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मंगल पर बसेगा शहर: 2050 तक पहुंचेंगे 10 लाख इंसान, तैयारी हो गई पूरी
स्पेसएक्स कंपनी की योजना के मुताबिक, मंगल ग्रह के लिए हर दिन तीन फ्लाइट उड़ेंगी। यानी साल में करीब 1 हजार फ्लाइट्स। हर फ्लाइट्स में करीब 100 लोग एक साथ नए ग्रह पर जाने के लिए यात्रा करेंगे।
नई दिल्ली: कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, अब अमेरिका की एक कंपनी स्पेसएक्स ने मंगल ग्रह पर इंसान को बसाने की योजना बना रहा है। कंपनी ने इसके बारे में नई जानकारी दी है। स्पेसएक्स कंपनी की सीओओ गिनी शॉटवेल ने बताया है कि मंगल ग्रह पर इंसानों को बसाने में स्टारलिंक सैटेलाइट की प्रमुख भूमिका होगी और शहरों को बसाने में आसानी होगी।
सैटेलाइट दोनों ग्रह के लोगों को जोड़ेगा
अब वो दिन दूर नहीं कि आप पृथ्वी से मंगल ग्रह पर रह सकते हैं और वहां से अपने परिजनों से फोन से बात भी कर सकते हैं। स्पेसएक्स कंपनी ने स्टारलिंक सैटेलाइट के जरिए धरती के साथ-साथ मंगल पर इंटरनेट एक्सेस प्रोवाइड कराना चाहती है। स्पेसएक्स का कहना है कि यह सैटेलाइट दोनों ग्रह के लोगों को जोड़ने का काम करेगा।
साल में करीब 1 हजार फ्लाइट्स मंगल के लिए भरेंगी उड़ान
सीओओ गिनी शॉटवेल ने कहा कि एक बार जब लोग मंगल पर पहुंच जाएंगे तो उन्हें धरती के लोगों से बातचीत करने की जरूरत होगी। इस काम में स्टारलिंक सैटेलाइट की अहम भूमिका होगी। वहीं, स्पेसएक्स कंपनी की योजना रही है कि 2050 तक मार्स पर 10 लाख इंसान पहुंच जाएं। कंपनी की योजना के मुताबिक, मंगल ग्रह के लिए हर दिन तीन फ्लाइट उड़ेंगी। यानी साल में करीब 1 हजार फ्लाइट्स। हर फ्लाइट्स में करीब 100 लोग एक साथ नए ग्रह पर जाने के लिए यात्रा करेंगे।
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2022 तक मंगल पर दो कार्गो विमान
बता दें कि इससे पहले 2017 में एलन मस्क ने कहा था कि वे 2022 तक मंगल पर दो कार्गो विमान भेजना चाहते हैं और 2024 तक चार अन्य फ्लाइट्स। इन चार फ्लाइट्स में से 2 में इंसान भी यात्रा करेंगे।
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स्टारशिप रॉकेट के जरिए इंसान जायेंगे मंगल पर
कंपनी ने बताया कि स्पेसएक्स स्टारशिप रॉकेट के जरिए इंसान को मंगल पर भेजना चाहती है। पिछले महीने एलन मस्क ने कहा था कि रॉकेट तैयार करने का काम आगे बढ़ रहा है। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि मंगल पर शहर बसाना काफी मुश्किल भरा होगा और इस दौरान कई खतरे भी रहेंगे।