NASA की बड़ी कामयाबी, अंतरिक्ष में नहीं होगा हादसा, क्रू-ड्रैगन ऐसे बचाएगा जान

अंतरिक्ष मिशन पर भेजे जा रहे नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को रॉकेट में खराबी आने के बाद उसे आसानी से जमीन पर उतारा जा सकेगा। इसके लिए एक सफल परीक्षण भी किया गया है।

Aditya Mishra
Published on: 20 Jan 2020 2:49 PM GMT
NASA की बड़ी कामयाबी, अंतरिक्ष में नहीं होगा हादसा, क्रू-ड्रैगन ऐसे बचाएगा जान
X

वाशिंगटन: अंतरिक्ष मिशन पर भेजे जा रहे नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को रॉकेट में खराबी आने के बाद उसे आसानी से जमीन पर उतारा जा सकेगा। इसके लिए एक सफल परीक्षण भी किया गया है।

अमरीका में फ्लोरिडा के जॉन एफ कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से रॉकेट फाल्कन 9 के जरिए यह ‘अबॉर्ट-परीक्षण’ किया गया। इसमें यात्रियों को रखने वाले क्रू-ड्रैगन कैप्सूल को जानबूझ कर खराब किए रॉकेट को सफलता से बचाया गया।

मार्स इनसाइट

ऐसे हुआ परीक्षण

अमेरिकी समय अनुसार सुबह 10:30 बजे हुए प्रक्षेपण के बाद 10 मील की ऊंचाई पर पहुंचते ही रॉकेट के इंजन बंद कर दिए गए। उड़ान के 84 सेकंड बाद रॉकेट से क्रू ड्रैगन कैप्सूल को अलग किया गया।

इस कैप्सूल में अपना इंजन लगा था। आवाज से तेज गति से अंतरिक्ष की ओर बढ़ रहे फाल्कन एक्स से अलग होते समय क्रू ड्रैगन खुद को करीब 10 सेकंड तक दूर ले गया।

यहां से यह चार पैराशूट के जरिए फ्लोरिडा के निकट अंटलांटिक महासागर की ओर बढ़ा और करीब 09:02 मिनट में महासागर में सुरक्षित रूप में उतरा। इसे बचाव दल ने बाहर निकाला।

ये भी पढ़ें...NASA की नई खोज: इस लाल ग्रह की सतह के 2.5 सेंटीमीटर नीचे मिल सकता है पानी

फिर से उपयोग हो सकता है फॉल्कन 9, लेकिन इस बार खत्म

खास बात है कि फाल्कन 9 रॉकेट फिर से उपयोग होने के लिए बनाया गया है। रविवार को परीक्षण में शामिल रॉकेट इससे पहले तीन बार अंतरिक्ष में उड़ान भर चुका है। लेकिन इस बार चूंकि रॉकेट के हादसे में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने परीक्षण था, इसलिए क्रू ड्रैगन के अलग होने के बाद रॉकेट को जानबूझकर खत्म कर दिया गया। यह आकाश में एक आग के गोले में बदल गया। स्पेसएक्स इसके मलबे को जमा करेगी जो रॉकेट हादसों पर शोध में काम आएगा।

ये भी पढ़ें...NASA की बड़ी खोज, देखें अंतरिक्ष में बैठा कौन है ये योगी ?

स्पेस स्टेशन जाने वाले यात्रियों के लिए परीक्षण

नासा ने प्राइवेट सेक्टर कंपनियों को ऐसा अंतरिक्ष यान बनाने के लिए आमंत्रित किया है जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) ले जाने के लिए सुरक्षित हो। उसका अपना शटल प्रोग्राम 2011 में खत्म हो चुका है।

जाने माने उद्यमी इलोन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स को 206 करोड़ डॉलर और बोइंग कंपनी को 402 करोड़ डॉलर 2014 में इस काम के लिए दिए गए थे। बोइंग द्वारा किए गए स्टार लाइनर यान के परीक्षण विफल रहे थे।

वहीं स्पेस एक्स के परीक्षण अब तक सफल रहे हैं। फिलहाल अमेरिका अपने नागरिकों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए रूस के सोयूज कैप्सूल का उपयोग कर रहा है। यह खर्चीला साबित हो रहा है। परीक्षण के बाद हुई प्रेस वार्ता में इलोन मस्क ने एक सुरक्षा सिस्टम भी प्रदर्शित किया, जिसके तहत विशाल जाल लगाकर महासागर में गिर रहे कैप्सूल को कैच किया जा सकेगा।

ये भी पढ़ें...सामने आया अंतरिक्ष का सबसे पहला अपराध, जांच में जुटी NASA

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story