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Divorce System: इस देश में मरने के बाद ही अलग होते हैं पति-पत्नी, तलाक का कोई प्रावधान नहीं, जानें और देशों के नियम

Divorce System: हम यहां जिस देश की बात कर हैं वह फिलीपींस है। यह दुनिया का एक मात्र देश है जहां तलाक की कोई व्यवस्था नहीं है। इस देश में मरने के बाद ही पति-पत्नी अलग होते हैं।

Ashish Pandey
Published on: 11 Jun 2023 3:38 PM GMT (Updated on: 11 Jun 2023 3:44 PM GMT)
Divorce System: इस देश में मरने के बाद ही अलग होते हैं पति-पत्नी, तलाक का कोई प्रावधान नहीं, जानें और देशों के नियम
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फिलीपींस में तलाक की कोई व्यवस्था नहीं मरने के बाद ही अलग होते हैं पति-पत्नी: Photo- Social Media

Divorce System: तलाक एक ऐसा शब्द जो पति-पत्नी के रिश्ते को खत्म कर देता है। तलाक ले लेने के बाद रिश्ता खत्म हो जाता हैं। पति-पत्नी जो विवाह के समय सात जन्मों तक रिश्ते निभाने की कसमें खाते हैं वहीं इसी जन्म में जब आपस में नहीं बनती है तो एक-दूसरे से अलग होने का फैसला करते हैं और तलाक ले लेते हैं। दुनिया भर के देशों में तलाक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दुनियाभर के देशों में तलाक की अलग-अलग परंपराएं और कानून हैं और बड़ी संख्या में तलाक के मामले भी सामने आते हैं। हर देश में तलाक लेने के लिए कानून भी बना है। लेकिन एक देश ऐसा भी है, जहां तलाक नहीं लिया जा सकता। इस देश में तलाक का कोई प्रावधान ही मौजूद नहीं है।

हम यहां जिस देश की बात कर हैं वह फिलीपींस है। यह दुनिया का एक मात्र देश है जहां तलाक की कोई व्यवस्था नहीं है। दरअसल फिलीपींस कैथोलिक देशों के एक समूह का हिस्सा है। इस देश में कैथोलिक चर्च के प्रभाव की वजह से ही तलाक का कोई प्रावधान नहीं है। बात 2015 की है। जब पोप फ्रांसिस फिलीपींस गए थे, तो वहां के धर्मगुरुओं से उन्होंने अपील की थी कि तलाक चाहने वाले कैथोलिक लोगों के प्रति सहानुभूति नजरिया रखना चाहिए, लेकिन फिलीपींस में ‘तलाकशुदा कैथोलिक‘ होना अपमानजनक माना जाता है।

पोप फ्रांसिस की बात को अनसुना कर दिया-

फिर क्या था फिलीपींस के ईसाई धर्मगुरुओं ने पोप फ्रांसिस की बात को एकदम अनसुना कर दिया और अपने देश में तलाक का कोई प्रावधान ही नहीं रखा। दरअसल, फिलीपींस के ईसाई धर्मगुरुओं को इस बात का गर्व है कि दुनिया में एकमात्र फिलीपींस ही ऐसा देश है, जहां पर तलाक नहीं लिया जा सकता है। फिलीपींस में तलाक को वैध बनाने वाला बिल तो पहले से है, लेकिन राष्ट्रपति बेनिनो एक्विनो के समर्थन के बिना इसे कानून में लाना मुश्किल है।

पहले था कानून, बाद में हो गया खत्म-

फिलीपींस पर करीब चार सदी तक स्पेन का शासन रहा और इस दौरान वहां की अधिकांश जनता ने ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया था। इस दौरान समाज में कैथोलिक रूढ़िवादी नियमों ने अपनी मजबूत जड़ें जमा ली थीं, लेकिन 1898 में जब स्पेन-अमेरिका युद्ध हुआ और फिलीपींस पर अमेरिका का शासन हुआ तो तलाक के लिए एक कानून बनाया गया। 1917 में कानून के अनुसार लोगों को तलाक की अनुमति तो दी गई, लेकिन एक शर्त रख दी गई और वह शर्त थी कि अगर पति-पत्नी में से कोई एडल्टरी करते पाया जाएगा, तो ही तलाक लिया जा सकता है।

केवल कुछ साल तक ही चला-

द्वितीय विश्वयुद्ध 1939-1945 के समय फिलीपींस पर जब जापान ने कब्जा किया, तो उस समय भी तलाक के लिए एक नया कानून लाया गया, लेकिन ये नया कानून केवल कुछ साल तक ही चला और 1944 में फिलीपींस पर जब फिर अमेरिका का दोबारा शासन हुआ, तो पुराना तलाक कानून ही फिर से लागू कर दिया गया। 1950 में जब फिलीपींस अमेरिका के कब्जे से आजाद हुआ, तो इसके बाद चर्च के प्रभाव के कारण तलाक का कानून वापस ले लिया गया और उसी समय से तलाक पर जो प्रतिबंध लगा, वो आज तक जारी है। इस तरह फिलीपींस दुनिया का एक ऐसा देश है जहां तलाक का प्रावधान नहीं है।

