×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

रूसी विरोध का चेहराः अलेक्सेई नावाल्नी, चाय में जहर

2011 में नावाल्नी को पहली बार गिरफ्तार किया गया। मॉस्को में डूमा के बाहर हुई रैली में उनकी भूमिका के लिए उन्हें 15 दिन की सजा हुई।

Newstrack
Published on: 29 Aug 2020 2:36 PM IST
रूसी विरोध का चेहराः अलेक्सेई नावाल्नी, चाय में जहर
X
रूस में विरोध करने वालों के बीच एक बुलंद आवाज और मजबूत छवि अलेक्सेई नावाल्नी की है।

मास्को: रूस में विरोध करने वालों के बीच एक बुलंद आवाज और मजबूत छवि अलेक्सेई नावाल्नी की है। नावाल्नी ने 2008 में एक ब्लॉग लिख कर रूसी राजनीति और सरकारी कंपनियों के कथित गंदे कामों की ओर लोगों का ध्यान खींचा। उनके ब्लॉग में लिखी बातें अकसर इस्तीफों की वजह बनती हैं जो रूस की राजनीति में दुर्लभ बात है। नावाल्नी को हवाई यात्रा के दौरान जहर देने का आरोप लगा है।

विवादित संसदीय चुनाव

2011 में नावाल्नी को पहली बार गिरफ्तार किया गया। मॉस्को में डूमा के बाहर हुई रैली में उनकी भूमिका के लिए उन्हें 15 दिन की सजा हुई। संसदीय चुनाव में पुतिन की यूनाइटे़ड रसिया जरूर जीती लेकिन सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों की तरफ से डाली तस्वीरों ने चुनाव के दौरान हुई धांधलियों को उजागर किया। बाहर निकलने पर नावाल्नी ने विरोध प्रदर्शनों के लिए "असाधारण कोशिशों" को जारी रखने की शपथ ली थी।

ये भी पढ़ें- बहुत बड़ा झटका: नहीं रहा ये दिग्गज अभिनेता, खत्म हुआ ब्लैक पैंथर

Alexei Navalny रूसी विरोध का चेहरा अलेक्सेई नावाल्नी (फाइल फोटो)

2012 में दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन ने रूस की जांच कमेटी को नावाल्नी के अतीत की आपराधिक जांच का आदेश दिया। इसके अगले साल नावाल्नी पर आरोप लगे और उन्हें सजा दी गई। इस बार उन्हें किरोव शहर में हुई कथित आगजनी के लिए पांच साल की सजा मिली। हालांकि उन्हें अगले ही दिन रिहा कर दिया गया। क्योंकि उच्च अदालत से सजा की पुष्टि नहीं हो सकी। बाद में उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया।

क्रेमलिन का विरोध बढ़ा

Alexei Navalny रूसी विरोध का चेहरा अलेक्सेई नावाल्नी (फाइल फोटो)

कानूनी पचड़ों में फंसने के बावजूद नावाल्नी को 2013 में मॉस्को के मेयर का चुनाव लड़ने की इजाजत मिल गई। पुतिन के सहयोगी सर्गेई सोब्यानिन से मुकाबले में दूसरे नंबर पर आकर नावाल्नी पुतिन विरोध की मुहिम को आगे बढ़ाने में कामयाब हो गए। राष्ट्रपति के विरोध में गढ़े नारों के कारण नावाल्नी को रूस के सरकारी टेलिविजन पर दिखाने की रोक लग गई।

ये भी पढ़ें- ड्राइवर की केबिन में बैठकर लखनऊ से दिल्ली जा रही थी महिला, हेल्पर ने किया रेप

मजबूर हो कर नावाल्नी ने अपना राजनीतिक संदेश सोशल मीडिया और ब्लॉग के जरिए लोगों तक पहुंचाने लगे। अच्छा भाषण देने, पुतिन और उनके सहयोगियों पर तीखे व्यंग्य और हास्य के जरिए उनका मजाक बना कर नावाल्नी ने युवा प्रशंसकों की एक फौज खड़ी कर ली।

राष्ट्रपति बनने की महत्वाकांक्षा

Alexei Navalny-Putin रूसी विरोध का चेहरा अलेक्सेई नावाल्नी (फाइल फोटो)

दिसंबर 2016 में विपक्षी नेता ने मार्च 2018 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी के अभियान की औपचारिक शुरूआत की। हालांकि लगातार लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई। उनके समर्थकों का कहना है कि उन पर लगे सारे आरोप राजनीति से प्रेरित थे।

ये भी पढ़ें- कश्मीर में आतंकी चक्रव्यूह: पुलवामा हमले का हुआ खुलासा, युवाओं को ऐसे धर-दबोचा

2016 में यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने फैसला दिया कि किरोव मामले में रूस की सरकार ने नावाल्नी की उचित सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन किया। रूस की सर्वोच्च अदालत ने पांच साल कैद की सजा उलट दी लेकिन इस फैसले को किरोव की अदालत में वापस भेज दिया गया। 2017 में फिर उन्हें पांच साल के निलंबित कैद की सजा सुनाई गई. नावाल्नी ने फैसले को चुनौती दी। ये केस अभी चल रहा है।

मॉस्को का सबसे बड़ा प्रदर्शन

Alexei Navalny रूसी विरोध का चेहरा अलेक्सेई नावाल्नी (फाइल फोटो)

फरवरी 2017 में भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्जनों शहरों में हुई रैलियों के कारण देश भर में नावाल्नी समेत 1000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हुए। 2012 के बाद यह विरोध प्रदर्शन सबसे ज्यादा बड़े थे। नावाल्नी ने अपनी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री दिमित्री मेद्वेद्वेव को एक अरब यूरो के एक इम्पायर से संबंधित बताया था। 15 दिन बाद नावाल्नी को रिहा कर दिया गया। नावाल्नी पर शारीरिक हमले भी हुए। अप्रैल 2017 में उनकी एक आंख में किसी ने केमिकल डाइ फेंक दिया। इसकी वजह से उनके दक्षिणी कॉर्निया को भारी क्षति हुई।

ये भी पढ़ें- चेक करें नए नियम: हवाई यात्रा से पहले पढ़ें ये नियम, नहीं तो पड़ सकता है महंगा

नावल्नी ने रूसी अधिकारियों पर आरोप लगाया कि किरोव मामले की आड़ लेकर उन्हें इलाज के लिए बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। हालांकि रूसी राष्ट्रपति दफ्तर से जुड़े मानवाधिकार परिषद की दखल के बाद उन्हें स्पेन जा कर आंख का ऑपरेशन कराने की अनुमति मिली। 20 अगस्त 2020 को नावाल्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह मॉस्को जा रहे थे कि विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई और उन्हों तुरंत आईसीयू में दाखिल कराया गया। नावाल्नी की प्रवक्ता का कहना है कि शायद चाय के जरिए उन्हें जहर देने की कोशिश की गई थी।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story