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दौलत कमानी है तो फॉलो करें ये रूल्स
दुनिया के सबसे अमीर आदमी कहे जाने वाले वॉरेन एडवर्ड बफेट का आज जन्मदिन है। वॉरेन के पास 79 अरब अमेरिकी डालर की संपत्ति है। बफेट 30 अगस्त 1930 को ओमाहा, नेब्रास्का में पैदा हुए थे।
रामकृष्ण वाजपेयी
लखनऊ : दुनिया के सबसे अमीर आदमी कहे जाने वाले वॉरेन एडवर्ड बफेट का आज जन्मदिन है। वॉरेन के पास 79 अरब अमेरिकी डालर की संपत्ति है। बफेट 30 अगस्त 1930 को ओमाहा, नेब्रास्का में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम हावर्ड और लीला स्टाल था। चूंकि उनके पिता शेयर दलाल थे इसलिए शेयर बाजार का ज्ञान उन्हें घुट्टी में मिला।
लेकिन बफेट के पहले गुरु बने बेंजामिन ग्राहम जो कि इनके पिता के सलाहकार थे। वारेन के ऊपर ग्राहम का कुछ ऐसा असर पड़ा कि खुद उन्होंने कहा कि मै 15 फीसद फिलिप अर्थर फिशर हूं और 85 फीसद बेंजामिन ग्राहम।
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मिला पहला गुरूमंत्र
वारेन के शब्दों में ग्राहम ने उन्हें जो पहला मंत्र दिया था वह सौ साल बीतने के बाद आज भी उतना ही सटीक है। ग्राहम ने वारेन से कहा था कि शेयर को एक व्यवसाय के रूप में देखना, बाजार के उतार चढ़ाव को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना और सुरक्षा की गुंजाइश बनी रहे इसका प्रयास करना।
वैसे तो वॉरेन अमेरिकी निवेशक, व्यवसायी हैं लेकिन उनकी एक और खासियत है परोपकार का गुण जिसके लिए वह पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। अपने गुणों के कारण ही बफेट को ओमाहा के ओरेकल भी कहा जाता है।
उन्हें वेल्यू इंवस्टिंग थ्योरी और फ्रुगैलिटी (व्यक्तिगत मितव्ययिता) के लिए भी जाना जाता है। बफेट का सालाना वेतन एक लाख अमेरिकी डालर सालाना है जो कि उनके समकालीनों की तुलना में काफी कम है।
बफेट का अपनी जमीन और मिट्टी से जुड़ाव किस हद तक है इसे एक बात से समझा जा सकता है कि वह आज भी ओमाहा के सेंट्रल डुंडी के निकट उसी मकान में रह रहे हैं जो उन्होंने 1958 में 31 हजार पांच सौ डालर में खरीदा था। हालांकि आज इसकी कीमत बढ़कर सात लाख डालर हो चुकी है।
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संपत्ति दान करने की योजना
वर्ष 2006 में बफेट अपनी संपत्ति दान करने की योजना का भी एलान कर चुके हैं। जिसके अनुसार उनकी 83 फीसद संपत्ति बिल गेल फाउंडेशन को जानी है।
आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि बफेट ने अपना पहला आयकर विवरण मात्र 13 साल की उम्र में दायर किया था। और अपनी साइकिल बेचने से मिले पैसे को घाटे के रूप में दिखा दिया था।
इसी तरह बफेट जब 15 साल के थे तो उन्होंने एक साथी के साथ मिलकर एक सेकंड हैंड पिनबाल मशीन 25 डालर में खरीदी और उसे एक नाई की दुकान में रख दिया। मात्र कुछ महीनों में उनके पास अलग अलग जगह तीन मशीनें हो गईं। यह तो हुई पूत के पांव पालने में दिखने की बात।
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21 साल में दिखाया प्रतिभा का असली चमत्कार
बफेट जब 21 साल के थे तो अपनी प्रतिभा का असली चमत्कार दिखाया आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल बफेट ने पता लगाया कि उनके आरंभिक गुरु ग्राहम जीईआईसीओ बीमा कम्पनी के बोर्ड के सदस्य हैं।
एक शनिवार वह एक ट्रेन से वाशिंगटन स्थित जीईआईसीओ के मुख्यालय पहुंचे और कंपनी के दरवाजे पर तब तक दस्तक देते रहे जब तक एक जमादार नें उन्हें अन्दर नहीं आने दिया। वहां उनकी मुलाकात लोरिमर डेविडसन से हुई जो कंपनी के उपाध्यक्ष थे।
