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चीन पर इस खतरनाक मिसाइल से हमला करवाएंगे ट्रंप! कांपा ड्रैगन, ये है वजह
दक्षिणी चीन सागर में ताइवान और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। अब चीन को डर सता रहा है कि अमेरिका मिसाइल से हमला कर सकता है।
लखनऊ: दक्षिणी चीन सागर में ताइवान और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। अब चीन को डर सता रहा है कि अमेरिका मिसाइल से हमला कर सकता है। चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिन का दावा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा चुनाव जीतने के लिए साउथ चाइना सी में स्थित चीन के द्वीपों पर ड्रोन से मिसाइल हमला करवा सकते हैं। शिजिन ने धमकी दी है कि अगर हुआ तो करारा जवाब मिलेगा।
हू शिजिन ने ट्वीट कर कहा कि मिली सूचनाओं के आधार पर मेरा मानना है कि ट्रंप सरकार दोबारा चुनाव जीत के लिए साउथ चाइना सी में चीन के द्वीपों पर MQ-9 रीपर ड्रोन से मिसाइल हमला करवाने का खतरा ले सकती है। अगर ऐसा हुआ तो चीनी सेना (पीएलए) निश्चित रूप से करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने युद्ध को शुरू किया है, उन्हें करारा जवाब देगी।
ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका में तनाव
ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका में तनाव चरम पर है। इससे पहले भी चीनी सरकार के भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने ही धमकी दी थी कि अगर अमेरिका की सेना ताइवान वापस लौटी तो चीन जंग छेड़ देगा। ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिन ने अमेरिका और ताइवान को धमदी दी थी और कहा था कि चीन अलगाव रोधी कानून एक ऐसा टाइगर है जिसके दांत भी हैं।
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ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ने लिखा, मैं अमेरिका और ताइवान में इस तरह की सोच रखने वाले लोगों को चेतावनी देना हूं। एक बार अगर वे ताइवान में अमेरिकी सेना के वापस लौटने का फैसला लेते हैं तो चीनी सेना निश्चित रूप से अपने क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए एक न्याय जगं शुरू करेगा।
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''चीन और अमेरिका के बीच टूटेगा समझौत''
ग्लोबल टाइम्स ने विश्लेषकों के हवाले से कहा कि ताइवान में विदेशी हस्तक्षेप और ताइवान के अलगाव समर्थक लोगों के खिलाफ ताइवान स्ट्रेट में व्यापक युद्धाभ्यास चल रहा है। इस बीच अमेरिकी सैन्य जर्नल में इस तरह सेना को भेजने की सलाह दी गई है। अगर अमेरिका सेना भेजता है तो इससे चीन और अमेरिका के बीच हुआ समझौते टूट जाएंगे। शिजिन ने कहा कि यह पागलपन भरा सुझाव ताइवान की जनता के लिए ठीक नहीं है। अगर यह सत्य साबित हुआ तो पीएलए जोरदार सैन्य कार्रवाई करेगी और ताकत के बल पर ताइवान का एकीकरण करेगी।
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चीन के अचानक हमले का डर
इससे पहले अमेरिका की सैन्य पत्रिका में सुझाव दिया गया था कि पूर्वी एशिया में क्षेत्रीय शक्ति संतुलन अमेरिका और ताइवान से हटकर चीन की तरफ जा रहा है। ऐसे में अगर अमेरिका ताइवान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है तो उसे ताइवान में सेना की तैनाती पर विचार करना होगा। इसके साथ ही लेख में चेतावनी दी गई है कि वर्तमान शक्ति संतुलन को देखते हुए चीन के अचानक हमले का डर है।
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