TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

ऊंची इमारतों में खतरा: मौत के साये में यहां रहने वाले लोग, संक्रमण पर आई नई रिपोर्ट

कोरोना का खतरा कम होने की बजाय दिन-प्रति-दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में नई रिपोर्ट में बड़ा हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। इसमें ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा बताया है।

Newstrack
Published on: 20 July 2020 3:51 PM IST
ऊंची इमारतों में खतरा: मौत के साये में यहां रहने वाले लोग, संक्रमण पर आई नई रिपोर्ट
X

नई दिल्ली। कोरोना का खतरा कम होने की बजाय दिन-प्रति-दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में नई रिपोर्ट में बड़ा हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। इसमें ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा बताया है। यह खुलासा स्कॉटलैंड की हेरियट वॉट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है। ये खतरा इसलिए है क्योंकि उन्हें एक जगह से ही पानी की सप्लाई होती है। तो इमारतों में पानी और सीवरेज सप्लाई सिस्टम से कोरोना संक्रमण फैलने का बहुत खतरा है।

ये भी पढ़ें... फिर आगे बढ़ा चीन: सीमा पर युद्ध की ललकार, इस क्षेत्र में तैनात हुए चीनी सैनिक

अस्पतालों में भर्ती लोगों के लिए भी

स्कॉटलैंड के हेरियट वॉट यूनिवर्सिटी में वॉटर एकेडमी के डायरेक्टर माइकल गॉर्म्ले ने कहा कि बड़ी और ऊंची इमारतों में रहने वालों के लिए कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। क्योंकि पानी की सप्लाई वहां पर एक ही जगह से होती है। ये खतरा अस्पतालों में भर्ती लोगों के लिए भी है।

ऐसे में यूनिवर्सल साइंस डॉट कॉम में आई खबर के अनुसार, इंसानों से इंसानों में संक्रमण फैलना सामान्य बात है। लेकिन पानी सप्लाई के जरिए कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना एक आसामान्य लेकिन संभव हो सकने वाली बात है।

डायरेक्टर माइकल गॉर्म्ले ने कहा कि अगर किसी इमारत की प्लंबिंग सिस्टम में वायरस का संक्रमण फैलता है तो यह मुश्किल वाली बात होगी। आगे माइकल ने बताया कि साल 2003 में हॉन्गकॉन्ग के एमॉय गार्डेन्स नाम की इमारत में सार्स वायरस ऐसे ही फैला था।

ये भी पढ़ें...चीन की बर्बादी शुरू: अमेरिका-भारत से जंग पड़ेगी भारी, बड़े-बड़े देश भी बने दुश्मन

इमारतों में रहने वालों में से 300 लोग संक्रमित

दरअसल एमॉय गार्डेन्स में 33 से 41 मंजिले की कई इमारतें थीं। इन इमारतों में लगभग 19 हजार लोग रहते थे। जब सार्स वायरस तेजी से फैला तो इन इमारतों में रहने वालों में से 300 लोग संक्रमित हो गए। जबकि 42 लोगों की मौत हो गई।

इसी सिलसिले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, एमॉय गार्डेन्स में सार्स महामारी पानी सप्लाई वाली पाइपलाइन के जरिए फैला था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सिंक और टॉयलेट में U आकार की पाइप लगी रहती हैं। इन पाइपों में जमा होने वाले पानी एयरबॉर्न डिजीसेस पनप जाती हैं।

ये भी पढ़ें...समझदार लोग लड़े नहींः झगड़ा कराने को तोड़ दी थी मूर्तियां, बदलाव

बूंदों के जरिए भी बाहर निकलकर संक्रमण फैलाते

तो सीवरेज से उठे सार्स के वायरस इमारतों के इन यू शेप पाइप में जाकर बैठ गए। इसके बाद जब पानी की सप्लाई हुई तो बहुत से लोग बीमार हो गए।

माइकल गॉर्म्ले ने बताया कि हमने इस इमारत की स्टडी कई सालों तक की। हमने दो इमारतों की वाटर सप्लाई लाइन और सीवरेज लाइन की जांच की तो हमने यह निष्कर्ष पाया है।

आगे माइकल ने कहा कि सार्स की तरह कोरोना वायरस भी इस तरह से फैल सकता है। क्योंकि जब भी यू शेप पाइप से हवा टकराती है तो उसमें मौजूद वायरस पानी की छोटी बूंदों के जरिए भी बाहर निकलकर संक्रमण फैलाते हैं।

ये भी पढ़ें...रामजन्मभूमि स्थल को खोदने की याचिका SC में खारिज, याचिकाकर्ताओं पर लगा जुर्माना

बाथरूम से बद्बू आए तो...

इसके साथ ही इससे सिर्फ कोरोना वायरस ही अन्य संक्रामक बीमारियों के भी फैलने का खतरा रहता है। माइकल ने बताया कि अगर बाथरूम से बद्बू आए तो तुरंत पाइपों की जांच कराएं। कभी भी टॉयलेट के यू शेप पाइप को खुला न छोड़ें। उसे सीलबंद कर दें।

वहीं अगर पाइपलाइन में कही क्रैक या दरार दिखाई दे तो उसे तुरंत बंद करवा दें। इमारतों के मेंटनेंस करने वालों को चाहिए कि वो समय-समय पर इमारतों की पाइपों की जांच करे। डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव करे और लोगों से कहें कि अपने घरों की पाइपलाइन की जांच अवश्य कराएं। इससे संक्रमण को रोका जा सकेगा।

ये भी पढ़ें...सोने-चांदी में भारी गिरावट: तेजी से गिरे दाम, बाजार में दिखी हलचल

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story