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संकट में पाकिस्तान सरकार, अब इस बला को कैसे रोकेंगे इमरान

दूसरी तरफ विपक्ष के पास 156 सीटें हैं, इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के पास 84 सीटें हैं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पास 55, मुतहिदा मजलिस-ए-अमल पाकिस्तान के पास 16 और अवामी नेशनल पार्टी के पास एक सीट है।

राम केवी
Published on: 17 Jun 2020 5:16 PM IST
संकट में पाकिस्तान सरकार, अब इस बला को कैसे रोकेंगे इमरान
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चूक कर गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलने के शगल इमरान खान कुछ ऐसे डूबे कि ये बात भूल गए कि खुद उनकी कुर्सी खिसक रही है। अभी अभी मिली एक खबर के अनुसार बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल के अध्यक्ष (बीएनपी-एम) सरदार अख्तर मेंगल ने बुधवार को पार्टी के साथ समझौते को लागू करने में विफलता को लेकर पीटीआई के नेतृत्व वाली संघीय सरकार के साथ अपने गठबंधन से अपनी पार्टी की वापसी की घोषणा कर दी है।

हालांकि इस बात के संकेत काफी समय से मिल रहे थे लेकिन कोरोना के कहर से बेचैन इमरान को कुछ करने का मौका ही नहीं मिला अब ये भी खबर है कि पाकिस्तान में किसी भी समय मार्शल लॉ लगाया जा सकता है।

फजीहत के शिकार इमरान

कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर तमाम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के हाथों करारी हार और पाकिस्तान की बदहाल आर्थिक व्यवस्था के बीच इमरान खान अपने ही देश में बुरी तरह घिर गए हैं।

नेशनल असेंबली के एक सत्र के दौरान बोलते हुए, सरदार अख्तर मेंगल ने कहा: "मैं आधिकारिक तौर पर घोषणा कर रहा हूं कि हमारी पार्टी पीटीआई के साथ गठबंधन को समाप्त कर रही है। हम संसद में रहेंगे और मुद्दों के बारे में बात करेंगे।"

मेंगल ने कहा कि पीटीआई ने 2018 चुनावों के बाद और बाद में राष्ट्रपति चुनावों के दौरान सरकार गठन के समय पार्टी के साथ दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन समझौते के एक भी बिंदु को लागू नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें अवैध और असंवैधानिक थीं, तो हम मौत का सामना करने के लिए भी तैयार हैं। लेकिन फिर उन सभी को जो इन आरोपों पर अपने हस्ताक्षर डालते हैं, उन्हें भी सामना करना चाहिए।

हम गुलाम नहीं

मेंगल ने विधानसभा के समक्ष लापता व्यक्तियों की दो अलग-अलग सूची प्रस्तुत की। सूची में 18 लोगों के नाम थे, जिन्हें अब तक बरामद किया गया है, जबकि दूसरे में लगभग 500 लोगों के नाम हैं, जो पीटीआई के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद गायब हो गए थे।

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर आने का निर्णय पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति की कई बैठकों के बाद किया गया था। उन्होंने दावा किया, "बलूचिस्तान में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है, मौत के दस्तों को फिर से सक्रिय किया गया है।"

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उन्होंने कहा कि प्रांत के लोग "गुलाम नहीं" और उन्होंने सवाल किया कि अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए आयोजित सम्मेलन की तर्ज पर बलूचिस्तान शांति सम्मेलन क्यों नहीं बुलाया जा सकता है।

बलूच नेता ने कहा कि सरकार बलूचिस्तान से अधिक कश्मीर को लेकर चिंतित है। सरकार उस कश्मीर के लिए कमेटी गठित कर रही है जो उसका नहीं है लेकिन उनके बारे में नहीं जो उसके साथ हैं। उन्होंने कहा कि इस सदन में गेहूं चीनी और टमाटर पर चर्चा हो सकती है लेकिन बलूच लोगों की हत्याओं पर नहीं।

ये है स्थिति

बीएनपी-एम की वापसी से पहले, पीटीआई ने नेशनल असेंबली में 156 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया, जबकि उसके पास सभी सहयोगियों के साथ संसद के निचले सदन में कुल 186 सीटें थीं। MQM की सात, PML-Q की पांच, बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) की पांच, BNP-M की चार, ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) की तीन और जम्हूरी वतन पार्टी (JWP) और अवामी मुस्लिम लीग के पास चार-चार के अलावा एक-एक सीट स्वतंत्र हैं।

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दूसरी तरफ विपक्ष के पास 156 सीटें हैं, इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के पास 84 सीटें हैं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पास 55, मुतहिदा मजलिस-ए-अमल पाकिस्तान के पास 16 और अवामी नेशनल पार्टी के पास एक सीट है।

ये खबरें भी आ रही हैं कि पाकिस्तानी सेना जल्द ही इमरान खान को प्रधानमंत्री के पद से हटा कर देश में मार्शल लॉ का औपचारिक ऐलान कर सकती है। पाकिस्तानी सेना कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के उपायों को लेकर इमरान खान सरकार से सख्त नाराज चल रही है। पाकिस्तान में पिछले दो महीनों के दौरान प्रशासन के अलग-अलग 12 पदों पर लेफिटनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों को तैनात किया जा चुका है।



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