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चीन की नई साजिश: अब यहां बना रहा रेल लाइन, खरबों रुपए करेगा खर्च
भारत से विवाद के बीच चीन अरुणाचल प्रदेश में जल्द ही सामरिक और रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन का निर्माण शुरू करने जा रहा है।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ जारी विवाद के बीच चीन लगातार सीमा के पास आधारभूत ढांचे को मजबूत करने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में अब चीन सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन का निर्माण शुरू करने जा रहा है। सामरिक और रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण ये रेलवे लाइन दक्षिण पश्चिम के प्रांत सिचुआन के यान से शुरू होकर तिब्बत के लिंझी तक जाएगी। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने इस परियोजना से संबंधित टेंडर प्रक्रिया के पूरे होने का ऐलान किया है।
जल्द ही जमीनी स्तर पर शुरू होगा काम
बता दें कि इस एक रेल प्रोजेक्ट के जरिए चीन लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश दोनों के और करीब पहुंचना चाह रहा है। चीन रेलवे ने शनिवार को सिचुआन-तिब्बत रेल मार्ग पर दो सुरंग और एक पुल के टेंडर नतीजों की घोषणा की है। इसके अलावा यान-लिंझी लाइन को बिजली आपूर्ति करने वाला टेंडर भी फाइनल हो गया है। अब कंपनियों के नाम निश्चित होने के बाद जल्द ही जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
तिब्बत में चीन का दूसरा प्रोजेक्ट
गौरतलब है कि सिचुआन-तिब्बत रेल लाइन पर शुरू होने वाला निमार्ण कार्य तिब्बत को चीन से जोड़ने वाली रेलवे का दूसरा प्रोजेक्ट होगा। इससे पहले चीन किंघाई-तिब्बत प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। बता दें कि सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन का कार्य सिचुआन की राजधानी चेंगडू से शुरू होगी। इस रेलवे लाइन के बन जाने से चेंगडू से ल्हासा तक का सफर 48 घंटे से घटकर 13 घंटे में संभव हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट पर चीन भारी भरकम 47.8 अरब डॉलर खर्च करेगा।
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अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है चीन
सिचुआन-तिब्बत रेल लाइन अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर के नजदीक लिंधी में समाप्त होगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया आया है। वो अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है। हालांकि भारत ने हर बार चीन के इस दावे का कड़ाई से विरोध किया है और कहा है कि पूरा अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।
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क्या होगी खासियत?
रेलवे लाइन की लंबाई 1011 किलोमीटर होगी
ट्रेनें 120 से 200 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी
प्रोजेक्ट पर लगेगा 47.8 अरब डॉलर
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