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कोरोना की तीन वैक्सीन: देश को मिली कोरोना पर बड़ी कामयाबी, खत्म होगा संक्रमण

कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर रूस इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने कोरोना वायरस की तीसरी वैक्सीन बनाने का दावा किया हैं।

Monika
Published on: 16 Oct 2020 2:40 PM GMT
कोरोना की तीन वैक्सीन: देश को मिली कोरोना पर बड़ी कामयाबी, खत्म होगा संक्रमण
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Coronavirus Vaccine

कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर रूस इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने कोरोना वायरस की तीसरी वैक्सीन भी बनाने का दावा किया है। पिछले महीने ही रूस ने अपनी पहली वैक्सीन स्पूतनिक-वी लॉन्च की थी। वही इस 14 अक्टूबर को दूसरी वैक्सीन एपिवैककोरोना और अब रूस की तीसरी वैक्सीन भी बनकर तैयार है।

दिसंबर 2020 मिल सकती हैं मंजूरी

आपको बता दें, रूस की यह तीसरी वैक्सीन चुमाकोव सेंटर ऑफ रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में बनाई जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक तो दिसंबर 2020 तक इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को मंजूरी मिलने की संभावना है। इस वैक्सीन को नोवोसिबिर्स्क, सेंट पीटर्सबर्ग और किरोव के मेडिकल फैसिलिटी में पहले और दूसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल गयी है।

दूसरा ट्रायल 19 अक्टूबर को

बता दें, कि 6 अक्टूबर को पहले चरण की वैक्सीन 15 वॉलंटियर्स पर ट्रायल की जा चुकी है। अभी तक इनमे से एक भी दुष्प्रभाव नहीं देखे गए हैं।अभी इस वैक्सीन का दूसरा ट्रायल 19 अक्टूबर को 285 वॉलंटियर्स पर किया जाना है। उम्मीद की जा रही है कि इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

Sputnik V से बेहतर एपिवैककोरोना

वही रूस की पहली वैक्सीन Sputnik V एडिनोवायरस वेक्टर पर आधारित है। इसका ट्रायल राष्ट्रपति पुतिन की बेटी भी कर चुकी हैं।फिलहाल ये वैक्सीन 13,000 वॉलंटियर्स को दी जा रही है। वहीं, रूस की दूसरी वैक्सीन एपिवैककोरोना , Sputnik V की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है। यह वैक्सीन इम्यून सिस्टम वायरस की पहचान करने और उन्हें बेअसर करने के लिए करता है। इसका ट्रायल 100 वॉलंटियर्स पर किया गया है।

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रूस के उप प्रधानमंत्री ने वैक्सीन लगवा

रूस के उप प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा और चीफ सेनेटरी डॉक्टर अन्ना पोपोवा भी एपिवैककोरोना की प्रभावशीलता की जांच करने के लिए ये वैक्सीन लगवा चुकी हैं और दोनों ने किसी भी तरह के साइड इफेक्ट के बारे में नहीं बताया है। एपिवैककोरोना की 60,000 डोज जल्द तैयार कर ली जाएगी। जिसके बाद बुजुर्गों पर इसकी क्षमता की जांच करने के लिए 60 साल से अधिक आयु के 150 लोगों को ये वैक्सीन दी जाएगी।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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