इन पर नहीं है यह लागू-

फिलीपींस में तलाक नहीं लेने का प्रतिबंध केवल ईसाइयों पर ही लागू है। यहां की 6 से 7 फीसदी मुस्लिम आबादी पर यह नहीं लागू है। मुस्लिम अपने पर्सनल लॉ के मुताबिक तलाक ले सकते हैं। अपने धार्मिक नियमों के अनुसार मुस्लिम समुदाय को ऐसा करने की छूट दी गई है।

भारत में तलाक की दर-

तलाक की दरों को लेकर दुनियाभर के देशों की रैंकिंग जारी की गई है। तलाक अब दुनिया के देशों में आम बात हो गई। साल दर साल तलाक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। तलाक के मामलों में 2023 की रैंकिंग को देखा जाए तो कई देशों में तलाक दर काफी बढ़ चुकी है। तलाक लेने वाले देशों को लेकर वल्र्ड ऑफ स्टैटिक्स ने नए आंकड़े जारी किये हैं। दुनिया का एक ऐसा भी देश है जहां तलाक की दर 94 प्रतिशत है तो वहीं इस रैंकिंग में भारत सबसे अंतिम पायदान पर है, जिसकी तलाक दर केवल एक प्रतिशत है।

इन दस देशों में होते हैं सबसे ज्यादा तलाक-

1-पुर्तगाल...........94 प्रतिशत

2-स्पेन..................85 प्रतिशत

3-लक्जमबर्ग........79 प्रतिशत

4-रूस....................73 प्रतिशत

5-यूक्रेन..................70 प्रतिशत

6-क्यूबा....................55 प्रतिशत

7-फिनलैंड................55 प्रतिशत

8-बेल्जियम................53 प्रतिशत

9-फ्रांस.........................51 प्रतिशत

10-स्वीडन....................50 प्रतिशत

इन देशों में भी तलाक की दर है ऊंची-

नीदरलैंड 48 प्रतिशत, कनाडा 47 प्रतिशत, इटली 46 प्रतिशत, डेनमार्क 46 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया 46 प्रतिशत, संयुक्त राज्य अमेरिका 45 प्रतिशत, चीन 44 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया 43 प्रतिशत, न्यूजीलैंड 41 प्रतिशत, यूनाइटेड किंगडम 41 प्रतिशत, जर्मनी 38 प्रतिशत, सऊदी अरब 37 प्रतिशत, जापान 35 प्रतिशत, पोलैंड 33 प्रतिशत, कोलंबिया 30 प्रतिशत, इजराइल 27 प्रतिशत, तुर्की 25 प्रतिशत, ब्राजील 21 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका 17 प्रतिशत, मिस्र 17 प्रतिशत, मेक्सिको 17 प्रतिशत, ईरान 14 प्रतिशत, ताजिकिस्तान 10 प्रतिशत, वियतनाम 7 प्रतिशत और भारत में 1 प्रतिशत है।

यहां आम बात है पति-पत्नी के बीच तलाक लेना-

दुनिया का एक ऐसा भी देश हैं जहां तलाक लेना आम बात है। वह देश है पुर्तगाल। तलाक को यहां तिरस्कार की नजर से नहीं देखा जाता है। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि पुर्तगाल में लगभग 87 प्रतिशत महिलाएं सिंगल पेरेंट हैं। पुर्तगाल में यूरोपीय देशों के मुकाबले महिलाओं को अधिक अधिकार मिले हैं। एक स्टडी के अनुसार, पुर्तगाल में 10 में से 8 शादियां केवल तलाक में ही समाप्त हो जाती हैं। वहीं 2020 के यूएनआईडीओएमओ सर्वेक्षण से पता चला है कि पुर्तगाल में तलाक की दर प्रति 100 विवाहों में 91.5 प्रतिशत थी, जो यूरोपीय देशों में सबसे ज्यादा है।

भारत में सबसे अधिक तलाक दिल्ली में-

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में भी अब तेजी से तलाक की दर बढ़ रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली में हर साल 8,000-9,000 से अधिक तलाक के मामले आते हैं। भारत में दिल्ली में सबसे अधिक तलाक होते हैं। इसके बाद मुंबई और बंगलुरु का नंबर आता है। जहां एक दशक में आंकड़े दोगुने हो गए हैं। हर साल 4,000 से 5,000 तलाक का खतरा मंडरा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1960 के दशक में तलाक के एक से दो मामले सामने आते थे, लेकिन, 1980 के दशक तक यह मामले 100-200 और 1990 के दशक में लगभग 1,000 हो गये थे। जबकि अब यह बढ़कर लगभग 9,000 मामले प्रतिवर्ष हो गये हैं।

इस तरह देखा जाए तो जहां दुनिया के कई देशों में तलाक के मामले बढ़ते जा रहे हैं तो वहीं भारत में भी दिन प्रतिदिन स्थितियां गंभीर होती दिख रही हैं। लेकिन वहीं दुनिया का एक अकेला देश फिलीपींस भी है जहां तलाक का कोई मामला ही नहीं हैं मतलब यहां तलाक का कोई प्रावधान नहीं है।

Ashish Pandey

Ashish Pandey

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