नाकामी के आरोप के नीचे दबी सरकार, पीएम समेत पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा

आखिरकार लेबनान की सरकार ने जन विरोध के आगे घुटने टेक दिए। राजधानी बेरुत में हुए शक्तिशाली धमाके के बाद लोग सड़कों पर उतर कर सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

Newstrack
Published on: 11 Aug 2020 5:52 AM GMT
नाकामी के आरोप के नीचे दबी सरकार, पीएम समेत पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा
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नाकामी के आरोप के नीचे दबी सरकार, पीएम समेत पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा

बेरुत: आखिरकार लेबनान की सरकार ने जन विरोध के आगे घुटने टेक दिए। राजधानी बेरुत में हुए शक्तिशाली धमाके के बाद लोग सड़कों पर उतर कर सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। प्रधानमंत्री हसन दियाब ने लोगों की मांग के आगे झुकते हुए पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया है।

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नाकामी के आरोप के नीचे दबी सरकार, पीएम समेत पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा

सरकार के खिलाफ दो दिन से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार को कैबिनेट की बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया। बेरुत धमाके को लेकर लोग सरकार पर नाकामी का आरोप लगा रहे थे। भारी जन विरोध के कारण एक-एक करके मंत्रियों ने इस्तीफा देना भी शुरू कर दिया था। इसलिए अब प्रधानमंत्री सहित पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया है।

धमाके के कारण उपजा जनाक्रोश

स्वास्थ्य मंत्री हमद हसन ने बताया कि सरकार पर सत्ता छोड़ने का जबर्दस्त दबाव था और इसी कारण यह फैसला लिया गया है। हालांकि नई सरकार का गठन होने तक मौजूदा मंत्रिमंडल कामकाज संभाल लेगा। प्रधानमंत्री दियाब ने टीवी पर प्रसारित अपने संदेश में कहा कि वह आम लेबनानी लोगों की मांग का समर्थन करते हैं और बेरुत में धमाके के लिए जिम्मेदार लोगों को नहीं छोड़ा जा सकता।

उन्होंने कहा कि हमें लोगों की जवाबदेही तय करके उन्हें कानून के दायरे में लाना होगा। कैबिनेट बैठक के बाद पीएम अपने सभी मंत्रियों का इस्तीफा लेकर प्रेसीडेंशियल पैलेस पहुंचे। लेबनान के राष्ट्रपति माइकल आउन ने पूरी सरकार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

धमाके में 163 लोगों की मौत

लेबनान में इसी साल जनवरी में सरकार का गठन हुआ था और सरकार को ईरान समर्थित शक्तिशाली हिजबुल्ला समूह और उसके सहयोगियों का समर्थन भी हासिल था मगर बेरुत धमाके से सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी काफी बढ़ गई थी। लोगों ने सड़कों पर उतरकर सरकार पर नाकामी का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की थी। बेरुत में गत मंगलवार को बंदरगाह पर स्टोर करके रखे गए 2000 टन अमोनियम नाइट्रेट में धमाका हो गया था।

इस धमाके ने 163 लोगों की जान ले ली और 6000 से ज्यादा लोग इस धमाके में घायल हुए हैं। धमाके के बाद अभी तक सैकड़ों लोग लापता हैं और उनकी तलाश का काम जारी है। इस धमाके से संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ है और आसपास के लोगों के घर उड़ गए। काफी संख्या में लोग धमाके के कारण बेघर हो गए हैं।

ऐतिहासिक सुरसॉक पैलेस नष्ट

जबर्दस्त धमाके के कारण 160 साल पुराना ऐतिहासिक सुरसॉक पैलेस भी पूरी तरह नष्ट हो गया है। सुरसॉक पैलेस रोड्रिक सुरसॉक का कहना है कि एक पल में ही सबकुछ खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि 1975 से 1990 के बीच युद्ध के दौरान सुरसॉक पैलेस को नुकसान हुआ था और उसका पुराना गौरव लौटाने के लिए इसकी पूरी तरह मरम्मत कराई गई थी। मरम्मत के काम में 20 साल का वक्त लगा था मगर धमाके ने सबकुछ नष्ट कर दिया।

नाकामी के आरोप के नीचे दबी सरकार, पीएम समेत पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा

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मदद के लिए आगे आई दुनिया

इस धमाके से हुई तबाही के बाद मदद के लिए पूरी दुनिया के लोग आगे आए हैं। वैश्विक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने 298 बिलियन की आपात मानवीय सहायता का भरोसा दिलाया है। भारत की ओर से भी शीघ्र ही लेबनान की मदद के लिए दवा, खाने का सामान तथा आवश्यक सामग्री भेजी जाएगी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि भारत की ओर से तत्काल राम राहत सामग्री भेजकर लेबनान की मदद की जाएगी।

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