TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

नेपाल में राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

चीन का नेपाल की सत्ताधारी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी पर खासा प्रभाव है, चीन की ये हमेशा से कोशिश रही है कि इस पार्टी के भीतर फूट न पड़े। हालांकि, इसके बावजूद पार्टी एक बार विभाजित होने के मुहाने पर आकर खड़ी हो गई है।

Aditya Mishra
Published on: 2 Jan 2021 12:53 PM IST
नेपाल में राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन
X
प्रचंड ने ओली के खिलाफ दूसरे दौर के प्रदर्शन को हरी झंडी दिखा दी है। कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचंड की अगुआई वाले धड़े ने एलान किया है कि वह अपने आंदोलन के दूसरे दौर को जारी रखेगा।

काठमांडू: नेपाल में राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी (आरपीपी) ने संवैधानिक राजशाही तथा हिंदू राष्ट्र की बहाली के लिए प्रदर्शन किया। इस दौरान काठमांडू की सड़कों पर हजारों लोग प्रदर्शन में शामिल हुए।

पार्टी के सैकड़ों समर्थकों ने भृकुटि मंडप से मार्च निकाला और रत्नापार्क के खुले मैदान में बैठक की। इस दौरान नेताओं ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा संसद भंग किए जाने पर अपना गुस्सा जाहिर किया।

आरपीपी के अध्यक्ष कमल थापा तथा पशुपति शमशेर राणा ने नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने तथा देश में संवैधानिक राजशाही बहाल करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की रक्षा तथा राजनीतिक स्थिरता के लिए संवैधानिक राजशाही तथा हिंदू राष्ट्र की बहाली के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है।

nepal pm नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली(फोटो: सोशल मीडिया)

नेपाल में 2006 में जन आंदोलन के बाद राजशाही खत्म कर दी गई थी

प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल में वर्ष 2006 में जन आंदोलन के बाद राजशाही खत्म कर दी गई थी और 2008 में नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया था।

वर्ष 2018 में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की पार्टी ने मिलकर एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की थी। चीन ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी।

पाकिस्तान के इस शख्स को वुल्फमैन बनना पड़ा भारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Protest in Nepal नेपाल में हिंदू राजशाही की मांग: सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी, ओली की हालत खराब (फोटो: सोशल मीडिया)

नेपाल के सियासी संकट में चीन का सीधा हस्तक्षेप, फिर भी ड्रैगन नाकाम

चीन का नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी पर प्रभाव

चीन का नेपाल की सत्ताधारी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी पर खासा प्रभाव है, चीन की ये हमेशा से कोशिश रही है कि इस पार्टी के भीतर फूट न पड़े। हालांकि, इसके बावजूद पार्टी एक बार विभाजित होने के मुहाने पर आकर खड़ी हो गई है।

पार्टी में एक धड़ा प्रधानमंत्री ओली का है और दूसरा पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड का है। दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं। वे एक दूसरे पर हमला बोलने का कोई भी मौक़ा नहीं गंवाते हैं। दोनों के बीच कई बार जुबानी जंग देखने को मिल चुकी है।

एलियन कर रहे इशारा? खगोलविदों ने खोजीं रहस्यमयी तरंगें, वैज्ञानिक भी हैरान

न्यूजट्रैक के नए ऐप से खुद को रक्खें लेटेस्ट खबरों से अपडेटेड । हमारा ऐप एंड्राइड प्लेस्टोर से डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें - Newstrack App



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story