य है। जानकारी के मुताबिक, इस बाड़ में बिजली का करंट दौड़ता रहता है और इंफ्रारेड सेंसर के साथ शक्तिशाली कैमरे लगाए गए हैं।

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क्या है विशेषज्ञों का कहना?

वहीं इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस दीवार को बनाने की योजना के पीछे चीन की पूरी प्लानिंग छिपी है। इस दीवार के बन जाने के बाद चीनी असंतुष्ट आसानी से म्‍यांमार या वियतनाम नहीं जा पाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन यह नहीं चाहता है कि इसके विरोध देश छोड़कर इन देशों में जाएं, इसलिए वो इस बाड़ को बनवा रहा है। एक विशेषज्ञ ने कहा कि जब से चीन की सत्ता शी जिनपिंग के हाथों में आई है, तब से उन्होंने ना केवल चीनी असंतुष्टों को देश से जाने से रोका, बल्कि विदेशों में चीनी नागरिकों का अपहरण भी किया है।

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