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ट्रंप के इस विमान को देख क्यों थर-थर कांपने लगते हैं दुश्मन देश? यहां जानें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस विमान से भारत आ रहे हैं, वो बोइंग 747-200बी श्रेणी का विमान है। पहले बोइंग 707 श्रेणी का विमान इस्तेमाल किया जाता था। बाद में इसको अपग्रेड किया गया।

Aditya Mishra
Published on: 24 Feb 2020 2:36 PM IST
ट्रंप के इस विमान को देख क्यों थर-थर कांपने लगते हैं दुश्मन देश? यहां जानें
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति ट्रंप अपने विशेष विमान एयरफोर्स वन विमान से भारत आ रहे हैं। इस मौके पर आईए जान लेते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति के इस विमान में ऐसा क्या है कि इसकी इतनी चर्चा होती है। सवाल ये भी है कि आखिर इस विमान का नाम एयरफोर्स वन ही क्यों पड़ा?

इन खासियतों से लैस है ट्रंप का एयरफोर्स वन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस विमान से भारत आ रहे हैं, वो बोइंग 747-200बी श्रेणी का विमान है। पहले बोइंग 707 श्रेणी का विमान इस्तेमाल किया जाता था। बाद में इसको अपग्रेड किया गया। अत्याधुनिक सुविधाओं वाला ये विमान 70 मीटर लंबा है। विमान में 4 हजार वर्ग फुट की जगह है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये विमान कितना बड़ा होगा। एयरपोर्स वन 965 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।

चार हजार वर्गफुट की जगह वाले इस विमान में राष्ट्रपति और उनके साथ यात्रा करने वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए तीन लेयर में व्यवस्था है। इसमें राष्ट्रपति के लिए विशेष सुईट या कमरा बना है। साथ ही इसमें बड़े साइज का ऑफिस, टॉयलेट और कांफ्रेंस रूम भी है। इस विमान में एक इमरजेंसी मेडिकल रूम भी है जिसमें ऑपरेटिंग टेबल लगा है। विमान में हर वक्त एक डॉक्टर मौजूद रहता है और राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप का खून में उपलब्ध रहता है।

एयरफोर्स वन में राष्ट्रपति के साथ यात्रा करने वाला विशेष प्रतिनिधिमंडल जिसमें वरिष्ठ अधिकारी और खुफिया सेवा के अधिकारी भी शामिल होते हैं, उनके लिए क्वार्टर बना हुआ है। विमान में दो किचन है जिसमें एक साथ 100 लोगों का खाना बनाया जा सकता है।

इस विमान की विशेष पहचान इसमें लिखा हुआ यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका सहित अमेरिकी राष्ट्रध्वज और राष्ट्रपति की सील की तस्वीर है। इस विमान की एक बड़ी खासियत ये भी है कि नियमित विमानों के मुकाबले ये हवा में भी इंधन भर सकता है। इसलिए, इसे असीमित क्षमता वाला विमान कहा जाता है क्योंकि ये राष्ट्रपति को कभी भी कहीं ले जाने में सक्षम है।

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एयरफोर्स वन में सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था है

एयरफोर्स वन में सुरक्षा से संबंधित कई तरह की अत्याधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल किया गया है। इसमें इस्तेमाल की गयी विशेष तकनीक विमान को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स से बचाने में सक्षम है. विमान में अत्याधुनिक संचार उपकरण लगा हुआ है। यदि अमेरिका में कोई हमला होता है तो संचार उपकरण विमान को मोबाइल कमांड सेंटर की तरह काम करने की सुविधा देता है। विशेष उपकरणों से लैस इस विमान में मिसाइल हमले का भी कोई असर नहीं होगा, ऐसा दावा किया जाता है।

विमान घातक लेजर और मिसाइल से लैस है। यदि दुश्मन के हमले का अंदेशा हो तो विमान से ही मिसाइल हमला किया जा सकता है। यदि दुश्मन ने किसी तरह से मिसाइल को चकमा दे दिया तो विमान के विंग में छिपी मशीनगन ताबड़तोड़ गोलियां बरसा सकती है।

ज्यादा खतरा महसूस होने पर विमान में मौजूद एस्केप पॉड यानी खास तरह के कैप्सूल की मदद से राष्ट्रपति को सुरक्षित निकाला जा सकता है। विमान में राष्ट्रपति के पास न्यूक्लिटर वेपन लांच करने के लिए बटन भी होता है।

एयरफोर्स वन ही क्यों कहलाता है ट्रंप का विमान

अब सवाल ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा में इस्तेमाल होने वाले इस विशेष विमान का नाम एयरफोर्स वन क्यों पड़ा? दरअसल एयरफोर्स वन वो ट्रैफिक कोड है जिसका इस्तेमाल उस विमान के लिए होता है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति सफर करते हैं। बाद में ये कोड उस विमान के लिए भी इस्तेमाल होने लगा जो अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए तैयार किया गया।

जानकारी के मुताबिक तकनीकी रुप से एयरफोर्स वन अमेरिकी वायुसेना के विमान में राष्ट्रपति के सवार रहने के दौरान इस्तेमाल में आने वाला सरकारी रेडियो कॉल साइन है।

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