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चीन कर रहा उइगरों का दमन, मस्जिद ढहाकर बना दिया सार्वजनिक शौचालय

उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर चीन लगातार सवालों के घेरे में है। विभिन्न सूत्रों के जरिए इस बात का समय-समय पर खुलासा होता रहा है कि चीन की सरकार उइगर मुसलमानों का जमकर उत्पीड़न करने में जुटी हुई है। अब एक और नया खुलासा हुआ है जिससे पता चलता है

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 18 Aug 2020 3:49 PM GMT
चीन कर रहा उइगरों का दमन, मस्जिद ढहाकर बना दिया सार्वजनिक शौचालय
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चीन ने उइगर मुस्लिमों की मस्जिद को गिराकर वहां बनाया शौचालय

बीजिंग: उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर चीन लगातार सवालों के घेरे में है। विभिन्न सूत्रों के जरिए इस बात का समय-समय पर खुलासा होता रहा है कि चीन की सरकार उइगर मुसलमानों का जमकर उत्पीड़न करने में जुटी हुई है। अब एक और नया खुलासा हुआ है जिससे पता चलता है कि चीन में उइगर मुस्लिमों की आस्था पर भी चोट की जा रही है। उत्तर पश्चिमी चीन के शिनजियांग प्रांत के अतुश में उइगर मुस्लिमों की एक मस्जिद को ढहाकर वहां पर सार्वजनिक शौचालय बना दिया गया है। चीन के एक स्थानीय अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है।

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मुस्लिमों की आस्था पर पहुंचाई चोट

रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) के मुताबिक चीन के अधिकारियों ने अंकुश के सनतघ गांव में यह काम किया है। यहां पर बनी टोकुल मस्जिद की साइट पर शौचालय का निर्माण किया गया है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि चीन उइगर मुसलमानों की आस्था को चोट पहुंचाने में जुटा हुआ है और मस्जिद की साइट पर शौचालय का निर्माण भी चीन के इसी अभियान का हिस्सा है। टोकुल मस्जिद स्थल पर सार्वजनिक शौचालय के निर्माण की रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद कुछ और जानकारियां भी सामने आई हैं।

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china file

चीन पहले भी ढहा चुका है मस्जिदें

सूत्रों के मुताबिक 2016 के उत्तरार्ध में शुरू किए गए एक अभियान के तहत मुस्लिमों के पूजा स्थलों को नष्ट करने के और भी मामले सामने आए हैं। पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने मुस्लिमों की तीन में से दो मस्जिदों को 2016 में भी ध्वस्त कर दिया था। चीन में करीब 18 करोड़ उइगर और अन्य मुस्लिम समुदायों से जुड़े लोग रहते हैं और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई में मुस्लिमों का सामूहिक उत्पीड़न किया जा रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस मामले में कट्टर नीतियों को अंजाम दे रहे हैं।

मुस्लिम महिलाओं से बर्बर व्यवहार

चीन के शिनजियांग प्रांत की एक प्रसिद्ध उइगर कार्यकर्ता और वकील का कहना है कि चीन न केवल उनके धर्मस्थलों को निशाना बना रहा है बल्कि उइगर मुस्लिम महिलाओं के साथ भी बर्बरता से भरा सलूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उइगर महिलाओं के साथ बलात्कार और अत्याचार की घटनाएं आम हैं और उनका ब्रेनवाश करने की कोशिश की जा रही है।

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बलात्कार व जबरन गर्भपात के भी मामले

कैंपेन ऑफ उइगर के के संस्थापक और कार्यकारी निदेशक रोशन अब्बास का कहना है कि उइर महिलाओं के साथ चीन में ‌अपराधियों की तरह सलूक किया जाता है। चीन उइगर महिलाओं को अपने लिए खतरा मान रहा है क्योंकि उसे लगता है कि इनके जरिए उइगर लोगों की आबादी बढ़ेगी। अब्बास ने कहा कि उइगर महिलाएं बलात्कार, ब्रेनवाश, जबरन गर्भपात, जबरन नसबंदी और अन्य प्रकार के उत्पीड़न की शिकार हैं।

china

दुनिया की चुप्पी पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि चीनी सरकार की ओर से किए जा रहे इन अपराधों पर पूरी दुनिया ने चुप्पी साध रखी है। उन्होंने सवाल किया कि चीन के इस नरसंहार पर सेलिब्रिटीज और मुखर नारीवादी कहां है? उन्होंने कहा कि उइगर महिलाओं को बच्चों को जन्म देने से मना किया जाता है।

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उइगर पुरुष भी विभिन्न शिविरों में उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं और लाखों लोगों को दास के रूप में कारखानों की नौकरियों के लिए जबरन लगाया गया है। उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न के मामले पहले भी उजागर होते रहे हैं और इसे लेकर चीन पर सवाल भी खड़े किए गए हैं मगर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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