TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

दुनिया में अलग-थलग पड़ेगा झूठा चीन! अमेरिका के बाद ब्रिटेन में उठी ये बड़ी मांग

कोरोना वायरस पर झूठ बोलना अब चीन को भारी पड़ी दिखाई पड़ रहा है। इस किलर वायरस का असल चीन के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर पड़ रहा है। अमेरिका तो चीन पर लगातार हमला कर रहा है अब ब्रिटेन में भी हलचल मची है।

Dharmendra kumar
Published on: 13 April 2020 11:06 PM IST
दुनिया में अलग-थलग पड़ेगा झूठा चीन! अमेरिका के बाद ब्रिटेन में उठी ये बड़ी मांग
X

लंदन: कोरोना वायरस पर झूठ बोलना अब चीन को भारी पड़ी दिखाई पड़ रहा है। इस किलर वायरस का असल चीन के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर पड़ रहा है। अमेरिका तो चीन पर लगातार हमला कर रहा है अब ब्रिटेन में भी हलचल मची है। दरअसल, ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी मानती है कि उनके देश को चीन के साथ संबंधों का दोबारा मूल्यांकन करने की जरूरत है। वे चाहते हैं हाई-टेक तथा रणनीतिक उद्योग में चीनी निवेश पर नियंत्रण होना चाहिए।

ब्रिटिश कूटनीतिज्ञ और चीन में काम कर चुके चार्ल्स पार्टन ने कहा है कि लंदन-पेइचिंग के रिश्ते पर दोबारा विचार की जरूरत है, क्योंकि चीन इसे दीर्घ अवधि के लिए पश्चिमी देशों के साथ प्रतियोगिता के रूप में देखता है। गौरतलब है कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस से 10 हजार से अधिक मौत हो चुकी है।

यह भी पढ़ें...कोविड-19: इतने डॉलर के दान के बावजूद, रोनाल्डो बने फुटबॉल के पहले अरबपति

एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने दावा किया है कि वह महामारी से सफलतापूर्वक निपटा है और अब वह अपनी वन-पार्टी मॉडल के बचाव में उतरेगा, वहीं खुफिया एजेंसियों का मानना है कि बोरिस जॉनसन और अन्य मंत्रियों को यथार्थवादी सोच अपनानी होगी और उन्हें विचार करना होगा कि ब्रिटेन अब चीनी संबंध पर किस प्रकार से प्रतिक्रिया दे।

अब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ब्रिटेन डिजिटल कम्युनिकेशन और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसे हाई-टेकक कंपनियों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है और या फिर अपनी विभिन्न यूनिवर्सिटीज में चीनी छात्रों की छंटाई करेगा। बता दें कि जॉनसन खुद कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और कल ही अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिली है।

यह भी पढ़ें...रविशंकर प्रसाद ने कहा- डाक विभाग दवाओं के पार्सल सबसे पहले पहुंचाए

कहा जा रहा है कि ब्रिटेन की फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विस एमआई6 ने मंत्रियों को बताया है कि चीन ने अपने यहां कोरोना के केस और मौत की संख्या कमकर बताई है और व्हाइट हाउस में भी अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने कुछ ऐसी ही बात कही थी। खुफिया एजेंसियों का इस बात पर जोर है कि चीनी गतिविधियों पर कुछ महीने तक नजर रखी जाए। वहीं, घरेलू इंटेलिजेंट एमआई5 के नए डायरेक्टर जनरल केन मैककुलम महीने के अंत में पदभार ग्रहण करेंगे और वह इस वादे के साथ लाए जा रहे हैं कि संगठन अब चीन पर विशेष नजर रखेगा।

यह भी पढ़ें...लाॅकडाउन: शख्स ने पूछा- अगर मैं बाहर निकला तो? पुलिस ने दिया ये मजेदार जवाब

तो वहीं ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल, रक्षा मंत्री बेन वॉलेस, संसद संसद में लीडर ऑफ हाउस जैकब रीस-मॉग भी चीन को संदेह की नजर से देखते हैं। हालांकि, डेविड कैमरन और जॉर्ज ऑस्बोर्न की सरकारों में चीनी निवेश को महत्वपूर्ण बताया गया था। ये निवेश न्यूक्लियर पावर और टेलिकॉम क्षेत्र में हो रहे थे। हालांकि, जब टरीजा मे ने पदभार ग्रहण किया, उन्होंने चीनी जनरल न्यूक्लियर पावर ग्रुप के इन्वेस्टमेंट की समीक्षा के आदेश दिए। लेकिन बाद में इसे मंजूरी दे दी गई।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story