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चीन को तगड़ा झटका: इस देश ने की हालत खराब, लाखों लोगों को बुलाएगा अपने देश

चीन को ब्रिटेन से तगड़ा झटका मिला है। ब्रिटेन ने एलान किया है कि वह हॉन्ग कॉन्ग के तकरीबन 30 लाख लोगों को अपने देश आने की पेशकश करेगा। आपको बता दें कि हॉन्ग कॉन्ग की कुल आबादी 74 लाख है।

Shreya
Published on: 3 Jun 2020 9:48 AM GMT
चीन को तगड़ा झटका: इस देश ने की हालत खराब, लाखों लोगों को बुलाएगा अपने देश
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लंदन: चीन को ब्रिटेन से तगड़ा झटका मिला है। ब्रिटेन ने एलान किया है कि वह हॉन्ग कॉन्ग के तकरीबन 30 लाख लोगों को अपने देश आने की पेशकश करेगा। आपको बता दें कि हॉन्ग कॉन्ग की कुल आबादी 74 लाख है। इससे पहले चीन हॉन्ग कॉन्ग पर पूरी तरह से अपना अधिकार करने के लिए ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून’ नाम नए कानून को मंजूदी दी है। जिसका हॉन्ग कॉन्ग में बड़े स्तर पर विरोध किया जा रहा है। बता दें कि चीन हमेशा से ही हॉन्ग कॉन्ग पर अपना अधिकार जताता रहा है।

हॉन्ग कॉन्ग के नागरिकों को दी जाएगी ब्रिटेन की नागरिकता

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि अगर चीन द्वारा हॉन्ग कॉन्ग में मानवाधिकार का हनन किया जाता है तो उनके पास वहां के नागरिकों को ब्रिटेन की नागरिकता देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा।

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ब्रिटेन के साथ टूट जाएगा चीन का करार

बता दें कि हॉन्ग कॉन्ग चीन को सौंपे जाने से पहले एक ब्रिटिश कॉलोनी था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून से हॉन्ग कॉन्ग की ऑटोनॉमी छीन जाएगी। अगर चीन ऐसा करता है तो ब्रिटेन के साथ उसका करार भी टूट जाएगा।

वीजा सिस्टम में करना पड़ेगा बदलाव

बोरिस जॉनसन ने कहा कि चीन के दमन के चलते उन्हें ब्रिटेन के वीजा सिस्टम में बदलाव करना पड़ेगा, जो ब्रिटेन के इतिहास में वीजा प्रक्रिया में किया गया सबसे बड़ा बदलाव होगा। बता दें कि चीन की संसद ने बीते गुरूवार यानि 28 मई को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून’ को हॉन्ग कॉन्ग में लागू करने की मंजूरी दे दी थी। इस कानून को एक महीने के अंदर हॉन्ग कॉन्ग में लागू करने की बात कही जा रही है।

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क्या है ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून’?

अगर ये कानून लागू हो जाता है तो इसके तहत अगर हॉन्ग कॉन्ग का कोई भी शख्स चीन में कोई जुर्म करता है तो उस व्यक्ति को जांच के लिए प्रत्यर्पित किया जा सकेगा। इस बिल में पहले इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था। पहले ऐसा किसी के अपराध करने पर दूसरे देश में प्रत्यर्पित करने की संधि नहीं थी। लेकिन इस बिल में संशोधन किया गया और कई देशों (चीन, ताइवान, मकाऊ) के साथ संधि की गई है।

बता दें कि हॉन्ग कॉन्ग के करीब तीन लाख पचास हजार लोगों के पास ब्रिटेन का नेशनल ओवरसीज (BNO) पासपोर्ट है। जबकि 25 लाख लोग इस नेशनल ओवरसीज पासपोर्ट के लिए एलिजिबल हैं। इस पासपोर्ट के साथ बिना वीजा छह महीने तक ब्रिटेन में रहा जा सकता है।

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12 महीने के लिए वीजा प्रदान करेगा ब्रिटेन

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि अगर चीन ये कानून लागू करता है तो ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज पासपोर्ट वाले लोगों को 12 महीने के लिए वीजा प्रदान करेगा। साथ ही उन्हें काम करने का भी अधिकार देगा। उसके बाद 12 महीने बाद वीजा को रिन्यू कर दिया जाएगा। इस तरह हॉन्ग कॉन्ग के नागरिक वहां की नागरिकता हासिल करने के दायरे में आ जाएंगे।

चीन इसके खिलाफ करेगा कार्रवाई

वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन के ऐसे प्रस्ताव का विरोध किया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा था कि BNO पासपोर्ट हासिल करने वाले सभी लोग चीन के नागरिक है। अगर ब्रिटेन वीजा प्रक्रिया में बदलाव करता है तो ये उसके अपने नियम और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा। चीन इसके खिलाफ कार्रवाई अवश्य करेगा।

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