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हांगकांग संबंधी ब्रिटेन के प्रस्ताव पर बौखलाया चीन, US ने नए प्रतिबंधों को मंजूरी दी
हांगकांग में विवादित सुरक्षा कानून लागू होने के बाद चीन पूरी दुनिया के निशाने पर आ गया है। अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी हांगकांग को लेकर अपना...
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: हांगकांग में विवादित सुरक्षा कानून लागू होने के बाद चीन पूरी दुनिया के निशाने पर आ गया है। अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी हांगकांग को लेकर अपना रुख कड़ा कर लिया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के हांगकांग के लोगों को ब्रिटेन की नागरिकता देने के प्रयास पर चीन भड़क गया है। बौखलाए चीन ने ब्रिटेन पर पलटवार करते हुए कहा कि उसे हांगकांग के लोगों को नागरिकता देने का कोई अधिकार नहीं है। चीन ने यह भी कहा है कि वह किसी भी कीमत पर ब्रिटेन को यह कदम नहीं उठाना देगा। इस बीच अमेरिका ने हांगकांग के लोगों की स्वायत्तता छीनने पर चीन के खिलाफ नए प्रतिबंधों को मंजूरी दे दी है।
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चीन पर समझौते के उल्लंघन का आरोप
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ने चीन पर समझौते के उल्लंघन का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने हांगकांग के लोगों को ब्रिटेन की नागरिकता देने की भी कोशिश की है। विदेश सचिव डोमेनिक राब ने कहा कि हांगकांग में स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है और यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि चीन हांगकांग के लोगों के साथ अन्याय कर रहा है। ब्रिटेन ने हांगकांग के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी साइमन चेंग को शरण दी है। चेंग ने आरोप लगाया था कि उसे चीन ने काफी यातना दी है।
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कड़े कदम उठाने की चीन की चेतावनी
ब्रिटिश प्रधानमंत्री के हांगकांग के लोगों को ब्रिटिश नागरिकता देने संबंधी प्रस्ताव पर चीन बौखला गया है। चीन ने साफ तौर पर कहा है कि वह हांगकांग के लोगों को ब्रिटिश नागरिकता नहीं लेने देगा। चीन ने यह भी चेतावनी दी है कि ब्रिटेन के इस कदम को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
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हांगकांग में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन
इस बीच हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का जबर्दस्त विरोध किया जा रहा है। इस कानून को लागू किए जाने के बाद काफी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने चीन विरोधी आवाज बुलंद की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह चीन की जोर जबर्दस्ती नहीं चलने देंगे। विरोध प्रदर्शन करने पर कड़े कानूनी प्रावधान के बावजूद प्रदर्शनकारियों में भय नहीं दिखा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 400 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
अमेरिकी संसद ने नए प्रतिबंधों को मंजूरी दी
इस बीच अमेरिका ने हांगकांग के मुद्दे पर अपना रुख और कड़ा कर लिया है। अमेरिकी संसद ने एक नए विधेयक को मंजूरी दी है ताकि चीन को हांगकांग में नए कानून लागू करने के मुद्दे पर कड़ा जवाब दिया जा सके। इस विधेयक के जरिए उन समूहों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है जो हांगकांग की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों की आजादी छीन रहे हैं। साफ तौर पर अमेरिका का निशाना चीन पर ही है।
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कम नहीं हो रहा है एलएसी पर तनाव
दूसरी और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव अभी तक कम नहीं हुआ है। 6 जून को दोनों देशों के बीच दोनों सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बन गई थी, लेकिन अभी तक चीन की ओर से इस पर क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है। इसके चलते दोनों सेनाओं के बीच 15 जून को हिंसक झड़प भी हो चुकी है। 22 जून को भी दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच मैराथन बैठक में कई बिंदुओं पर सहमति बनी मगर चीन की ओर से उस पर भी अभी तक क्रियान्वयन नहीं किया गया है।
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