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इमरान सरकार ने ISI के पूर्व प्रमुख पर लगाया भारत के इशारे पर काम करने का आरोप

असद दुर्रानी पाकिस्तान में आईएसआई के प्रमुख रहे हैं। उन्होंने अगस्त 1990 से लेकर मार्च 1993 तक बतौर आईएसआई चीफ अपनी सेवाएं दी हैं। 1998 में पाकिस्तान की मिलिटरी इंटेलिजेंस के डायरेक्टर जनरल के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं।

Aditya Mishra
Published on: 28 Jan 2021 12:37 PM GMT
इमरान सरकार ने ISI के पूर्व प्रमुख पर लगाया भारत के इशारे पर काम करने का आरोप
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दुर्रानी के खिलाफ जांच जारी है इसलिए उनका नाम नो-फ्लाई लिस्ट से नहीं हटाया जा सकता है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में जल्द ही आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी की मुश्किलें बढ़ने वाली है। बुधवार को इस बात के संकेत मिले हैं।

दरअसल पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ये कहकर सनसनी मचा दी कि खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी भारत परस्त हैं और वह साल 2008 से ही भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के संपर्क में हैं।

बता दें कि दुर्रानी ने अपना नाम ‘नो फ्लाई लिस्ट’ से हटवाने के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिका के जवाब में पाकिस्तान की सरकार ने कोर्ट के सामने ये बातें कही हैं।

Asad Durrani इमरान सरकार ने ISI के पूर्व प्रमुख पर लगाया भारत के इशारे पर काम करने का आरोप(फोटो: सोशल मीडिया)

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पाकिस्तान सरकार को क्यों है असद दुर्रानी के नाम से चिढ़

असद दुर्रानी पाकिस्तान में आईएसआई के प्रमुख रहे हैं। उन्होंने अगस्त 1990 से लेकर मार्च 1993 तक बतौर आईएसआई चीफ अपनी सेवाएं दी हैं। 1998 में पाकिस्तान की मिलिटरी इंटेलिजेंस के डायरेक्टर जनरल के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं।

पाकिस्तान सरकार उनसे इसलिए चिढ़ती है क्योंकि दुर्रानी पाकिस्तानी सेना की खुलकर आलोचना करते रहे हैं। अभी हाल ही में दुर्रानी ने एक बयान में कहा था कि पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा भारत नहीं बल्कि उसकी अपनी आंतरिक चुनौतियां हैं। उन्होंने पाकिस्तान की राजनीति में सेना के दखल की सच्चाई स्वीकार करते हुए कहा था कि ये देश के लिए बेहद खतरनाक है।

इतना ही नहीं दुर्रानी ने ये भी कहा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सबसे बड़ी समस्या ये है कि उनकी छवि एक ऐसे शख्स के तौर पर है जो सत्ता में अपने बलबूते नहीं आया है और जिसके कंधों पर खाकी (सेना) का बोझ है।

कब और कैसे चढ़ें पाकिस्तान की नजरों में?

रिपोर्ट्स के अनुसार आईएसआई के पूर्व चीफ असद दुर्रानी तब से पाकिस्तानी सेना की नजरों में चुभे हुए हैं जबसे उन्होंने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दौलत के साथ मिलकर साल 2018 में ‘द स्पाई क्रोनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूजन ऑफ पीस’ नाम की किताब लिखी।

इस किताब के आने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने दुर्रानी का नाम 'एग्जिट कंट्रोल लिस्ट' में डाल दिया और सेना ने उनकी पेंशन, भत्ते और अन्य सुविधाओं को छीन लिया था।

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Asad Durrani इमरान सरकार ने ISI के पूर्व प्रमुख पर लगाया भारत के इशारे पर काम करने का आरोप(फोटो: सोशल मीडिया)

पाकिस्तान सरकार ने दुर्रानी पर लगाये कई गंभीर आरोप

पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दुर्रानी के खिलाफ जांच जारी है इसलिए उनका नाम नो-फ्लाई लिस्ट से नहीं हटाया जा सकता है। उनकी किताब में पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सामाग्री है जोकि ऑफिशल सीक्रेट्स ऐक्ट, 1923 के प्रावधानों का भी उल्लघंन है।

इससे पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व पर सवालिया निशान लगाने वाले और उसके बारे में धारण बनाने की दुश्मनों की कोशिशों को बढ़ावा मिल सकता है।

मंत्रालय की तरफ से ये भी कहा गया है कि दुर्रानी दुश्मनों के संपर्क में हैं, खासकर वह साल 2008 से ही भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के संपर्क में हैं। एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में दुर्रानी का नाम शामिल किए जाने से दुर्रानी के मूल अधिकारों का हनन नहीं होता है।

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