उन्होनें चार घंटों तक बीमा कारोबार के विषय में डेविडसन से बात की। और बाद में दोनो अच्छे दोस्त बन गए। डेविडसन इस घटना को याद करते हुए कहते हैं कि केवल 15 मिनट की चर्चा के बाद वो समझ गए की बफेट एक "असाधारण व्यक्ति" हैं।
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करना चाहते थे ये काम
कोलंबिया से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद वह वॉल स्ट्रीट के लिए काम करना चाहते थे। लेकिन उनके पिता और ग्राहम दोनो ने उन्हें मना कर दिया। इसके बाद उन्होनें सिंक्लेयर टेक्साको गैस स्टेशन को एक चलते फिरते निवेश की तरह ख़रीदा, परन्तु इसमें उन्हें आशातीत सफलता नहीं मिल पायी।
इसके बाद उन्होने साझेदारी से काम की शुरुआत की जिसमें आशातीत सफलता मिलती गई और साझेदारियां साल दर साल बढ़ती गईं।
32 की उम्र में बने करोड़पति
1962 में मात्र 32 वर्ष की उम्र में बफेट करोड़पति बन गए। मात्र 36 साल की उम्र में बफेट की स्थिति इतनी मजबूत हो गई कि उन्होंने नई पूंजी का निवेश साझेदारी में लेना बंद कर दिया। 39 साल की उम्र में उन्होंने साझेदारी ख़तम कर संपत्ति अपने साझेदारों को हस्तांतरित कर दी। दी गई संपत्ति में बर्क़शायर हैथवे के शेयर भी शामिल थे।
बफेट ने 49 साल की उम्र में बर्क़ शायर के जरिये एबीसी के शेयर खरीदने की शुरुआत की। जब शेयर का भाव २९० डॉलर था, बफेट की जमा पूंजी 14 करोड़ डॉलर थी। हालांकि, वह केवल 50000 अमेरिकी डालर प्रति वर्ष के अपने वेतन पर थे।
बर्क़शायर नें वर्ष की शुरुआत 775 डॉलर प्रति शेयर से की और अंत 1310 डॉलर पर किया और जब यह पूरा हुआ तो बफेट दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन चुके थे उनकी जमा पूंजी 62 करोड़ डॉलर पहुँच गई थी।
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लेकिन दुनिया का यह सबसे अमीर आदमी अभी रुकना नहीं चाहता था बफेट ने कोका कोला कंपनी के स्टॉक खरीदने शुरू किए और कंपनी की लगभग 7 प्रतिशत हिस्सेदारी 1.02 अरब डॉलर में खरीद ली। ये बर्क़शायर के सबसे आकर्षक निवेशों में से एक था, जिसे उन्होनें अभी तक रखा हुआ है।
बफेट 12 घंटे ये खेलते
आपको राज की बात और बताएं बफेट हफ्ते में 12 घंटे ब्रिज खेलते हुए बिताते हैं। कहा यह भी जाता है कि बफेट सेल फ़ोन नहीं रखते हैं, उनकी मेज़ पर कोई कम्प्यूटर नहीं है और वो अपनी कार कैडिलैक डीटीएस खुद चलाते हैं।
दुनिया के इस सबसे अमीर आदमी की जिंदगी के कुछ नियम भी हैं। जिसमें पहला है कभी भी पैसा मत गंवायें और दूसरा है कभी भी नियम न. 1 को न भूलें।
इसके अलावा उनका मानना है अपनी साख बनाने में 20 साल लग जाते है वही इसे गंवाने में बस 5 मिनट लगते है। अगर आप इस बारे में सोचेंगे तो चीजें अलग तरीके से कर सकते हैं।
उनका यह भी नियम है कि खुद से बेहतर लोगो के साथ समय बिताना हमेशा अच्छा होता है। ऐसे लोगों को सहयोगी बनायें जिनका व्यवहार आपसे अच्छा हो। आप उस दिशा में कदम बढ़ा लेंगे।
अगर बिजनेस अच्छा होने लग जाता है तो स्टाक अपने आप अच्छे करने लगते है। समय अच्छी कम्पनियों का मित्र होता है वही औसत दर्जे की कम्पनियों का दुश्मन। ज्वार चले जाने के बाद ही पता लगता है की कौन लोग नंगे तैर रहे थे।
कीमत वह होती है जो आप भुगतान करते है वही मूल्य वह है जो आप पाते है। मार्केट में जो उतार – चढाव होते है उसे अपना दोस्त समझिये। दुसरो की मुर्खता का लाभ उठाये लेकिन इसका हिस्सा मत बनिए।
जब सब लालची बन जाते है तब हम डर के रहते है वही जब सब डर जाते है तब हम लालची बन जाते है। मुझे हमेशा से यह यकीन था की मैं अमीर बनने जा रहा हूँ। मैंने कभी भी इस पर एक मिनट भी शक नहीं किया।