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आतंकियों को पालना पाकिस्तान को पड़ेगा भारी, FATF कर सकता है ब्लैक लिस्ट
अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने आज पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने का फैसला कर सकती है। FATF टेरर फडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों पर नजर रखती है।
पेरिस: आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम पाकिस्तान बखूबी करता है। लेकिन अब उसके लिए ऐसा करना भारी पड़ सकता है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) आज पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने का फैसला कर सकती है। FATF टेरर फडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों पर नजर रखती है। फिलहाल अभी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में शामिल है। FATF ने ये माना है कि पाकिस्तान आतंकी फंडिंग को रोकने में असफल रहा है।
ये तीनों देश फिर बचा सकते हैं पाकिस्तान को-
बता दें कि FATF के 39 सदस्य देश मिलकर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने का फैसला लेंगे। इस साल कुछ देशों जैसे चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट किये जाने के फैसले का विरोध किया था। साथ पिछले महीने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में इन देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि ये तीनों देश एक बार फिर से पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट होने से बचा सकते हैं।
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दी जाएगी अंतिम चेतावनी-
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान अगर ब्लैक लिस्ट में आने से बच भी जाता है तो उसको कड़ी चेतावनी दी जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के अनुचित प्रदर्शन को देखते हुए FATF द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। पाकिस्तान ने केवल 27 बिंदुओं में से 6 बिंदुओं को ही पारित कर पाया है। अगर पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट नहीं हुआ तो उसे डार्क ग्रे सूची में डाला जा सकता है, जो सुधरने की अंतिम चेतावनी होगी।
भारत ने की ब्लैक लिस्ट करने की मांग-
पेरिस में इस हफ्ते FATF की बैठक हुई थी। बैठक में शामिल होने वाले अधिकारियों ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने कोई जरुरी कदम नहीं उठाया तो उसको सभी सदस्यों द्वारा अलग-थलग कर दिया जाएगा।
बैठक में भारत की ओर से कहा गया कि इस्लामाबाद ने आतंकी हाफिज सईद को फ्रीज चल रहे अकाउंट से पैसे निकालने की अनुमति दी। ऐसे में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला जाना चाहिए।
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FATF के नियमों के तहत, ग्रे और ब्लैक लिस्ट के बीच एक महत्वपूर्ण चरण है, जिसको डार्क ग्रे कहा जाता है। इसका मतलब देश को सुधरने के लिए आखिरी मौका दिया जाता है।
ब्लैक लिस्ट होने पर पाकिस्तान को झेलनी पड़ेगी मुश्किलें-
FATF में अगर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है तो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक और यूरोपीय संघ पाकिस्तान को कर्ज देने से मना कर सकते हैं। पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहा है ऐसे में पाकिस्तान की स्थिति और खराब हो जाएगी। इसके अलावा पाकिस्तान को इंटरनेशनल मार्केट से भी किसी तरह के लोन मिलने में मुश्किल होगी।
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