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Covid-19: इस देश में है सिर्फ 4 वेंटीलेटर और हैं 5 उपराष्ट्रपति, इन देशों में एक भी नहीं
दक्षिण सूडान में 24 आईसीयू हैं और यहां की आबादी 1.2 करोड़ है यानी लगभग 30 लाख आबादी के लिए एक वेंटिलेटर। इंटरनैशनल रेस्क्यू कमिटी के अनुसार मध्य अफ्रीकी गणराज्य के पास 50 लाख लोगों के लिए सिर्फ तीन ही वेंटिलेटर हैं।
नई दिल्ली: दुनियाभर से कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस महामारी के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था के चिंताजनक हालात अफ्रीकी देशों में देखने को मिल रहे हैं जहां कुछ देशों में एक भी वेंटिलेटर नहीं है। साउथ सूडान की बात करें तो, यहां पांच उपराष्ट्रपति हैं और वेंटिलेटर सिर्फ चार हैं।
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यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। और यहां की मौजूदा हालात को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाला वक्त कितना मुश्किल भरा होने वाला है। अफ्रीका में संक्रमण के 19 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और एक हजार लोगों की मौत भी हो चुकी है वहीं, कोरोना वायरस के इलाज में बेहद जरूरी मेडिकल यंत्र वेंटिलेटर की भी अफ्रीकी देशों में काफी कमी है।
50 लाख लोगों पर सिर्फ 3 वेंटिलेटर
दक्षिण सूडान में 24 आईसीयू हैं और यहां की आबादी 1.2 करोड़ है यानी लगभग 30 लाख आबादी के लिए एक वेंटिलेटर। इंटरनैशनल रेस्क्यू कमिटी के अनुसार मध्य अफ्रीकी गणराज्य के पास 50 लाख लोगों के लिए सिर्फ तीन ही वेंटिलेटर हैं। वहीं पश्चिमी अफ्रीकी देश लाइबेरिया की आबादी लगभग 49 लाख है, जबकि कुल 6 वेंटिलेटर हैं, जिसमें से 1 वेंटिलेटर का इस्तेमाल अमेरिकी दूतावास के लिए है।
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आईआरसी के अनुसार बुरकिना फासो में 11 और 10 अफ्रीकी देशों में एक भी वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है। वहीं, 41 अफ्रीकी देशों के पास सिर्फ 2,000 के आसपास वेंटिलेटर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना से संक्रमित हर पांच में से एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है लेकिन इन देशों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की वजह से हालात खतरनाक हो सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अफ्रीकी महाद्वीप में पांच हजार से भी कम आईसीयू है। इस हिसाब से देखा जाय तो 10 लाख की आबादी पर सिर्फ पांच बेड है, जबकि यूरोप में यह आंकड़ा 10 लाख आबादी पर चार हजार आईसीयू का है। जॉन हॉपकिन्स सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी के मुताबिक अमेरिका जैसे देश में ही महामारी के दौरान 5 लाख एक्स्ट्रा वेंटिलेटर की जरूरत है। अमेरिका में मरीजों के संख्या बढ़ने के साथ इनकी भी जरूरत बढ़ती जा रही है।
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कोरोना महामारी का अगला केंद्र अफ्रीका बन सकता है
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी का अगला केंद्र अफ्रीका बन सकता है। यूएन इकोनॉमिक कमिशन फॉर अफ्रीका ने चेतावनी दी है कि महाद्वीप में कम से कम 3 लाख लोगों की मौत हो सकती है। कमिशन ने कोरोना से लड़ने के लिए 100 बिलियन डॉलर की रकम की भी मांग की है। अफ्रीका का बड़ा हिस्सा पहले से गरीबी से जूझ रहा है। लेकिन यूएन का कहना है कि कोरोना की वजह से 3 करोड़ लोग गरीब हो सकते हैं।
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