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चीन में अब नहीं बचा कोई गरीब, डेड लाइन से एक महीने पहले ही पूरा कर लिया लक्ष्य

प्राप्त जानकारी के अनुसार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने वर्ष 2012 में एक लक्ष्य तय किया था कि साल 2020 के आखिर तक वे अपने देश में घरेलू गरीबी को पूरी तरह से खत्म कर देंगे।

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Published on: 24 Nov 2020 7:19 AM GMT
चीन में अब नहीं बचा कोई गरीब, डेड लाइन से एक महीने पहले ही पूरा कर लिया लक्ष्य
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साल 2012 में जहां भीषण गरीबी में रहने वाले चीनी लोगों की संख्या लगभग 10 करोड़ थी वही 2019 के अंत तक ये संख्या महज साढ़े 50 लाख रह गई थी।

बीजिंग: भारत, पाकिस्तान, अमेरिका और रूस समेत दुनिया के कई बड़े मुल्क इस वक्त कोरोना महामारी की चपेट में हैं। वे इस वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। तमाम मुल्कों में कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है।

रात दिन वैक्सीन को लेकर शोध चल रहा है ताकि किसी भी तरह से कोरोना को काबू में किया जा सके। कोरोना काल में कई देशों की अर्थ व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है।

वहां की सरकारें अब नई नीतियां बनाकर फिर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में जुटी हुई हैं। इस बीच चीन ने गरीबी से जंग जीतने का दावा करके भारत, पाकिस्तान और अमेरिका जैसे बड़े मुल्कों को चौंका दिया है।

चीन का कहना है कि उसने अपने देश में भीषण गरीबी को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। इससे पहले वर्ष 2013 में चीन में तीन में से हर एक काउंटी यानि जिले को गरीबी से ग्रस्त घोषित किया गया था।

जबकि उस समय चीन में 832 काउंटी जिले ऐसे थे जो भीषण गरीबी से जूझ रहे थे और इनमें 8 करोड़ से अधिक लोग भीषण गरीबी से परेशान थे। बीजिंग और शंघाई को मिलाकर सिर्फ 9 प्रांत ऐसे थे जहां गरीबी का कोई नामोनिशान ही नहीं था।

China Students चीन में अब नहीं बचा कोई गरीब, डेड लाइन से एक महीने पहले ही पूरा कर लिया लक्ष्य (फोटो:सोशल मीडिया)

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2012 में निर्धारित किया गया था लक्ष्य

प्राप्त जानकारी के अनुसार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने वर्ष 2012 में एक लक्ष्य तय किया था कि साल 2020 के आखिर तक वे अपने देश में घरेलू गरीबी को पूरी तरह से खत्म कर देंगे।

जिसके बाद से चीन ने तमाम तरह की नई नीतियों को लागू किया। ज्सिके बाद से अब दक्षिण-पश्चिमी प्रांत के Guizhou में मौजूद 9 जिलों को बेहद गरीब क्षेत्र की लिस्ट से हटा लेने के बाद चीन ने अपने देश से दरिद्रता मिटने की घोषणा कर दी है।

चीन का दावा है कि उसने अपने लक्ष्य की पूर्ति 2020 की डेडलाइन खत्म होने के एक महीने पहले ही कर ली है।

मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले सात सालों से लगातार हर साल औसतन 1 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है।

साल 2012 में जहां भीषण गरीबी में रहने वाले चीनी लोगों की संख्या लगभग 10 करोड़ थी वही 2019 के अंत तक ये संख्या महज साढ़े 50 लाख रह गई थी।

Hire चीन में अब नहीं बचा कोई गरीब, डेड लाइन से एक महीने पहले ही पूरा कर लिया लक्ष्य (फोटो:सोशल मीडिया)

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इन शहरों को किया गया गरीबी मुक्त

गौर करने वाली बात ये है कि चीन की गरीबी रेखा का मापदंड साल 2010 की कीमतों के हिसाब से 2300 युआन प्रति वर्ष था जो तकरीबन 25 हजार रूपये बैठता है और ये प्रतिदिन के हिसाब से लगभग 70 रूपये आता है।

चीनी मीडिया की मानें तो पिछले हफ्ते चीनी प्रशासन ने अपने देश के गरीबी से जूझ रहे प्रांतों और स्वायत्त क्षेत्रों को भीषण गरीबी से मुक्त होने की घोषणा की थी।

चीनी प्रशासन का दावा है कि उन्होंने बेहद गहन जांच के बाद इन जगहों को गरीबी मुक्त घोषित किया है। इनमें शिनजियांग उयेगुर क्षेत्र, निंगशिया हुयी क्षेत्र, गुआंगजी जुआंग क्षेत्र, युनान, सिचुआन और गान्सु प्रोविंस शामिल हैं।

china Office चीन में अब नहीं बचा कोई गरीब, डेड लाइन से एक महीने पहले ही पूरा कर लिया लक्ष्य (फोटो:सोशल मीडिया)

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