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Germany Immigration Law: जर्मनी को नहीं चाहिए अप्रवासी, नए सख्त उपायों को मंजूरी
Germany Immigration Law: सरकार की खुली नीतियों से अब जर्मन लोग आज़िज़ आ चुके हैं। जिसके चलते जर्मनी में बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासियों पर अंकुश लगाने के लिए नए और सख्त उपायों पर सरकार सहमत हुई है।
Germany Immigration Law: अमीर यूरोप में ठौर - ठिकाना तलाशने वालों के लिए जर्मनी बेहद आकर्षक गंतव्य है। बांहें फैलाये खड़ी सरकार, काम की कमी नहीं, आसानी से शरण का इंतजाम। इसी चक्कर में एशिया, अफ्रीका से इतने ज्यादा वैध-अवैध अप्रवासियों का मजमा हो गया है कि देश का सिस्टम ही बैठा जा रहा है। सीरिया, इराक, लेबनान, अफगानिस्तान, तुर्की, वगरैह तमाम देशों के ऐसे लोगों की भीड़ लगी है जो बस जर्मनी की अमीरी और आज़ाद समाज का फायदा उठाना चाहते हैं।
लेकिन सरकार की खुली नीतियों से अब जर्मन लोग आज़िज़ आ चुके हैं। जिसके चलते जर्मनी में बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासियों पर अंकुश लगाने के लिए नए और सख्त उपायों पर सरकार सहमत हुई है। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और 16 राज्यों के गवर्नरों के बीच 7 नवम्बर को एक ऐसे मुद्दे पर समझौता हुआ जो सरकार के लिए एक बड़ी राजनीतिक समस्या बन गया है।
नए उपायों में शरण प्रक्रियाओं में तेजी लाना, शरणार्थियों को जो लाभ मिलते हैं उनपर प्रतिबंध और लोगों की बाढ़ से निपटने वाले राज्यों और स्थानीय समुदायों के लिए संघीय सरकार से अधिक वित्तीय सहायता शामिल है।
ऐतिहासिक क्षण
कई घंटों तक चली रात भर की बैठक के बाद 7 नवम्बर की सुबह चांसलर स्कोल्ज़ ने समझौते को "एक ऐतिहासिक क्षण" करार दिया। इस टिप्पणी से पता चलता है कि यह विषय सरकार के लिए कितना बोझ बन गया था।
जर्मनी में इस साल जनवरी से सितंबर की अवधि में 2,50,000 से अधिक लोगों ने शरण के लिए आवेदन किया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 1,30,000 से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। अधिकांश शरण चाहने वाले सीरिया, अफगानिस्तान और तुर्की से आते हैं।
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आश्रय स्थल ठसाठस भरे
जर्मनी में महीनों से प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए आश्रय स्थल हाउसफुल हो गए हैं और चांसलर स्कोल्ज़ को इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए विपक्ष और अन्य जगहों से भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
- आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल अब तक नए शरण आवेदनों की संख्या पिछले साल की समान अवधि की तुलना में सितंबर के अंत में लगभग 73 फीसदी अधिक थी।
- जर्मनी ने रूस यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से 10 लाख से अधिक यूक्रेनियनों को अपने यहां शरण दी हुई है।
- हाल के सप्ताहों में, सरकारी गतिविधियों में तेजी आई है, जिसमें शरण पाने में असफल लोगों के निर्वासन को आसान बनाने, तस्करों के लिए कड़ी सजा देने, शरण चाहने वालों को जल्द काम शुरू करने की अनुमति देने और पोलैंड व स्विट्ज़रलैंड की सीमाओं पर अस्थायी जांच शुरू करने के लिए कानून शामिल है।
नए समझौते में है क्या?
संघीय और राज्य सरकारें शरण चाहने वालों के लिए लागत के वित्तपोषण की प्रणाली को बदलने के लिए सहमत हुईं हैं। अगले साल से, संघीय सरकार प्रत्येक शरण चाहने वाले के लिए 8,000 डॉलर की वार्षिक एकमुश्त राशि का भुगतान करेगी।
- शरण चाहने वालों को अपने लाभों का कम से कम एक हिस्सा भुगतान कार्ड पर क्रेडिट के रूप में प्राप्त करना होगा, जिसका अर्थ है कि उन्हें भविष्य में कम नकदी मिलेगी।
- कुछ राज्य के राज्यपालों ने प्रवासियों को आने से रोकने के लिए जर्मनी के बाहर शरण प्रक्रियाओं के संचालन की एक नई प्रणाली का आह्वान किया था, लेकिन यह उपाय पारित नहीं हुआ। हालाँकि, संघीय सरकार ने कहा कि वह जाँच करेगी कि क्या यूरोपीय संघ के बाहर शरण प्रक्रियाएँ संभव हैं।
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- अन्य उपायों में, शरण प्रक्रियाओं को पहले की तुलना में तेजी से प्रोसेस किया जाना शामिल है, और 5 फीसदी से कम मान्यता दर वाले देशों से आने वाले लोगों के शरण आवेदनों को तीन महीने के भीतर पूरा किया जाना है।
- जर्मनी ने स्विट्जरलैंड, चेक गणराज्य, पोलैंड और ऑस्ट्रिया के साथ अपनी सीमाओं पर जो नियंत्रण स्थापित किया है, उसे बढ़ाया जाना है।