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चीन में घुसी अमेरिकी सेना: गरज उठे खतरनाक लड़ाकू विमान, कांपा दुश्मन

अमेरिका द्वारा चीन को खुली चेतावनी है कि अगर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो यूएस एयरफोर्स उसे घर में घुसकर मारने की क्षमता रखती है। साथ ही अमेरिकी विमान ऐसे समय में चीनी हवाई सीमा में दाखिल हुए, जब ड्रैगन यानी चीन एक बड़ा नौसेना अभ्यास कर रहा है।

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Published on: 19 Nov 2020 10:50 AM IST
चीन में घुसी अमेरिकी सेना: गरज उठे खतरनाक लड़ाकू विमान, कांपा दुश्मन
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चीन में घुसी अमेरिकी सेना: गरज उठे खतरनाक लड़ाकू विमान, कांपा दुश्मन

वॉशिंगटन: इन दिनों अमेरिका में राजनीतिक सत्ता हस्तांतरण के पीछे सियासी आपदा चल रही है, पर दूसरी तरफ चीन को लेकर उसकी नीतियां बिल्कुल स्पष्ट हैं। ऐसे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फ्लाइट मॉनीटर एयरक्राफ्ट स्पॉट्स के मुताबिक, अमेरिका ने हाल ही में चीन के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में दो लंबी-रेंज वाले बमवर्षक विमान भेजे थे। इन दिनों की ये सबसे ताजा खबर है।

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चीन का बड़ा नौसेना अभ्यास

ऐसे में अब अमेरिका का इस कदम से साफ कहा जा सकता है कि एक तरह से अमेरिका द्वारा चीन को खुली चेतावनी है कि अगर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो यूएस एयरफोर्स उसे घर में घुसकर मारने की क्षमता रखती है। साथ ही अमेरिकी विमान ऐसे समय में चीनी हवाई सीमा में दाखिल हुए, जब ड्रैगन यानी चीन एक बड़ा नौसेना अभ्यास कर रहा है।

इसके साथ ही फ्लाइट मॉनीटर एयरक्राफ्ट स्पॉट्स ने मंगलवार को सुबह बताया कि दो यूएसए F B-1 बमवर्षक विमानों ने चीन के ADIZ में प्रवेश किया और कुछ देर बाद वापस लौट आये। आपको बता दें कि B1-B में किसी भी बमवर्षक की तुलना में सबसे बड़ा पेलोड है और अमेरिकी सेना पहले भी इसका इस्तेमाल करती रही है।

china army फोटो-सोशल मीडिया

इसके अलावा भारी विमानों को जासूसी मिशन पर तैनात नहीं किया जाता है। साथ ही ये माना जा रहा है कि अमेरिका ने चीन को चेतावनी भेजने के लिए यह कदम उठाया है। एयरक्राफ्ट स्पॉट्स के ट्वीट में बताया गया है कि यूएस विमानों की आखिरी लोकेशन पूर्वी चीन सागर में चीन के हवाई क्षेत्र में थी।

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शांति और संतुलन

फिलहाल अमेरिका पूर्वी एशिया में शांति और संतुलन बनाये रखने के मिशन पर है और उसने चीनी सीमा में विमान भेजकर एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आंतिरक सियासी संकट से उसकी नीति प्रभावित नहीं हुई है।

लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव हारने के बाद अब कुछ विशेषज्ञों द्वारा ऐसा बताया जा रहा है कि बाइडेन का मिजाज चीन के लिए कुछ नरम हो सकता है। पर फिलहाल इसका पता तो बाइडेन के सत्ता संभालने के बाद ही लग पाएगा।

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