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हैवान तानाशाह: खुद बना भगवान, गुरूओं के साथ किया ये घिनौना काम

सन् 1976 की बात है जब यूरोपियन देश अल्बानिया में पार्टी ऑफ लेबर ने देश कोे आधिकारिक तौर पर नास्तिक मुल्क घोषित कर दिया था।

Newstrack
Published on: 11 July 2020 11:44 AM GMT
हैवान तानाशाह: खुद बना भगवान, गुरूओं के साथ किया ये घिनौना काम
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नई दिल्ली। सन् 1976 की बात है जब यूरोपियन देश अल्बानिया में पार्टी ऑफ लेबर ने देश कोे आधिकारिक तौर पर नास्तिक मुल्क घोषित कर दिया था। अल्बानिया के तानाशाह एनवर होक्सहा मार्क्स से पूरी तरह राजी थे, कि धर्म एक अफीम है, जिससे पूरा देश बर्बाद हो जाता है। इन सब पर रोक के साथ ही देश में किसी भी तरह की धार्मिक प्रैक्टिस पर पूरी तरह से रोक लग गई। ऐसे में कोई भी अलग अपने धर्म को मानता, किसी तरह की धार्मिक किताब पढ़ना या किसी धार्मिक समारोह का आयोजन करता या उसमें शामिल होता दिखता था, तो उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलती है। साथ ही होक्सहा का कहना था कि धर्म की बजाए लोग उसपर और पार्टी पर श्रद्धा रखें। यानी उसको ही भगवान माने।

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पादरियों को पकड़ लिया गया

दरअसल सबसे पहले पादरियों के खिलाफ लड़ाई से नास्तिकता की शुरुआत हुई थी। सन् 1945 की बात है, तब कम्युनिस्ट सत्ता में आए थे। उसी साल के आखिर तक बहुत से पादरियों को पकड़ लिया गया और उनपर मिलिट्री ट्रायल हुए।

फिर इसके बाद सन् 1946 में कईयों को मौत की सजा सुनाई गई। तभी कुछ ही वक्त बाद होक्सहा का धर्म के खिलाफ अभियान ही छिड़ गया। अल्बानिया के तानाशाह एनवर होक्सहा महजब को सबसे बुरा मानते थे।

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धर्म अफीम

इसके बाद सन् 1967 में उसने बाकायदा धार्मिक विचारों के खिलाफ कैंपेन चलाया। इसमें एक भाषण के साथ ही पार्टी की सेंट्रल कमेटी को चिट्ठी जारी हुई, जिसमें धर्म को मानने वालों पर हिंसक कार्रावाई की बात की गई।

इस चिठ्ठी में लिखा था- धर्म अफीम है। हमें सबको ये समझाना होगा और जो लोग धर्म को मानते हैं, उनका इलाज करना होगा। ये आसान नहीं लेकिन नामुमकिन भी नहीं।

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धार्मिक गुरुओं को लेबर कैंप

वहीं होक्सहा की धर्म को लेकर इतनी ज्यादा नफरत थी कि उसने किसी को भी जेल में डालने से रोका नहीं। ऐसे मेें धार्मिक गुरुओं को लेबर कैंप में भेजने के कई मामले खासे विवादास्पद रहे।

जिनमें से देश के सबसे बड़े कैथोलिक गुरु ather Ernest Simoni Troshani को होक्सहा ने धर्म को मानने के चलते जेल भेज दिया। वे 25 सालों तक जेल में सख्त सजा और कड़ी मेहनत करते रहे। हालांकि अमानवीय हालातों में रहने के बाद भी उन्होंने धर्म को कभी नहीं छोड़ा और होक्सहा की मौत के बाद लेबर कैंप से बाहर आ सके।

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