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Israel-Palestine Conflict: निष्कासित बीजेपी विधायक राजा सिंह ने इजरायल का किया समर्थन, ओवैसी ने लगाया था फिलिस्तीन जिंदाबाद का नारा
Israel-Palestine Conflict: हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी अपने चुनावी जलसों में रोज इजरायल को कोस रहे हैं और फिलिस्तीन के लिए अपना पुरजोर समर्थन व्यक्त कर रहे हैं।
Israel-Palestine Conflict: विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े पांच राज्यों में दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना भी शामिल है। जहां सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), कांग्रेस और बीजेपी के बीच सत्ता को लेकर जोर आजमाइश चल रही है। इसके अलावा मुसलमानों के मुद्दे पर देश में मुखर होकर बोलने वाले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी यहां प्रभावी भूमिका है। पांचों चुनावी राज्यों में तेलंगाना ही ऐसा राज्य है, जहां इजरायल – फिलिस्तीन विवाद एक मुद्दा बनता जा रहा है।
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी अपने चुनावी जलसों में रोज इजरायल को कोस रहे हैं और फिलिस्तीन के लिए अपना पुरजोर समर्थन व्यक्त कर रहे हैं। ओवैसी को तेलंगाना बीजेपी के फायरब्रांड लीडर टी राजा सिंह ने जवाब दिया है। उन्होंने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में इजरायल का समर्थन किया है। सिंह ने फिलिस्तीन का समर्थन करने और हमास के हमले की निंदा न करने को लेकर एआईएमआईएम चीफ पर निशाना साधा है।
ओवैसी ने लगाया था फिलिस्तीन जिंदाबाद का नारा
एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी इजरायल – हमास जंग छिड़ने के पहले दिन से लगातार फिलिस्तीन के समर्थन में बोल रहे हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा था - फिलिस्तीन जिंदाबाद. हिंसा मुर्दाबाद (मुख्य रूप से इजरायल या किसी समूह/संगठन द्वारा की गई). मस्जिद अल अक्सा आबाद रहे। पिछले दिनों हैदराबाद में अपने एक तकरीर में उन्होंने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को शैतान, क्रूर शासक और युद्ध अपराधी कह दिया था। ओवैसी ने पीएम मोदी से फिलिस्तीनियों की मदद करने की अपील भी की थी।
बीजेपी से निष्कासित चल रहे हैं राजा सिंह
टी राजा सिंह की छवि एक हिंदू फायरब्रांड लीडर की है। उनके विवादित बयानों की एक लंबी फेहरिस्त है, जिसके कारण कई बार उन्हें मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा है। हैदराबाद की गोशामहल सीट से विधायक सिंह को बीते साल अगस्त में बीजेपी से निलंबित कर दिया गया था। क्योंकि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। राजा सिंह 2018 में बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचने वाले एकमात्र विधायक थे। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी में उनकी जल्द वापसी हो सकती है और एकबार फिर वे गोशामहल सीट से उम्मीदवार बनेंगे।
बता दें कि तेलंगाना में 30 नवंबर को सभी 119 विधानसभा सीटों पर एकसाथ चुनाव होने हैं। नतीजे 3 दिसंबर को अन्य चार राज्यों के साथ आएंगे।