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अब नहीं बचेगा पाकिस्तान: ISI के आतंकियों से संबंध, FATF करेगा ये कड़ी कार्रवाई

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स(एफएटीएफ) की बड़ी बैठक होनी है। इस बैठक में समीक्षा की जाएगी कि पाकिस्तान एफएटीएफ एक्शन प्लान को लागू करने में कितना सफल हुआ है। इससे पहले ही पाकिस्तान की एक बार फिर पोल खुल गई है

Newstrack
Published on: 5 Sep 2020 3:22 PM GMT
अब नहीं बचेगा पाकिस्तान: ISI के आतंकियों से संबंध, FATF करेगा ये कड़ी कार्रवाई
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सुरक्षा एजेंसियों को एक नया दस्तावेज़ मिला है जिसमें पाकिस्तान की दुर्दांत खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ एक आतंकी संगठन के संबंध है।

नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स(एफएटीएफ) की बड़ी बैठक होनी है। इस बैठक में समीक्षा की जाएगी कि पाकिस्तान एफएटीएफ एक्शन प्लान को लागू करने में कितना सफल हुआ है। इससे पहले ही पाकिस्तान की एक बार फिर पोल खुल गई है। पाकिस्तान के विशेष रूप से आतंकवादियों को वित्तीय सहायता और आतंक को समर्थन करने के प्रमाण मिले हैं।

सुरक्षा एजेंसियों को एक नया दस्तावेज़ मिली है जिसमें पाकिस्तान की दुर्दांत खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ एक आतंकी संगठन के संबंध है। अब इसके चलते एफएटीएफ की मीटिंग में पाकिस्तान पर ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडराने लगा है।

पाकिस्तान ने भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े आतंकवादी समूहों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें पाकिस्तान का हिजबुल मुजाहिदीन आंतकी संगठन भी शामिल है। इसका अध्यक्ष आतंकी मोहम्मद यूसुफ शाह है, जो सैयद सलाहुद्दीन के नाम से प्रसिद्ध। इसके साथ ही वह आतंकवादी संगठनों के पैत्रक संगठन संयुक्त जिहाद परिषद (UJC) का प्रमुख है। इस संगठन में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे प्रमुख आतंकी संगठन शामिल हैं।

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जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने में सलाहुद्दीन का हाथ

सलाहुद्दीन पाकिस्तानी आकाओं के निर्देश पर कार्य करता है। उसकी जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी अभियान और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उसने कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों की फंडिंग में पाकिस्तान की भूमिका को स्वीकारा भी है। जून 2012 में सलाहुद्दीन एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि वह कश्मीर में पाकिस्तान की लड़ाई लड़ रहा था। उसने कई बार भारत में हमले कराने की बात स्वीकार की है।

Syed Salahuddin

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ऐसे करता है आतंक फैलाने का काम

सलाउद्दीन कई भारतीय प्रॉक्सी एनजीओ और आईएसआई और अन्य पाकिस्तान स्थित संस्थाओं द्वारा समर्थित चैरिटी के जरिए भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने में समर्थन करता है। इनमें से सबसे प्रमुख संगठन जम्मू और कश्मीर प्रभावित राहत ट्रस्ट (JKART) शामिल हैं।

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सलाउद्दीन जेकेएआरटी का इस्तेमाल पैसे देकर नए आतंकियों की भर्तियां कराता है। इसके साथ ही उनके मारे जाने पर परिवार के सदस्यों की देखभाल करने का वादा करता है। जेकेएआरटी का मुख्य कार्यालय इस्लामाबाद में है। इसकी शाखाएं मुजफ्फराबाद (PoJK) समेत कई जगहों पर हैं।

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