लॉकडाउन के बाद कुछ ऐसी होगी जिंदगी, विदेशों में बढ़ी ये मांग

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा कर रख दी है। इस बीच अब कई देशों में जिंदगी वापस पटरी पर लौट रही है। लेकिन अब भी सबसे बड़ा सवाल है कि क्या सब कुछ पहले की तरह हो जाएगा।

Dharmendra kumar
Published on: 3 May 2020 3:13 PM GMT
लॉकडाउन के बाद कुछ ऐसी होगी जिंदगी, विदेशों में बढ़ी ये मांग
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा कर रख दी है। इस बीच अब कई देशों में जिंदगी वापस पटरी पर लौट रही है। लेकिन अब भी सबसे बड़ा सवाल है कि क्या सब कुछ पहले की तरह हो जाएगा।

दरअसल पश्चिमी देशों में प्रशासन डर रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने से डरेंगे। अब पश्चिमी देशों में ट्रेन और बसों में यात्रा करने की जगह लोगों को प्रशासन साइकिल से चलने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

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अब जर्मनी से लेकर पेरु तक के सामाजिक कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि सड़कों पर अलग से साइकिल लेन बनाने या पहले से मौजूद लेन को चौड़ा किया जाए। इन लोगों का कहना है कि भले ही इसे छोटे अंतराल के लिए ही सही, लेकिन यह होना चाहिए।

यूरोपीय साइकिल संघ के सह अध्यक्ष मॉर्टन काबेल ने कहा कि अगर शहरों को सुचारु रूप से चलाना है तो साइकिल के लिए अनुकूल वातावरण बनाना होगा।

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उनका कहना है कि बहुत से लोग सार्वजनिक परिवहन में चलने से डरेंगे, लेकिन कभी न कभी तो इन्हें काम पर जाना ही होगा। बहुत कम ही शहर ऐसे हैं जो सड़कों पर कारों की अधिक मात्रा को बर्दाश्त करेंगे। काबेल ने कहा कि सड़कों पर साइकिल के लिए अलग लेन बनाई जाए और इलेक्ट्रिक साइकिल के दाम पर छूट दी जाए। इससे लंबी या ऊंचाई वाली यात्रा करने वालों को साइकिल से चलने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में लोग रोजाना यात्रा के लिए भारी संख्या में साइकिल का प्रयोग कर रहे हैं। तो वहीं नीदरलैंड में भी बड़ी मात्रा में साइकिल लेन बनाई गई है।

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दुनियाभर के तमाम देश अब साइकिल के महत्व को धीरे-धीरे समझने लगे हैं। इस कड़ी में फ्रांस की सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता पियरे सर्न से कहा है कि वे 11 मई को समाप्त होने वाले लॉकडाउन से पहले योजना बनाकर दें। तो

वहीं, बर्लिन में कुछ सड़कों पर पीली रेखा बनाकर कार और साइकिल के लिए अलग लेन बना दी गई है। इसी तरह की पहल पेरु के लिमा शहर, स्पेन के बार्सिलोना और इटली के मिलान में भी किया जा रहा है।

Dharmendra kumar

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