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ट्रंप का बुरा हाल: छिपना पड़ा सबसे, ये थी सबसे बड़ी वजह

अमेरिका में अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया है। अमेरिका के 30 शहर हिंसा की आग में झुलस गए हैं। इसकी आंच रविवार को व्हाइट हाउस तक पहुंच गई।

Shreya
Published on: 1 Jun 2020 5:05 PM IST
ट्रंप का बुरा हाल: छिपना पड़ा सबसे, ये थी सबसे बड़ी वजह
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वॉशिंगटन: अमेरिका में अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया है। अमेरिका के 30 शहर हिंसा की आग में झुलस गए हैं। इसकी आंच रविवार को व्हाइट हाउस तक पहुंच गई। अमेरिका के 30 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है। व्हाइट हाउस के पास लगातार तीन दिन से उग्र प्रदर्शन हो रहा है।

हालात बिगड़ने के बाद ट्रंप को गुप्त जगह छिपाया गया

29 मई की रात व्हाइट हाउस के सामने हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे और जॉर्ज फ्लॉयड के लिए इंसाफ की मांग करते दिखे। व्हाइट हाउस के बाहर हालात बिगड़ने के बाद सुरक्षा अधिकारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अंडरग्राउंड बंकर में लेकर चले गए। ट्रंप को वहां करीब एक घंटे तक रखा गया।

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ट्रंप ने वामपंथ को ठहराया जिम्मेदार

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलग-अलग शहरों में जारी हिंसा पर देश के वामपंथ को जिम्मेदार बताया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि जॉर्ज फ्लॉयड के लिए शुरू हुए आंदोलन को हाइजैक कर लिया गया है और अब उन्होंने ऐसे लोगों को आतंकवादी घोषित करने का फैसला किया है।

Antifa को आतंकवादी संगठन करार देंगे ट्रंप

ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि अमेरिका Antifa को आतंकवादी संगठन करार देगा। ट्रंप ने हिंसा के पीछे वामपंथी संगठनों को जिम्मेदार बताया है जिन्हें आमतौर पर Antifa कहा जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है Antifa, जिसके चलते अमेरिकी प्रेसिडेंट को भी छिपने के लिए होना पड़ा मजबूर-

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जानिए किसे कहते हैं Antifa

दरअसल, अमेरिका में फासीवाद के विरोधी लोगों को Antifa (anti-fascists) कहा जाता है। अमेरिका में Antifa आंदोलन उग्रवादी, वामपंथी और फासीवादी विरोधी आंदोलन के लिए प्रयोग किया जाता है। ये लोग नव-नाजी, नव-फासीवाद, श्वेत सुपीरियॉरिटी और रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ते और सरकार के खिलाफ खड़े रहते हैं। इस आंदोलन से जुड़े लोग आमतौर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हैं, रैलियां करते हैं।

ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद दोबारा हुए सक्रिय

साल 2000 से लेकर हाल के दिनों तक Antifa संगठन निष्क्रिय सा पड़ा रहा लेकिन ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से ये संगठन दोबारा सक्रिया हो गया। अलग-अलग पृष्ठभूमि से आए इस सगंठन के सदस्य ज्यादातर सरकार के विरोध में खड़े होते हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हैं। लेकिन कई बार ये विरोध के दौरान हिंसक भी हो जाते हैं। यही कारण है कि ट्रंप अलग-अलग शहरों में जारी हिंसा के लिए इस संगठन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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मुंह पर कपड़ा बांधकर या हेलमेट पहनकर करते हैं प्रदर्शन

कहा जाता है कि इस संगठन में ज्यादातर छात्र या छात्र संगठन सक्रिय होते हैं। इनका अश्वेत लोगों के अधिकारों पर काम करने वाली संस्थाएं गुप्त रूप से सहयोग करती हैं। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए Antifa संगठन के सदस्य मुंह पर कपड़ा बांधकर या हेलमेट पहनकर प्रदर्शन करते हैं। आधिकारिक तौर पर इनका कोई नेता नहीं है, जिससे पुलिस बात कर सके।

सिर से पैर तक काले कपड़े

एंटीफा सदस्य अक्सर सिर से पैर तक काले कपड़े पहने होते हैं। इसके पीछे भी एक खास वजह है। दरअसल, वेस्ट जर्मनी में कोल्ड वॉर के दौरान इसकी शुरुआत हुई थी। तब विरोध प्रदर्शन का यही तरीका हुआ करता था। इस तरीके को ब्लैक ब्लॉक कहा जाता है। चूंकि काले कपड़े वेस्ट में काफी प्रचलित हैं, तो काले कपड़े पहने हुए इसके सदस्य मुसीबत आने पर आसानी से बिखर जाते हैं और उनकी पहचान नहीं हो पाती है।

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