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Environment Day: पर्यावरण दिवस पर बीज गेंदों का निर्माण

Environment Day: इस दिवस पर स्कूली बच्चों को वृक्षारोपण के कार्य में लगा दिया जाता है। नहीं तो कोई गणमान्य आकर एक वृक्ष लगाकर अपना मान बढ़ा लेते हैं। कई स्कूल तो अब स्वयंसेवी संस्थाओं को अपने स्कूल में आने से भी मना करने लगे हैं। सड़कों के किनारे पेड़ तो लगा देते हैं । लेकिन उसमें पानी खाद कैसे मिलेगा सोचते भी नहीं।

Sarojini Sriharsha
Published on: 4 Jun 2023 3:51 PM GMT
Environment Day: पर्यावरण दिवस पर बीज गेंदों का निर्माण
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environment day 5 jun 2023 seed balls

Environment Day: हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पूरी दुनिया मनाती है। जगह जगह पेड़ पौधे लगाये जाते हैं। कई जगहों पर तो जरूरत नहीं होने पर भी वृक्षारोपण करके कुछ संस्थाएं नाम बटोरने में लगी रहती हैं। लेकिन पेड़ों को किधर और कैसे लगाएं कोई सही मार्गदर्शन नहीं दे पाता। इस दिवस पर स्कूली बच्चों को वृक्षारोपण के कार्य में लगा दिया जाता है। नहीं तो कोई गणमान्य आकर एक वृक्ष लगाकर अपना मान बढ़ा लेते हैं। कई स्कूल तो अब स्वयंसेवी संस्थाओं को अपने स्कूल में आने से भी मना करने लगे हैं। सड़कों के किनारे पेड़ तो लगा देते हैं । लेकिन उसमें पानी खाद कैसे मिलेगा सोचते भी नहीं।

लेख , चित्र प्रतियोगिता, भाषण जैसे कई प्रतियोगिता का आयोजन कर दिया जाता है। इस में बढ़ चढ़ कर लोग हिस्सा भी ले लेते हैं । लेकिन अपने आस पास उसे लागू करने या अमल में लाने का प्रयत्न भी नहीं करते। लेकिन मैंने देखा जो असली पर्यावरण के प्रेमी या कहें जिन्हें बागवानी या पेड़ों से बहुत प्यार है , कुछ न कुछ नया करने का सोच ही लेते हैं। ऐसा ही कुछ करने का जज्बा मैंने अपनी दोस्त में देखा। हालांकि वो कोई संस्था नहीं चलाती लेकिन उसके पेड़ पौधों में दिलचस्पी हर समय कुछ नया करने का जूनून रखता है। इस साल भी पर्यावरण दिवस के अवसर पर मैंने बाकी लोगों के साथ सीड बॉल्स यानी बीज गेंद बनाना सीखा। इसके लिए हर दिन इस्तेमाल या खाने वाले फल के बीजों को अच्छी तरह धूप में सुखा कर मिट्टी को थोड़ा गीला कर एक बीज को बॉल्स यानि गेंद के आकार में बना लें। बनाने के बाद इन गेंदों को अच्छी तरह धूप में सुखा लें। फिर इन गेंदों को आप पहाड़ी इलाके या नदी किनारे या जहां आपको लगता है खाली जगह है जाकर फेंक सकते हैं।

बारिश के दिनों में ये बीज अंकुरित होकर पेड़ पौधे का रूप ले लेंगे। पर्यावरण के साथ साथ हमारे धरती को भी शुद्ध हवा देने में एक पहल होगी। सीड बॉल्स का निर्माण स्कूल में भी टीचर बच्चों को सीखा सकते हैं। माता पिता को बच्चों को घर में इस प्रकार की शिक्षा देने की कोशिश करनी चाहिए। घर में भले ही जगह कम हो कुछ गमलों में पौधे जरूर लगाएं। पर्यावरण दिवस का असली महत्व तभी सार्थक होगा।

Sarojini Sriharsha

Sarojini Sriharsha

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