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UN में किसान आंदोलन की धमक: प्रदर्शन पर दी प्रतिक्रिया, कही ये बड़ी बात
किसान आंदोलन की धमक देश समेत दुनियाभर में दिखाई दे रही है। कनाडा, ब्रिटेन के बाद अब संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने कहा है कि किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का हक है और उन्हें ऐसा करने दिया जाए।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है। किसानों के आंदोलन को ना केवल देश बल्कि विदेशों से भी समर्थन हासिल हो रहा है। इस कड़ी में कनाडा, ब्रिटेन के बाद अब संयुक्त राष्ट्र संघ में भी किसान आंदोलन की चर्चा होने लगी है। भारत की तरफ से इस मुद्दे को घरेलू बताकर इसमें विदेशी नेताओं के हस्तक्षेप ना करने की नसीहत देने के बाद भी कई देश आंदोलन को लेकर अपनी बात रख रहे हैं।
किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का हक
कनाडा, ब्रिटेन के बाद अब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा है कि किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का हक है और उन्हें ऐसा करने दिया जाए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टेफने डुजारिक ने शुक्रवार को कहा कि जहां तक भारत का सवाल है, मैं आपसे वह कहूंगा जो मैंने दूसरे लोगों को इस तरह के मुद्दे उठाने पर कहा है कि लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकारी है और उन्हें ऐसा करने दें। बता दें कि डुजारिक भारत में किसानों के आंदोलन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
भारत पहले भी जता चुका है आपत्ति
इस मामले में भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा स्पष्ट किया जा चुका है कि किसानों का मुद्दा देश का घरेलू मामला है। कुछ विदेशी नेताओं द्वारा नासमझी और गैरजरूरी बयान दिया जा रहा है, जो एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है और यह भारत को कतई स्वीकार्य नहीं है। भारत ने सख्त चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि यदि यही रवैया जारी रहा तो भारत और कनाडा के रिश्ते पर भी इसके गंभीर परिणाम होंगे।
विदेश मंत्रालय ने कनाडा हाई कमिश्नर को किया था तलब
हालांकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत की चेतावनी पर ध्यान ना देते हुए अपनी बात को दोहराया है। उन्होंने कहा कि उनका देश शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन करता रहेगा। इससे पहले कनाडा के पीएम और कुछ मंत्रियों ने किसानों के प्रदर्शन पर बयानबाजी की है। भारत द्वारा आपत्ति जाहिर किए जाने के बाद भी ऐसा लगातार किया जा रहा है। बता दें कि विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को कनाडा के हाई कमिश्नर को इस बाबत तलब किया गया था।
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ब्रिटेन में उठी ये मांग
विदेश मंत्रालय की ओर से उम्मीद जताई गई है कि कनाडा की सरकार भारतीय कूटनीतिक अधिकारियों की पूरी सुरक्षा करेगी और कनाडा के नेता देश में चरमपंथी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली घोषणाओं से बाज आएंगे। वहीं ब्रिटेन की बात की जाए तो यहां 36 सांसदों ने देश के विदेश सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि भारत के इस बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा की जाए। ब्रिटेन में भारतीय मूल और पंजाब से संबंध रखने वाले 36 सांसदों का कहना है कि ब्रिटेन को पीएम मोदी के साथ यह मुद्दा उठाकर किसानों की समस्या सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।
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